Sunday 24 December 2023

कर्ण चरित - 154


कर्ण  चरित :- कुंती, सूर्य, राधा, अधिरथ, वृषाली, सुप्रिया (उर्वि), वृषसेन, 

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रही भक्त इक बालिका, कुन्ती उसका नाम, 
शूरसेन उसके पिता, कुंतिभोज घर धाम. 

मूल नाम उसका पृथा, यदुवंशी संतान,
कुंतिभोज पालक पिता, जपे नाम भगवान.

छोटी सी वह बालिका, करे अतिथि सत्कार, 
ऋषिगण का स्वागत करे, पाए उनका प्यार. 

दुर्वासा भी खुश हुए, दिया उसे वरदान, 
सिद्ध मंत्र की शक्ति से, करे देव आह्वान. 

उत्सुक हो उसने किया, सूर्य देव संज्ञान, 
पुत्रवती भव कह चले, दे अद्भुत वरदान.
-----05
एक कुंवारी बालिका, देगी जब संतान, 
हो संदेह चरित्र पर, भूल गई अरमान. 

क्या होगा, सोचा नहीं, ऐसा भी परिणाम,
लोक लाज से डर गई, सौंपा दासी काम. 

उचित समय पैदा हुआ, पुत्र एक महान, 
साथ रहा कुंडल कवच, ओजस्वी संतान. 

एक बकस में बंद कर, करती सरित प्रवाह, 
एक तरह से भूल जा, कभी न भरती आह. 

माँ की ममता कह रही, करो सोच परिणाम, 
नहीं परीक्षा लीजिए, गलत करा यह काम. 
-----10
राधा और अधिरथ को, मिला बकस उपहार, 
दंपति बिन संतान थे, देते पूरा प्यार. 

पाला अपने लाल सा, दिखता तेज अपार,
सूर्य पुत्र में आ गए, उनका सा व्यवहार. 

प्रखर बुद्धि उसकी रही, पाया थोड़ा ज्ञान, 
अधिरथ नाविक, सारथी, जाने शस्त्र महान. 

ताऊ ने उसको दिया, ज्ञान भरा संसार,
धर्म नीति की बात कर, सिखा दिया व्यवहार.

सूत और लुहार कहा, डाला भेद समाज,
रक्षक ही भक्षक बने, ढूॅंढें विष के काज. 
----15
भाई अनुज श्रोण रहा, राधा, अधिरथ पूत,
कर्ण तुल्य बल बुधि रही, कह कर समाज शूत.

कर्ण लड़े व्यवस्था से, शूत पुत्र अपमान,
अस्त्र विद्या प्रवीण बने, मिला नहीं सम्मान.

उसका संघर्ष करता, शासन को नाराज़ ,
भाई के मुख में दिया, पिघला स्वर्ण समाज.

शासन के आदेश से, करते दुष्कर काम,
नहीं चाह कोई रही, मिले उचित परिणाम.

शिक्षा हित भेजा उसे, अच्छी शिक्षा ध्येय,
राधा उसकी मात थी, नाम रखा राधेय. 
-----20
सखी वृषाली मीत थी, करती सच्चा प्यार,
तैयारी शादी रही, तभी समय की मार,
 
दुर्योधन स्वयंवर से हरे, कन्या कलिंग नरेश, दासी सुप्रिया मधुमती, चली संग परदेश.

विवश मधुमती हो गई, दुर्योधन पति मान,
किया मजबूर कर्ण को, सुप्रिया का आव्हान.

दोनों पत्नी बन गईं, कई हुईं संतान,
कहें वृषसेन खास थे, शेष आठ बलवान.

उसकी रुचि थी दान में, कभी नहीं इन्कार,
दानवीर उसको कहें, होती जय जय कार.
-------25
शासक हस्तिनापुर के, शांतनु उनका नाम,
काल चक्र हावी हुआ, करता अनर्थ काम.

गंगा से उनके हुए, सात पुत्र अवतार,
राजा कुछ पूछें नहीं, पहले किया करार.

बहा नदी में सब दिए, उन सब पर था श्राप,
अष्टम सुत देवव्रत थे, जिन्हें मिले थे बाप.

नहीं चाह फिर भी मिटी, सत्यवती से ब्याह,
कन्या थी मल्लाह की, राज पाट की चाह.

करी प्रतिज्ञा पुत्र ने, नहीं करूॅंगा ब्याह ,
उनका नाम भीष्म पड़ा, ना ही संतति चाह.
-------30
सत्यवती से पा गए, शांतनु दो संतान,
चित्रांगद अनुज बने, विचित्रवीर्य महान.

अनुज हते गंधर्व ने, अग्रज पाया राज, 
भीष्म हरते वरण हित, कन्या काशी राज.

अंबा चाहे और को, उसको वापस भेज, 
उसको स्वीकारा नहीं, पति ने किया गुरेज.

आ कर बोली भीष्म से, बनूॅं तुम्हारा काल,
बनी शिखंडी बाद में, बाकी करें निहाल.

विचित्रवीर्य जल्द मरे, हुई नहीं संतान,
माता की इच्छा रही, वंशज हों वरदान.
-----35
किया अनुरोध व्यास से, संतति करें प्रदान,
एक बंद करती नयन, थे धृतराष्ट्र निदान.

दूजी भय से पांडु को, जन्म पर पड़ी पीत,
दासी भेजी तीसरी, विदुर निभाते नीत.

पांडु बड़े जब हो गए, चिंता करी विवाह,
हस्तिनापुर राज में, कुंती लाए ब्याह.

दूजी पत्नी पांडु की, माद्री उसका नाम,
दोनों रहतीं बहन सम, था पूरा आराम.

एक कमी थी पांडु में, कर न सकें सहवास,
देवों का आव्हान कर, दी संतति की आस.
----40
धर्मराज युधिष्ठिर दें, पवन देव दें भीम,
अर्जुन जन्मे इंद्र से, अपने सुत की टीम.

माद्री ने उस मंत्र से, अश्विन का आव्हान,
नकुल, सहदेव सुत जने, जुड़वां भ्रात महान.

माद्री के रूप पर, पांडु हो गए मुग्ध,
अति उन्माद विहार से, हुआ निधन, सब क्षुब्ध.

माद्री होती तब सती, पांडु के साथ,
कारण थी पति निधन की, माना पूरा हाथ.

कुंती ने पाले तभी, पाॅंचो सुत समान,
दिया प्यार बराबर का, अपनी सी संतान.
----45
गांधारी ब्याही गई, धृतराष्ट्र के साथ,
पट्टी बांधी चक्षु पर, थामा पति का हाथ.

भाई शकुनि को लगा, हुआ बड़ा अपमान,
नेत्रहीन पति मिल गया, बहना अंध समान.

युद्ध किया धृतराष्ट्र ने, छीना सारा राज,
कैद किया परिवार को, भोजन बिना अनाज.

तब प्रण शकुनि ने किया, नष्ट धृतराष्ट्र वंश,
बनी पिता की अस्थियां, उसके पांसे अंश.

चतुर बोलने में रहा, वाणी करे प्रपंच,
करे निरुत्तर तर्क से, बिना लाज या रंज.
-----50
रानी गाॅंधारी करें, महादेव आव्हान,
प्रसन्न तप से शिव हुए, दें शत सुत वरदान. 
 
काल चक्र ऐसा चला, दो वर्ष रहा गर्भ, 
शतक सुतों के जन्म में, रहा धृतराष्ट्र दर्भ.

कुंठित रानी नष्ट करे, रखा पेट में वीर, 
चली बहाने घटक को, गंगा जी के तीर, 

राज हस्तिनापुर रहा, उस पर था उपकार ,
व्यास बुलाए कर्ण ने, घट में मंत्रोच्चार.

मंत्र शक्ति के तेज से, उनमें फूंके प्रान,
ऋषिवर दें सौ पिंड में, सबको जीवन दान.
------55
दुर्योधन सबसे बड़ा, बना दुशासन दोम,
अनुज शेष आतंक करें, जिससे सिहरे रोम.

राज हस्तिनापुर रहा, भीष्म बन गए ढाल, 
राज गुरू थे द्रोण बने, हो ना बांका बाल.

दोनों ही के गुरु रहे, ब्रह्म ऋषि परशुराम,
मजबूरी थी द्रोण की, लें शिक्षण का काम.

बंधे द्रोण संकल्प से, गुरु थे कुरु परिवार, 
शिक्षा केवल दें उन्हें, जिनको है अधिकार. 

मना किया राधेय को, पर था नहीं निराश, 
कठिन तपस्या वह करे, मन में रख कर आस. 
------60
वन में उसको मिल गए, परशुराम गुरु रूप,  ब्राह्मण समझ मान लिया, देवों का प्रतिरूप.

अति श्रम, संयम, लगन से, सीखा तीर कमान, 
नहीं वीर उस सा हुआ, साहस का प्रतिमान.

परशुराम वैरी रहे, जो भी क्षत्रिय होय, 
घोर वैर में मार कर, बार इक्कीस धोय. 

शिक्षा वह देते नहीं, यदि क्षत्रिय मिल जाय, 
घोर विरोधी वह रहे, कभी क्षत्रिय टकराय. 

एक दिवस की बात थी, गुरु करते आराम, बिच्छू काटे कर्ण को, रक्त बहे अविराम. 
-----65
जान तुरत ही वह गए, नहिं वामन का काम, 
पता नहीं था कर्ण को, अपना असली नाम. 

क्षत्रिय जाना क्रोध में, दिया कर्ण को श्राप, 
बेगुनाह पाए सजा, माता का था पाप. 

भूलेगा विद्या सभी, तू ने किया फरेब, 
वही मृत्यु कारण बने, तेरा झूठा ऐब.

रहे सुरक्षित कर्ण से, अर्जुन बचे उपाय, 
देवराज माया रची, ऋषि आश्रम में गाय.

बछड़ा मारा कर्ण ने, मदद अप्सरा जान, 
ऋषि ने उसे शाप दिया, वह मरे उसी स्थान,
-----70
ज्ञानी और वीर बड़ा, मिला नहीं सम्मान, 
सूतपुत्र उसको कहे, नाजायज संतान. 

राज कुमारी द्रुपद की, पांचाली का मेल, 
लक्ष्य वेधना मीन का, नीचे खौले तेल,

सुना स्वयंवर द्रौपदी, आए राज कुमार,
नयन मीन का वेध दे, जो कर पाए मार. 

लक्ष्य वेध ना कर सके, अनेक राज कुमार, 
मना द्रौपदी ने किया, सूतपुत्र का अधिकार.

किया अपमान कर्ण का, मन को गहरी मार,
सखी कहा उस को सदा, मान कृष्ण आभार.
-----75
कौरव भी आए वहाॅं, दुर्योधन युवराज,
बिन अधिकार उसे दिया, अंग देश का राज.

अपमानित से कर्ण को, मिला अचानक हाथ,
आभारी उसका बना, सदा निभाया साथ.

दोस्ती कहते हैं किसे, कर्ण और युवराज,
जीवन भर की मित्रता, जाने सकल समाज.

इंद्र प्रस्थ में बन गया, पांडव का साम्राज्य,
शिल्पी ने अद्भुत रचा, भवनों का समाज.  

पानी सूखा दिख रहा, सूखा दिखता नीर,
अंधे के अंधे कहा, बनी द्रौपदी पीर.
-----80
एक बार अर्जुन कहें, मैं करता अति दान,
समझाया फिर कृष्ण ने, इसमें कर्ण महान.

कृष्ण रखे तब स्वर्ण का, पर्वत एक विशाल,
पहले अर्जुन दान दें, याचक गण विकराल.

देख शकल देता रहा, सभी समय दिन रात,
तीन दिवस तक बाॅंटता, नहीं भीड़ छट पात.

मानी हार अर्जुन ने, कर्ण पुकारे श्याम,
पर्वत छू उसने कहा, कर लो अपना काम.  

निर्मोही हो गया वह, नहीं लोभ का नाम,
संयम रखा स्वभाव में, बढ़ा दोस्त आयाम.
-----85
ईर्ष्या नहीं पांडव से, रखता आदर भाव, 
उन्हें सतर्क कर्ण करे, मिले द्यूत प्रस्ताव.

दुर्योधन ने तब किया, चीर हरण आव्हान,
कड़ा विरोध कर्ण करे, रख नारी सम्मान.

दुर्योधन तो मीत था, पर गलत का विरोध,
सही राय देता सदा, करें झूठ अवरोध.

चले चाल मातुल सदा, रख कर नीयत खोट,
रखवा अस्त्र महारथी, पांचाली पर चोट.

दुर्योधन ने कह दिया, दास कर्ण इक बार,
गंभीरता से कर्ण ले, चुका रहा उपकार.
-----90
सेवक माना मीत का, भले हेतु तैयार,  
जोड़ लिया नाता नया, नहीं रहा वह यार.

दोबारा फिर द्यूत हो, शकुनि चली यह चाल,
फिर से वह संपत्ति ले, धृतराष्ट्र का लाल.

राय, डांट फिर कर्ण दे, दो नकार प्रस्ताव, 
धर्म राज माने नहीं, दिया नहीं कुछ भाव.

किया शकुनि ने द्यूत का, ऐसा विचित्र हाल,
हारे तो बनवास हो, पूरे बारह साल.

एक वर्ष तक वह करें, बाद अज्ञात वास,
पहचाने गए तो फिर, बारह साल प्रवास.
------95
बंधे युधिष्ठिर धर्म से, नहीं कर्ण की राय,
भीष्म, द्रोण भी चुप रहे, शकुनि करे असहाय.

तप से शिव को लो मना, देते कृष्ण सलाह,
अर्जुन जा हिमालय को, कठिन परीक्षा राह.

अर्जुन भेजे कृष्ण ने, शिव को करो प्रसन्न,
तप से लो पशुपति को, नहीं मन अवसन्न.

भील रूप शंकर धरा, दिया शिकार हराय,
शंकर पशुपति अस्त्र दें, अर्जुन शीश नवाय.

दुर्वासा को खुश किया, दें पांडव अभिशाप, 
शिष्य दस सहस साथ हों, भूखे रखना पाप.
-----100
याद द्रौपदी ने किया, सखा कृष्ण को मान,
पात चखा जब श्याम ने, भूख मिटी कर स्नान.

मिटी क्षुधा जब श्याम की, भरे सभी के पेट,
क्षमा मांग कर चल दिए, ऋषि आनंद समेट.

कर्ण मानता कृष्ण की, हितैषी सी सलाह,
शकुनि करे अपमान कह, चलो झूठ की राह.

भेष बदल कर वन रहे, काटे बारह वर्ष,
वास अज्ञात मत्स्य में, शर्त को मान हर्ष. 

दूत भेज युवराज ने, खोजें पांडव निवास,
सभी राज्य ढुंढवा लिए, छोड़ा नहीं प्रयास.
----105
कर्ण, शकुनि विराट चले, दुर्योधन के साथ,
कीचक का आतिथ्य ले, रख दासों पर घात. 

हाव - भाव से कर्ण ने, की पांडव पहचान,
थी आतुरता युद्ध की, बना रहा अनजान.

वचन दिया था कर्ण ने, जाना कुंती मात,
हो अज्ञात वास सफल, पांडव उनके भ्रात.

बिना युद्ध कुछ ना मिले, कहता था युवराज,
पूरी सब शर्तें हुईं, पर मुकर गया राज.

कृष्ण करें प्रयास टले, महा समर अभियान,
दुर्योधन राजी नहीं, छोड़ सका अभिमान.
-----110
कृष्ण ने प्रस्ताव रखा, उन्हें दो पांच गाॅंव,
दिखा रूप विराट दिया, फिर भी अंगद पाॅंव.

समर सिवा चारा नहीं, विधि का मान विधान,
कौरव नायक भीष्म हों, किया द्रोण सम्मान.

सहयोगी अपने बुला, चुना कुरुक्षेत्र स्धान,
वीर अनेकों आ गए, रखने कौरव मान.

प्रात काल हर दिन करे, देव अर्चना, स्नान,
जो जी चाहे मांग ले, याचक अपना दान.

इंद्र देव ने जब किया, अपने सुत का ध्यान,
भेष बदल याचक बने, पाने कर्ण से दान.
------115
ज्ञात सूर्य को जब हुआ, इन्द्र छल का भान,
कहा सूर्य ने कर्ण से, मत करना तुम दान.

कुंडल मांगे कर्ण से, चाहे अर्जुन जान,
सुबह नदी में कर्ण का, जब पूरा हो स्नान.

नहीं मोह उसको रहा, करे नि:स्वार्थ दान,
कवच और कुंडल दिए, जीवन के वरदान.

काट छुरी से दे लिए, किया न तनिक विचार,
रक्त बहा, फिर भी किया, प्रणाम बारंबार.

इंद्र देव आशीश में, भेंट करें दिव्यास्त्र,
एक बार बस साध लो, ऐसा अमोघ अस्त्र.
-----120
उसे सुरक्षित रख लिया, मारूॅं अर्जुन वीर,
भीषण समर के बीच में, हाल हुआ गंभीर.

देखा जब वृषसेन ने, पिता का कवच दान, 
लाया फौरन शिविर में, छूटा नाड़ी ज्ञान.

राज वैद्य ने कह दिया, बंद साॅंस संचार, 
अब इसका कुछ है नहीं, दुनिया में उपचार,

घायल देखा कर्ण को, आहत होती मात,
नकुल और सहदेव को, लाई अपने साथ.

दुर्योधन था सामने, करता पृथा विरोध,
आज्ञा पाई भीष्म की, दूर हुआ गतिरोध.
-----125
नकुल, सहदेव ने दिया, कर्ण को श्वास दान,
चमत्कार बस हो गया, हों पूरे अरमान.

भेद भीष्म को ज्ञात था, कर्ण पृथा का लाल,
किया निवेदन भीष्म से, धरें कर्ण का ख्याल.

कुंती उसको कह गई, वह है उसका लाल,
पांडव उसके अनुज हैं, उनका रखें ख्याल.

कौरव सेनापति कहें, कर्ण युद्ध से दूर,
उन के रहते ना लड़े, उसे किया मजबूर.

सूतपुत्र के नेतृत्व को, द्रोण नहीं तैयार,
भीष्म, द्रोण के बाद में, सेनापति का भार.
------130
कोई पांडव यदि मरा, बनूॅं तिहारा लाल,
रहें पाॅंच सुत आपके, बदल सकूं मैं पाल.

दिया वचन तब कर्ण ने, बस अर्जुन दो छोड़,
किसी और का वध नहीं, ले कर घातक मोड़.

केवल द्वेष अर्जुन से, नहीं शेष से वैर,
स्नेह सभी को दे दिया, माॅंगी सबकी खैर.

कर्ण देख कर सामने, भीम को सकता मार,
अपना वचन याद रखा, किया नहीं प्रहार.

दुर्योधन शंका करे, क्या है उसकी नीति,
कहता कर्ण वचन निभे, यह है उसकी रीति. 
----135
छोड़ नकुल सहदेव को, कर सकता संहार,
जीवित छोड़ उन्हें दिया, अनुज मान उपकार. 

भीम पुत्र घटोत्कच करे, भीषण जन संहार,
सेनापति थे चाहते, करो अचूक प्रहार .

मना किया युवराज ने, दिव्यास्त्र का वार.
पहले उसकी मित्रता, अमोघ अस्त्र प्रहार.

मरा घटोत्कच दानवी, उस दिन रुका विनाश,
बाल बाल अर्जुन बचा, बिछीं लाश ही लाश.

खर्च दिव्यास्त्र भी हुआ, होता कर्ण उदास,
अर्जुन जीवित बच गया, असफल रहा प्रयास.
------140
अश्वसेन से नाग को, पूर्व जन्म का वैर,
अर्जुन ने हत्या करी, कोई दोष बगैर.

घातक विषधर घुस गया, बना कर्ण का तीर,  
केवल अर्जुन लक्ष्य था, बदले की थी पीर.

तुरत कृष्ण ने भाॅंप कर, दाब दिया रथ चक्र,
वेधा ताज अर्जुन का, नील स्वर्ण दे वक्र.

भूमि दबी थी जिस जगह, रथ फॅंसा अंगराज, 
पहिया निकल सका नहीं, बिना किसी भी साज.

कर्ण विनय करता रहा, अभी हुआ लाचार,
ठीक नहीं बिन अस्त्र के, युद्ध नीति व्यवहार.
----145
उकसाया तब कृष्ण ने, इस पर करो प्रहार,
उचित रीति है युद्ध में, यही नीति का सार.

ध्यान दिलाया पार्थ को, अभिमन्यु दिया मार,
चक्र व्यूह में घेर कर, योद्धा सात प्रहार.

पृष्ठ भूमि में कृष्ण ने, सुना कर्ण को ज्ञान,
पूरी उमर अब उसकी, दिया मित्र सम्मान.

घायल हालत कर्ण की, करी सभी से बात,
उपयोगी संदेश दे, विदा मांगते तात.

युद्ध भूमि में कुछ घटा, कुंती को आभास,
उसका सुत आहत हुआ, छूटी उसकी आस.
-----150
माता ने बतला दिया, छुपी हुई जो बात,
अंश उदर का वह रहा, सबसे अग्रज भ्रात.

शोक सभी करने लगे, मन में था अफ़सोस,
हत्यारे वह हो गए, माना अपना दोष.

ज्ञात समय पर भीष्म को, हो जाता यदि भान,
महासमर होता नहीं, बचती अनेकों जान.

होनी होती है प्रबल, घटता सब विधि साथ,
इसमें पूरा कृष्ण का, हर घटना में हाथ.
-----154


































Sunday 30 April 2023

क्रम वार पारिवारिक बधाई



दिसंबर 
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जन्मदिन अचिंत - 25
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सबका प्यारा बन गया, लल्ला अचिंत लाल,
उसे दुआ सबकी मिले, उमर बढ़ी इक साल.
उमर बढ़ी इक साल, सबसे लड़ाए लड़ुआ,
पढ़ कर प्रतियोगिता, दे रहे सबके अगुआ, 
सबकी मिले आशीश, पाए अच्छा तबका,
रहे स्वस्थ सर्वदा, करता है भला सबका.
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लल्ला अचिंत के हुए, पूरे चौबिस साल,
यौवन का आनंद ले, करता खूब धमाल,
करता खूब धमाल, मजे से वादन करता,
धीमे मीठे बोल, प्रणाम सभी को करता,
सबकी सुन कर करे, नहीं कहीं, कभी हल्ला,
दें बधाई हम सब, अपना दुलारा लल्ला.
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पाई पढ़ लिख नौकरी, दुआ और संस्कार,
एक मात्र बालक रहा, पाया सबका प्यार,
पाया सबका प्यार, बनता घर का दुलारा,
वादन में रुचि बढ़े, जगत में नाम तुम्हारा,
दें आशिश रात दिन, सभी जगह हो बड़ाई, 
उन्नति हर क्षेत्र में, त्याग की हो भरपाई.
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मोहक है अचिंत सदा, खास रही पहचान,  
एक साथ तारीफ़ कर, उसका हो गुणगान.
स्वामी प्रतिभा का रहा, मिला ईश वरदान, 
रहा शौक संगीत का, है गिटार की शान. 
तेज पढ़ाई में सदा, करे बड़ों का मान, 
उसको दें शुभ कामना, दादा, माता ज्ञान.
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बेटा इकलौता रहा, पाया सबका प्यार, 
बड़े लाड़ में पल गया, दादा करें दुलार, 
दादा करें दुलार, सिखाते दुनियादारी, 
छोरा अब पढ़ रहा, नौकरी की तैयारी, 
जन्म दिवस मुबारक, खुशी ने उसे समेटा, 
रहे सदा वह स्वस्थ, मुस्कुराता रह बेटा. 
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अचिंत चिंता ना करें, सबके प्रभु हैं राम, 
उचित समय पर ही बनें, बिगड़े सा=रे काम, 
बिगड़े सारे काम, बस प्रयास करो जी भर, 
नाम ले मालिक का, अच्छी सी शुरुवात कर, 
फल अच्छा ही मिलेगा, चिंता नहीं किंचित, 
जन्म दिवस की कामना, प्रसन्न रहे अचिंत.
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जन्मदिन लक्ष्मी - 20
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बहना लक्ष्मी ने किया, ऐसा अद्भुत काम,
शिक्षा देती पुत्र को, नहीं कहीं आराम,
नहीं कहीं आराम, सबका रख पाती ध्यान,
सुलझाती समस्या, कुछ पढ़े बिना विज्ञान,
अपना लिया उसने, मौन नारी का गहना,
देते हम आशीश, सदा सुखी रहें बहना.
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बिटिया लक्ष्मी के हुए, पूरे हीरक साल,
बड़े नागरिक बन गए, कैसा बीता काल,
कैसा बीता काल, बेटे ने की पढ़ाई,
पति सेवा के साथ, दिलों में जगह बनाई,
लें लाभ वरिष्ठ के, घर में आदर पा लिया,
लें शुभकामनाएं, खुश रहे लक्ष्मी बिटिया.
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बहना लक्ष्मी नाम से, मन में उठे हिलोर, 
यादें उसकी कह रहीं, पावस बीच चकोर, 
पावस बीच चकोर, पति सेवा धरम कहना,
बीती एक पीढ़ी, सभी परंपरा अपना,
ले हमसे आशीश, बनें समाज का गहना,
रहें सुखी सदा ही, भाभी की बनीं बहना.
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लक्ष्मी बहना लघु लली, चली मिला कर ताल, 
देख उसे परिवार में, सभी हुए खुशहाल,
सभी हुए खुशहाल, पति उस पर जान छिड़कें, 
घर में रखती ख्याल, बाहर नापती सड़कें, 
बर्थ डे की वाँछा, भली अचिंत की मम्मी, हो वह सुखी प्रसन्न, हमारी प्यारी लक्ष्मी. 
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हिंगा से जाना गया, पूरे घर में नाम, 
बड़े अदब से देखिए, लक्ष्मी जी का काम, 
लक्ष्मी जी का काम, जतन से घर संभाला, 
बेटे का संस्कार, भली शिक्षा से ढाला, 
रहा भला व्यवहार, है नहीं कोई पंगा, 
जन्मदिवस शुभेच्छा, सदा मस्त रहे हिंगा. 
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लली लक्ष्मी आन कर, तोड़ गईं रेकॉर्ड, 
बड़े जतन से लग सका, मुंबई का जुगाड़, 
मुंबई का जुगाड़, बाईस बरस का काल, 
साथ में शोभा भी, रखती रहीं खूब ख्याल.
ताल मेल ससुराल में, रख कर बनती भली, 
जन्मदिन मुबारक रहे, सरल लक्ष्मी लली. 
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शादी वर्षगाँठ - आशी + ऋषि - 14
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प्यारी बिटिया जा रही, छोड़ हमें ससुराल,
पढ़ा -  लिखा कर बड़ा किया, रखा उसे खुशहाल,
रखा उसे खुशहाल, अच्छे सँस्कार दिलाए,
विनम्रता की प्रतिमूर्तिसर्वगुण सँपन्न बनाए,
करा उजागर नाम, परिवार की छबि सुधारी ,
न कोई दूजी केवल, आशी बिटिया प्यारी,
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शादी वर्षगाँठ - मुग्धा + अंकित -12
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अंकित से मुग्धा कहे, गजब का ताल मेल,
दोनो बच्चे खेलते, चले बात की रेल,
चले बात की रेल, उनकी रार निपटाती,
बिटिया तैयार कर, प्रेम से स्कूल भिजवाती,
दें हम शुभकामना, प्रीत उन्हें करे संचित, 
सुखी रहें सर्वदा, प्यारे मुग्धा व अंकित.
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अंकित मुग्धा से मिले, बसा सुखी परिवार,
बड़ी विनम्रता भर गई, अपना था संसार,
अपना था संसार, खुशियां जगत में छाईं,
आ कर प्रानिका ने, सबकी इज्ज़त बढ़ाई,
मीठी बोली करे, दिलों में इज्ज़त संचित,
प्रीशु, मुग्धा पाएं, शुभकामना प्रिय अंकित.
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मुग्धा से अंकित मिले, होता सुखी समाज,
शादी वर्षगांठ मने, दुआ दे सकें आज,
दुआ दे सकें आज, ले आई प्रीशु बहार,
सभी परिवार करे, अपनी सब जान निसार,
जीवन के लें मजे, रहे ना कोई दुविधा,
पा आपस में साथ, सुखी हों अंकित मुग्धा.
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अंकित से मुग्धा मिली, राँची के दरबार, 
बड़े सभी आशीष दें, खूब लुटाएँ प्यार, 
खूब लुटाएँ प्यार, मिल कर खुशियाँ सजाएं, 
आदर कर बड़ों का, सबसे दुआ ले पाएं, 
आशिश देते सभी, प्रीशु का जीवन मंचित, 
सुखी रहे परिवार, प्रानिका, मुग्धा, अंकित. 
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उनीस तक पंधरा से, हो गए चार साल,
मुग्धा ने अंकित वरे, जाने सबका हाल, 
जाने सबका हाल, घर भी अच्छे से चले, 
प्रीशु संग खेल कर, परिवार का मन बहले, 
हो खुश, स्वस्थ, समृद्ध, देते हम सब आशीस, 
रहे सबसे आगे, नहीं किसी से उन्नीस. 
-------
मुग्धा की बेटी गजब, करती खूब धमाल, 
अंकित की गोदी सुखद, रहती है खुशहाल, 
रहती है खुशहाल, दादा-दादी दें प्यार, 
अपनों के बीच रह, पा लेती अधिक दुलार, 
कैसे निकले तीन वर्ष, मिल गईं सब सुविधा, 
वर्षगाँठ पर हम करें, दुआ अंकित मुग्धा.
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जन्मदिन शीनू - 08
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लली लड़ैती मात की, जा कर बसी विदेश,
बच्चे भी बाहर बसें, लेते सीख विशेष,
लेते सीख विशेष, जड़ें भारत से जोड़ीं,
मिलते रिश्ते दार, भारत की राह मोड़ी, 
बचपन बाकी अभी, पहले सी है चुलबुली,
करते हम कामना, सुखी हो मौज की लली.
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आई भारत इस दफ़ा, ले अपना परिवार,
क्या हम भेंट करें उसे, दे सकते उपहार,
दे सकते उपहार, खुश हों यदि आए द्वार,
हम बस आशीश दें, उसे मिले खुशी अपार,
जन्मदिवस कामना, जीवन काल में छाई,
बिटिया सुखी रहती, भारत जब कभी आई.
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बेटा बेटी साथ में, पति का पाती प्यार, 
बसी कनाडा आन कर, सपने कर साकार, 
सपने कर साकार, नया एक घर खरीदा, 
बड़े चाव से सजा, फर्नीचर पसंदीदा, 
बड़े जतन से सभी, करते रहे गलभेंटा,
करते हैं कामना, खुश रहे शीनू बेटा.
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शीनू या शिल्पी कहो, दोनों ही हैं एक, 
कितनी हो जाए बड़ी, रहे सदा ही नेक,
रहे सदा ही नेक, प्यार से लाल खिलाती, 
बस गई विदेश में, वतन की याद सताती, 
खुश अजीत संग है, उसके सभी गुण बीनूँ, 
वांछा जन्मदिन की, खुश रहे प्यारी शीनू. 
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शिल्पी बिटिया बड़ी हुई, उमर बढी़ इक साल, 
अधिक तजु़र्बा हो गया, कैसे बीता काल, 
कैसे बीता काल, संग नौकरी, पति, बाल,
अब भी बच्ची लगे, दिया बुढ़ापे को टाल, 
शीनू को पाल कर, जिज्जी ने पौध रोपी, 
खुश रहे हमारी, मुस्काती लली शिल्पी.
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बिटिया कनाडा में है, भारत में है जान, 
याद वतन की आ रही, मजबूरी में प्रान, 
मजबूरी में प्रान, लगती हर दम खुशहाल, 
बड़े प्यार से मिले, दिल रखती बड़ा विशाल, 
जन्मदिन पर सुखी रहे, मिलें सारी खुशियाँ, 
शीनू को सब मिल कहें, सुखी हो वह बिटिया. 
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जन्मदिन ऋधर्व - 07
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लल्ला रिद्धू के नहीं, मिलते कभी मिजाज,
तारीफ़ें उसकी करे, मिल कर सभी समाज,
मिल कर सभी समाज, नित नव करतब दिखाते,
शाला रो कर गए, हॅंस कर घर लौट आते, 
गलती कुछ भी करे, बात कर झाड़े पल्ला,
सुखी, स्वस्थ वह रहे, हमारा प्यारा लल्ला.
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बालक नाम रिधर्व है, दिखे अति बुद्धिमान,
अंग्रेजी में बात से, दिखता प्रतिभावान,
दिखता प्रतिभावान, करता खूब शैतानी,
खाना यू-ट्यूब से, चलती रहे मनमानी,
लगे कार का ढेर, बने उन सबका चालक,
रहे हमारी दुआ, सदा सुखी रहे बालक.
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चबवाता नाकों चने, छोटा सा शैतान, 
गुस्सा भी ना कर सकें, ईश्वर का वरदान, 
ईश्वर का वरदान, कारों में जी लगाता, 
नाना मोटर कार, मिले सबको पटियाता,
देते हम आशीश, आगे रोज बढ़ जाता, 
दम करता नाक में, भोजन नहीं चबवाता. 
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रिद्धू की तारीफ़ कर, हर्षित है परिवार, 
अनुपम उसकी स्मृति रही, जैसे चाकू धार.
आज बड़ा वह हो गया, प्यारा अपना लाल, 
बातें करने में चतुर, खींच बाल की खाल.
हिंदी में भी दक्ष है, माहिर है अंग्रेज, 
मम्मा को माता कहे, बोले टेबल मेज. 
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रिद्धू भाई, हुए अढ़ाई.
रिद्धू भाई, हुए अढ़ाई. 

सबसे बातें करते प्यारी, 
बुआ से है खास यारी, 
जाने कैसी घुट्टी पिलाई, 
रिद्धू भाई, हुए अढ़ाई.

राइम बिना न खाना खाते, 
नित नव गीत सुनाते, 
प्रीशु से मिलने की रट लगाई, 
रिद्धू भाई, हुए अढ़ाई. 

नाना से बातें चटकाते, 
मामा संग पतंग उड़ाते, 
नानी भी अब उनको भाई, 
रिद्धू भाई, हुए अढ़ाई.

छोटी बुआ की फरमाइश करते, 
मन चाही बातें करते, 
छोटे दादू से करें ढिठाई,
रिद्धू भाई, हुए अढ़ाई.

मन की जब बात न होती, 
झूली-झूली से बात न बनती, 
डैडा की भी हो पिटाई,
रिद्धू भाई, हुए अढ़ाई. 

दानी का बच्चा बतलाते, 
लाक-डाउन में सब्जी लाते, 
दुद्दू पीना है, की रट लगाई, 
रिद्धू भाई, हुए अढ़ाई. 
रिद्धू भाई, हुए अढ़ाई.
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मुंडे का मुंडन हुआ, गायब सारे बाल, करी प्रतीक्षा आज तक, पूरे हों दो साल. 
पूना से आई बुआ, चूमे उसके गाल, 
बड़े जतन से रख लिए, सिर के उतरे बाल. 
जीवन में मुंडन रहा, एक खास संस्कार, 
सभी बड़े देते उसे, आशीष और प्यार. 
मुंडे का मुंडन हुआ, तेज अकल की धार, 
अधिक समझ आई उसे, सबसे करता प्यार. 
मुंडा मुंडा हो रहा, लगी चमकने चाँद, 
बाल उतरते ही करे, नाच-कूद औ फाँद. 
नाई सारे ले गया, सिर के पूरे बाल, 
धूप तेज लगती नहीं, सिर पर रखो रुमाल.
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चटपट बोलत ही रहे, सरपट दौड़त जाँय, 
खेल-खेल की रेल में, लेवें कार चलाय.
प्रतिभा नाचन में रही, भक्ति करे सिर नाय, 
हाथ जोड़ प्रणाम करे, ढेरों आशिष पाय. 
*बैठेंगे* में निहित है, क्रिया-कलाप समूह, 
सारे घर पर राज हो, रोते कांपे रूह. 
प्यार जताया बहन से, साॅरी कह कर जाय, 
पीछे से धक्का दिया, बात समझ न आय. 
राइम से भोजन करे, है बलून से प्यार, 
याद जबानी हो गया, सब राइम का सार. 
उच्चारण कोशिश रही, बोल सभी कुछ पांय, 
शैतानी हर बात में, मस्ती झलकत जाय. 
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माता अपने लाल की, लेती नजर उतार, 
लेय बलैंया हर समय, चाहे अधिक सुधार. 
देख तरक्की लाल की, मन प्रसन्न हो जाय, 
उसकी सारी हरकतें, यादों में छा जाँय.
बालक की शैतानी लख, माँ होती हैरान, 
चोट कहीं ना जाय लग, रखती हर पल ध्यान. 
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बच्चा शैतानी करे, होता मोहक रूप, 
मुस्काता सबको देख, होता ईश स्वरूप,
होता ईश स्वरूप, मन का अति भोला, सरल, 
दिन-दिन करे प्रगति, अनुभव कर देता चपल, 
दाँत दिखा, पैदल चले, बिना फरेब, सच्चा, 
एक साल की यात्रा, दिल से दुआ, बच्चा.
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बच्चा छोटा ही भला, रहता माँ का लाल, 
माँ भी उसको देख नित, होती सुखी निहाल, 
होती सुखी निहाल, प्रगति हर रोज निहारे, 
सब गतिविधि नजर में, मुस्का अंक में धारे, 
हर दिन प्रगति करे वह, रहे कहीं न कच्चा,
दो आशीष उसे सभी, लगे प्यारा बच्चा. 
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जल्दी आ कर जगत में, अनुभव लिया कमाय, 
बाल सुलभ हरकतों से, सबको रहा रिझाय,
सबको रहा रिझाय, दीं परिवार को खुशियाँ,
मोहक लट, श्याम नैन, दाँत दिखा, चले मइयाँ,
हम सब देते आशीष, सदा रहे हैल्दी,
जन्मदिन में आओ, सब पटाफट जल्दी. 
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रिद्धू को भाई भली, बाबा जी की गोद, 
पा कर अनुपम आनंद, करता खूब विनोद, 
करता खूब विनोद, उसकी हरकतें प्यारी, 
हरषें सब निरख कर, दादी गई बलिहारी,
अकल वाली गतिविधियाँ, नहीं है वह बुद्धू,
देते उस को आशीष, हर्षित रहे रिद्धू. 
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पापा विश्रुत बन गए, केवल गत दस माह,
ऋधर्व आने के बाद, रहा विकास प्रवाह,
रहा विकास प्रवाह, हुईं गतिविधियां न्यारी, 
नित प्रति प्रगति हुई, गूँजी बाल किलकारी, 
पत्नी संग स्वस्थ रहें, नहीं कुछ प्रलापा, 
जन्मदिन की शुभेच्छा, ऋधर्व के पापा. 
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आठ माह का ऋधर्व, बैठ रहा श्रीमान, 
आशीष सबका पा कर, बना है वह महान,
बना है वह महान, करे निश दिन शैतानी,
बोल न पाता अभी, कहना चाहता नानी,
हलवा, सेरेलक खा कर, दिखाता रहा वह ठाठ, 
जन्मदिन की शुभेच्छा, देता ग्रुप वी-आठ. 
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सात सात को सात के, हो रहे लब्बू लाल, 
लेट, बैठ, पलटन लगे, रेंगन रह्यो मलाल. 
रेंगन रह्यो मलाल, चिल्ला कर हो बेहाल,
खूब करे किल्लोल, सभी हो जाते निहाल, 
एक दाँत भी चमक गया, कुदरत की सौगात, 
सात बार भोजन करें, रहे सुखी दिन सात. 
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डकार डकार कर खुश रहें, लेवें नहीं डकार, 
डकार डकारते कर गए, शतक पूरा पार, 
शतक पूरा पार, गैस जो ऊपर से नीचे आवै, 
बिन भोजन आवाज़ निकारे, रोदन नहीं सुनावे, 
सदा प्रसन्न, स्वस्थ रहे, ऋधर्व बच्चा हमार, 
पी कर दूध हजम हो जाए, ले लो थोड़ी डकार. 
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छुटकू छठी पुजा रहे, बारह दिन, बारह मास,
आधे दिन, माह के, सब में जगाए आस, 
सब में जगाए आस, रो रो कर घर सिर पर धारा,
भूख लगी बड़ी जोर की, क्या करे बेचारा,
सारे संबंधी सेवा करें, ठंड के कारण कुकड़ूँ कू.
स्वस्थ रहे, विकास करे, छोटे से अपने छुटकू.
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हमारे परिवार को मिल गया, ईश्वर का वरदान,
हम सब से जुड़ गया, नन्हा चतुर सुजान,
नन्हा चतुर सुजान, उस पर न्योछावर जान हमारी,
सारे घर वाले पुलकित हैं, प्यार से नज़र उतारी,
आशीषों की बरसात रहे, खुश रहो बच्चे प्यारे, 
सदा पल्लवित, पुष्पित रहें, कुल दीपक हमारे.
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पापा से दादा बने, फूले नहीं समाय,
धन्यवाद उस ईश का, कृपा करी बरसाय,
कृपा करी बरसाय, सब अच्छे कर्मों का फल,
पदोन्नति से हो गया, अपना जीवन सफल,
अरमानों को कर सुरक्षित, परंपरा को मापा, 
सदा स्वस्थ, सकुशल रहें, बच्चा व नव मम्मी, पापा.
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शादी की वर्षगाँठ - ऋचा + शिवम - 3
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ऋचा शिवम में लीन है, पति परमेश्वर मान,
दोनों एकाकार हो रहे, कह गए वेद पुरान,
कह गए वेद पुरान, संस्कार की परम्परा, 
दोनों कुलों में बनाए बैलेंस, पति प्रेम अक्षरा, 
मित्र संबंधी दें आशीष, प्यार से करते चर्चा, 
रहें सदा सुखी सर्वदा, प्रिय शिवम व ऋचा.
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शादी की वर्षगाँठ - जाॅली (शेफाली) व रितेश-2
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शेफाली रितेश मिले, साल रहा था एक,
इक दूजे के हो लिए, तन मन मिल कर एक,
तन मन मिल कर एक, प्यार से काटें जीवन,
बहा दिलों में प्यार, लोगों को होती जलन,
रहा भला परिवार, सारी सफलता पा ली,
शादी की कामना, सुखी रितेश शेफाली.
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जॉली और रितेश की, सफल सगाई आज,
युगल सलामत वह रहे, कहता सकल समाज,
कहता सकल समाज, बढ़ती प्रीत लगातार,
बेटा सक्षम कहे, मैं हूँ अद्भुत अवतार,
वह तो गया विदेश, सारी खुशी संभाली,
सदा सुखी वह रहें, अपने रितेश व जॉली.
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जॉली मिली रितेश से, तजा जनक घरबार,
चली ब्याह परदेस को, पाने पति का प्यार,
पाने पति का प्यार, नव समाज बसा पाए,
बेटी सँस्कार से, सुसज्जित कर पढ़ाए,
करते हम कामना, बिटिया उन्होंने पाली,
मिल रितेश के साथ, हँसती रहे प्रिय जॉली.
-------
शेफाली रितेश मिले, रचने को संसार, 
सक्षम सा बेटा हुआ, मुदित हुआ परिवार, 
मुदित हुआ परिवार, प्रेम की बढ़ती पींगें, 
चकित सभी हो रहे, मोहित से नयन भीगें, 
याद कर शादी की, सबसे आशीश पाली,
करते हैं कामना, खुश रहें रितेश शेफाली. 
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शेफाली रितेश मिले, पहले अठरा साल, 
उनका प्यार पनप रहा, जैसे गहरा लाल,
जैसे गहरा लाल, साथ में सक्षम आए,
महका जीवन मधुर, ढेरों खुशी छलकाए,
दिलों में अपनों के, खास जगह इक बना ली,
देते हम आशीष, सुखी रितेश शेफाली. 
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शादी की वर्षगाँठ - गाबू विवेक + संगीता - 2
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संगीता ने वर चुना, करे जो देख-भाल, 
पाकर साथ विवेक का, वह हो गई निहाल, 
वह हो गई निहाल, मिल गईं ढेरों खुशियाँ, 
पंचम सा बेटा जना, जगत में सबसे बढ़िया, 
पति-सेवा से उसने, परिवार का मन जीता, 
समृद्ध, संपन्न हों, विवेक और संगीता. 
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संगीत में संगीता का *स*, *प* का स्वर पंचम,
दोनों स्थिर रह करें, सप्तक को मध्यम,
सप्तक को मध्यम, गाबू का *ग* गाए निर्मल,
*रे*, *म*, *ध*, *नी*, कभी नरम कभी कोमल,
जीवन राग अलापते, बढ़ती जाए प्रीत,
सहज सरल स्वर सजें, बनें मधुर संगीत.
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जन्मदिन - रोहित - 2 
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बच्चा रोहित खुश रहे, मिले साथ परिवार,
दिनों दिन तरक्की करे, पाए सबका प्यार,
पाए सबका प्यार, लक्कू को दें संस्कार,
सब घूम कर आए, खरीद कर नवीन कार,
करता सबसे प्यार, दिल का बहुत ही सच्चा, 
हम देते आशीश, सदा सुखी रहो बच्चा.
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छोटू नाम बोध करे, बच्चे का अहसास,
पिता बने दो साल से, बेटे का आभास,
बेटे का आभास, तज राँची पुणे आए,
मिला हुआ परिवार, खुशी हँस बोल मनाएँ,
जन्मदिवस कामना, दे रहे लख कर फोटू,
सदा सुखी संपन्न, रहे सबका प्रिय छोटू.
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पापा बन कर पूत के, होते जिम्मेदार, 
दिल में उनके बस गया, प्यार भरा परिवार, 
प्यार भरा परिवार, खैर सभी की मनाते, 
अपने दिल के भाव, कोमलता से जताते,  
बातें हँस कर करें, कभी ना खोते आपा, 
करते हैं कामना, खुश हों मून के पापा. 
-------
रोहित श्री पापा बने, मुदित सकल संसार, 
छोटू भाई खुश रहें, करते सबको प्यार, 
करते सबको प्यार, लाड़ से सब दुलराते, 
बेटा पापा साथ, चले इतिहास बनाते,
छोटा छोटू करेगा, सभी लोगों को मोहित, 
करते हम कामना, खुश दिखते सदा रोहित. 
-------
चाची पा पूरे हुए, चाचा के अरमान, 
वतन छोड़ कर बस गए, रखा दूर से ध्यान,  
रखा दूर से ध्यान, काम से करते यारी,
मोहक सी मुस्कान, हरती सभी बीमारी, 
साफ दिल से कहते, सुनाते बतियां साची,
खुश रहें सदा सभी, रहती साथ में चाची. 
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शादी की वर्षगाँठ - निखिल + हिमांशी - 1
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निखिल हिमांशी मिल गए, तन मन एकाकार,
दूना हर दिन बढ़ रहा, उनका आपस प्यार,
उनका आपस प्यार, लल्ला चतुर उन्हें मिला,
देख कर शैतानी, सिलसिला हर्ष का चला,
चर्चे सब जगह, तारीफ़ें करता अखिल, 
लें अपनी आशीष, सुखी हों  हिमांशी निखिल.
-------
मिली हिमाँशी निखिल से, आती मुख मुस्कान,
आपस में दुलार रखें, इक दूजे की जान,
इक दूजे की जान, ऋषि खोले भेद उनके,
सच्ची बोले बात, मात पिता जान छिड़कें,
हम देते आशीश, बिटिया लाड़ों में पली,
मम्मी हैं निराली, भली किस्मत हमें मिली.
--------
निखिल हिमांशी मिल गए, बीत गया युग काल,
जीवन में खुशियां भरीं, आया छोटू लाल,
आया छोटू लाल, मोहक बातें बनाता,
उसकी हरकतों से, सबका जिया हुलसाता,
हों मजे भविष्य में, जान गई दुनिया अखिल,
देते हैं आशीश, जुड़ सकें हिमांशी निखिल.
---------
निखिल हिमांशी साथ में, करते खूब धमाल, 
काफी मस्ती कर चुके, बीत गए छह साल, 
बीत गए छह साल, लाल के झेलो नखरे, 
पूरे हों अरमान, ठानो नहीं कुछ झगरे, 
दे रहे शुभाशीष, मन से बने रहो सलिल,
सदा वह सुखी रहें, लाडले हिमाँशी निखिल.
------
पाँच साल पहले दिखा, नयन मिले दो चार, 
निखिल हिमांशी में बढ़ा, अनुपम पनपा प्यार, 
पनपा अनुपम प्यार, खिली जीवन फुलवारी, 
हृदयांश से पूरी, सारी हसरत हमारी,  
दिन दिन बढ़ती रहे, चाहे जैसे लो जाँच, 
देते हैं शुभेच्छा, पूरे घर को हम पाँच. 
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जन्मदिन - रवीन्द्र जी - 1
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साल अठत्तर हो गए, प्रकटा अपना वीर,
प्रतिभा उनकी बहुमुखी, स्वभाव, धीर, गंभीर,
स्वभाव, धीर, गंभीर, गायन पंडित कहाते,
इलाज असाध्य रोग, अपनी रीति समझाते,
करते हम कामना, दर्शन दे करें निहाल,
रहें स्वस्थ संपन्न, वह जिएं हज़ारों साल.
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साल छिहत्तर हो गए, अपने प्यारे भ्रात,
नाम लेत ही खिल उठे, सूरत भी मुस्कात.
सूरत भी मुस्कात, गायन में धाक जमती, 
करें कार्य धैर्य से, नाश्ते की प्लेट सजती,
ज्ञान लिया सभी से, दिखते सफेद सब बाल,
दिल से शुभ कामना, हम दें साल दर साल.
-------
करें कामना आप की, हुए पिछत्तर साल, 
सेहत भाई को मिले, सारे पूछें हाल, 
सारे पूछें हाल, बड़े प्यार से बताते, 
रखें तसल्ली साथ, संयम से सुर लगाते, 
करते हम कामना, समृद्धि के भंडार भरें, 
रहें स्वस्थ हर समय, नमन आप को हम करें. 
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उदित उदय गिरि मंच पर, रहे बिराज रवीन्द्र, 
फैली ऐसी ख्याति है, फीके लगते इंद्र,
फीके लगते इंद्र, मजा संगीत जमाते, 
हो कैसा भी मर्ज, दवा तुरंत समझाते, 
बातों का हो असर, मुद्रा रहे सदा मुदित, 
सब बिधि कल्याण हो, उनका भाग्य हो उदित. 
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रहे कदम चहत्तर में, बड़ा हुआ अहसास, 
समाज में गरिमा बढ़ी, होता सुखद प्रवास, 
होता सुखद प्रवास, अधिक कुछ अनुभव होता, 
जीवन प्रतिमा साथ, और भी सुंदर लगता, 
जन्मदिवस का मजा, खूब आनंद ले रहे, 
ईश कृपा सब भाँति, आप पर बरसती रहे.
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हरफन मौला हों सदा, सुखी रहें रवीन्द्र, 
हासिल हों सिद्धि समस्त, हों प्रसन्न कुलेन्द्र,
हों प्रसन्न कुलेन्द्र, मौज में कटता जीवन, 
खूब मगन प्रेम में, मोहक मस्ताने नयन, 
संगीत परक माहौल, खुद दिखाए दरपन, 
हम देते शुभेच्छाएँ, खुश रहे यह हरफन. 
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पल पल आनंद मनाएँ, प्रतिमा और रवीन्द्र, 
घर बैठे सबको रिझाएँ, सफलता के मानवेन्द्र,
सफलता के मानवेन्द्र, आराम से काम निपटाएँ,
मनवाँछित भोजन कर, तन मन स्वस्थ बनाएँ, 
सीधी सच्ची बात बताएँ, रख मन को निश्छल,
जन्मदिन की शुभकामनाएँ, पाएँ हर पल.
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नवंबर 
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जन्मदिन - श्रीमती रश्मि प्रसाद -29
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दादी फिर से बन गईं, मुख पर है उल्लास,
कोशिश रिग्वेद कर रहा, दादी कहती आस,
दादी कहती आस, प्यार से गले लगाती,
गोद चढ़े हर समय, सभी पर जान लुटाती,
जन्मदिवस कामना, दे रहे हम सब आदी,
हों वह स्वस्थ, प्रसन्न, प्रीशु, वेदू की दादी.
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नार एक ऐसी रही, अपनी रिश्तेदार,
नमन करें दिल से सभी, सब करतीं स्वीकार,
सब करतीं स्वीकार, भोली सी दिखे सूरत, 
लिए पक्के निर्णय, विनम्र स्मिति की मूरत,
सभी करें तारीफ, आदर करते भरतार,
जन्मदिवस कामना, देते मिल सब नर नार.
-------
सूरत पर रहती हँसी, लो भाभी का नाम, 
मिले सामने जब कभी, दो कर जोड़ प्रणाम, 
दो कर जोड़ प्रणाम, प्यार से हमें बुलातीं, 
पोती, पोते साथ, मजे से उन्हें खिलाती, 
उनका भला स्वभाव, बनीं श्रद्धा की मूरत, 
आप की बनी रहे, ऐसी मोहिनी सूरत. 
-------
सबकी बाधा हर सके, ऐसी प्यारी नार, 
करें सभी आराधना, पुलकित है संसार, 
पुलकित है संसार, खिलाएंं पोता पोती, 
पातीं पति का प्यार, बहुएं बलैयाँ लेती, 
मिलती हैं कामना, भली सी किस्मत चमकी,
बनी रहें यौवना, रश्मि भाभी हम सबकी, 
------
दादी दादी सुन पके, दादी जी के कान, 
उनकी पोती में रही, अटकी प्यारी जान, 
अटकी प्यारी जान, मन लगा सब काम करे, 
हों हरकत पर मुग्ध, छबि दिल में अंकित करे, 
साल बढ़ी हो उमर, काम करने की आदी, 
सुखी, स्वस्थ हों सदा, अपनी प्रीशु की दादी. 
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सलामती चाहते हम, समधन का श्रंगार, 
पोती पाकर आ गई, खुशियों की भरमार, 
खुशियों की भरमार, हर दिन जाएँ निखरती, 
सुखी रहे परिवार, रहे रोजाना मस्ती,
वर्षगांठ की कामना, रहें सदा महकती,
सब परिवारी के साथ, हर तरह सलामती. 
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जीवन में बढ़ गया, अनुभव का एक और साल, 
रही कृपा भगवान की, दया करें दयाल,
दया करें दयाल, बिरसा भगवान की नगरी,
राँची शहर का नूर, पाईं हैं समधन हमरी,
स्वस्थ, हरित, प्रसन्नता, छाई रहे तन, मन,
सहृदय शुभकामना दें, सुखी रहे उनका जीवन.
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बेटा आया, जिया हुलसाया, बढ़े दिल के अरमान, 
जी सवाया हो गया, कहें गीता और कुरान,
कहें गीता और कुरान, देवें बधाई जन्मदिन की, 
रहें मुदित, प्रसन्न चित, मधुर भावनाएँ मन की,
सब से मिल कर, मान बढ़ाएँ, स्नेह में सबको लपेटा, 
शुभकामनाएँ देने, छुट्टी पर, आ गए पति और बेटा .
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जन्मदिन - अजय - 26
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मस्ती से जीते हुए, हो गए साठ साल, 
अपने वायु-विमान को, रखा खूब संभाल, 
रखा खूब संभाल, सेवा एअर-इंडिया, बेटा सी.ए. पढ़ा, बेटी भी बहुत बढ़िया, 
साथ रहे आशीष, जो मिलती नहीं सस्ती, 
रहें सभी संतुष्ट, अजय पर छाए मस्ती. 
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मौसी सुत को लग रहा, सुखद साठवां साल, 
एअर इंडिया मानती, अद्भुत सेवाकाल, 
अद्भुत सेवाकाल, दिखाए अनेक कमाल,
उनके बच्चे बने, सबकी प्रेरणा, मिसाल, 
प्रीति उनकी आस्था, रजत पाते कुरसी, 
आशीष देने हम चले, मात समान मौसी. 
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हमारी शादी की वर्षगाँठ - 24
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रहती अंतर में खुशी, ऊपर मृदु व्यवहार,
साथ वन्दना का मिला, नौका खेवनहार,
नौका खेवनहार, पूजा में दिल लगाती,
अपने साथ हमको, देवालय नित्य जाती,
कभी कभी रह मौन, बात भी मेरी सुनती,
मांगें सबसे दुआ, आशीश मिलती रहती.
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कितने साल निकल गए, हुआ नहीं आभास,
सूरत देखी आपकी, मन में भरा प्रकाश,
मन में भरा प्रकाश, पाईं जीवन की खुशियाँ, 
लड़ भिड़ कर भी रहे, डाले गले में बहियाँ,
पाएं हम आशीश, पूरे हों सभी सपने, 
भूलें गिनती सदा, हुए साल आज कितने. 
-------
अपने साथ जुड़े हुए, हुए बरस छत्तीस, 
तिरसठ की नाईं मिले, कृपा करें जगदीस, 
कृपा करें जगदीस, हुआ संपन्न परिवार, 
लगी किनारे नाव, अपनों से पाया प्यार, 
पूरे कर दायित्व, जो भी सजाए सपने, 
रहें स्वस्थ सुखी हम, लगें प्यारे सब अपने.
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बनी कामना आपकी, मेरा प्रिय उपहार,
परिचय अपनों का मिला, पाया उनका प्यार, 
पाया उनका प्यार, नाना संदेश आए,  
फोन मिले अनेक, फोटो देख मुस्काए, 
मजे में इस प्रकार, वर्षगाँठ अपनी मनी, 
पत्नी और खुद की, यादगार अलबम बनी. 
-------
नारी ने सेवा करी, पूरे तन मन साथ, 
मान लिया अपना हमें, डाल हाथ में हाथ, 
डाल हाथ में हाथ, निभाती शादी बंधन, 
दें साथ सुख दुख में, महकती हर दम चंदन, 
कैसे दें आशीश, होते सदा आभारी,
जीवन चले मजे में, हो प्यारी नारी.
------
शादी करने से बढ़ा, अपना भी कुछ मान, 
बहुत खुशी हमको मिली, पाई जब संतान, 
पाई जब संतान, बदला पूरा परिवेश, 
बच्चे पढ़ कर बढ़े, रही नौकरी अपने देश, 
उनके बच्चे हुए, बनी वह नानी-दादी, 
घूम कर विदेश में, यादों में बसी शादी. 
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लग्न पत्रिका लिख गई, बज गई शहनाई, 
मीत संबंधी दे गए, दिल से पूरी बधाई, 
दिल से पूरी बधाई, बँधी विकास की आस, 
काल चक्र ने लिए जनक, दिए स्नेह पाश,
सुख दुख में साथी रहे, कैसे बीता अपना जीवन, 
इकतीस बरस का अंतराल, बच्चों का भी हुआ लगन.
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खेल ही खेल में , बीता , मोहक जीवन काल , 
कैसे निकले , गुज़र गए , यूँ ही तीस साल, 
यूँ ही तीस साल , सुख दुख के क्षण आए ,
कभी रोई , कभी हँसी , वो रूठे , हम मनाए , 
बच्चों के साथ विकास में , चली काल की रेलम पेल ,
यूँ ही हँसते गाते , गुज़र जाए , जीवन का ये खेल .
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अनजानी कभी थी, आज बनी परछाईं,
कभी दुआएँ मिल गईं, कभी मिली बधाई, 
कभी मिली बधाई, विश्वास का अप्रतिम बंधन,
खुशी खुशी कैसे कटा, अपना प्यारा जीवन,
त्याग, प्रेम, समर्पण में, नहीं उसका कोई  सानी, 
समाचार धड़कन में यूँ, कैसे कहूँ उसे मैं अनजानी.
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जीवन साथी बना संबल, जीवन का आधार, 
भुला कर अपना वर्चस्व, दोनों हुए एकाकार, 
दोनों हुए एकाकार, समर्पण की भावना न्यारी, 
हल्के व्यंग्य विनोद के साथ, दिखीं अदाएँ प्यारी, 
अपनाएँ जीवन शैली, परंपरा की थाती, 
हर पल साथ निभाने को उद्यत , रहे जीवन साथी.
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जीवन में रहे खुश
जीवन में रहे खुश, बच्चों की सफलता पर, 
अच्छी नौकरी व मोटी तनख्वाह पर, 
उनको मिलती सुख सुविधाओं पर,
बसे हुए उनके सुखी सँसार पर, 
फलते फूलते विकसित परिवार पर,  
इतराते रहे, समाज व ऑफिस के सँसार में, 
संबंधी व कुटुम्बियों से व्यवहार में, 
अपने - अपनों के परिवार में, 
प्रगति की होड़ के बाज़ार में,  
विदेश घूमने की दरकार में, 
पर, अब, शरीर की शिथिलता आड़े आई है, 
भूत काल की गरिमा छाई है, 
यादें उसकी दु:खदाई है, 
सही न जाए जुदाई है, 
जीवन साथी कहे विदाई है,  
यह रीति आज चलि आई  है.
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जन्मदिन - विवेक गाबू -20
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आज अचानक आ गई, भूले भाई की याद,
जन्मदिन पर जगदीश से, करते हैं फरियाद,
करते हैं फरियाद, स्वस्थ, संपन्न रहे विवेक,
गाबू नाम से जानते, अपने मीत अनेक,
राग, द्वेष बिसराय के, नवयुग का आगाज,
पुनः दें शुभकामनाएँ, चमके जन्मदिन आज. 
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शादी की वर्षगाँठ - विभु + सुरभि - 18 
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सुरभी से विभु मिल गए, बनता दिन कुछ खास,
फेरे ले कर वह बने, इक दूजे की श्वास,
इक दूजे की श्वास, प्रेम से जुड़ा परिवार,
आपस की समझ से, उन का बढ़ जाता प्यार,
रहें सभी इक साथ, आए नहीं भेद कभी,
सदा वह सुखी रहें, समर्पित विभोर, सुरभी.
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सुरभी पाई साथ में, विभु की खुशी बहाल,
मात पिता प्रसन्न हुए, पत्नी लाया लाल,
पत्नी लाया लाल, खुशियाँ हो गईं दुगुनी,
बेटे का मुख देख, लगी यह दुनिया अपनी,
नहीं नजर कुछ लगे, पल यह बीतें ना कभी,
शादी की बधाई, फलें फूलें विभु सुरभी.
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सुरभी विभु के चमन में, खिला नया इक फूल, 
उसकी गतिविधि देख कर, गए भूत को भूल, 
गए भूत को भूल, बातें अब हैं पुरानी,
किस्से ही बन गए, आ गई याद जवानी, 
देते हम आशीश, होती नव शादी अभी, 
सुखी स्वस्थ वह रहें, विवाँश संग विभु सुरभी. 
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सुरभी ने विभु को दिया, जीवन में सब प्यार, 
खुशियों से उनका भरा, स्वर्णिम यह संसार, 
स्वर्णिम यह संसार, मस्ती में मौज माने,
एक दूजे में ही, दुनिया बसाई जाने, 
शादी की आशीश, देते हैं गुरुजन सभी,
उनका फले जहान, हों सुखी विभोर सुरभी. 
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सुरभी मिली विभोर से, थामी जीवन पाल, 
पता नहीं कैसे गया, पहला पूरा साल, 
पहला पूरा साल, मिले ससुराल के संस्कार, 
जयपुर को छोड़ कर, बसा पुणे में संसार, 
सदा हंसते रहें, दिखें प्यार भरे जब भी, 
लें नाना आशीष, सुखी हों विभु सुरभी. 
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विभु की शादी सुरभि से, बीता आधा साल, 
ताल-मेल अच्छा रहा, दिखती एक मिसाल, 
दिखती एक मिसाल, घर का संभाला चार्ज, 
मोहित शैली करे, सुरभि के फटाफट काज, 
घर बाहर के काम कर, उन्हें स्वस्थ रखे प्रभु,
देते उनको आशीष, प्रसन्न हों सुरभि विभु.
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सुरभि की सुरभि से सुरभि, सुरभित रहे विभोर,
बात अलग कल शाम की, आज समाँ कुछ और, 
आज समाँ कुछ और, बदल गई उसकी दुनिया,
मम्मी सासू बनी, ननद बन गई बहिनिया,
सदा बढ़ता रहे प्यार, गलतफहमी न कभी, 
सुखी रहे सब परिवार, पा कर स्नेही सुरभि. 
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शादी करके पा लिया, दुलहन का उपहार, 
खुशी मिली प्रतीक्षा से, देवी का अवतार,
देवी का अवतार, नाच रहा मन का मोर, 
हम सब आशीष दें, खुश हमेशा हो विभोर,
जन्मदिन पर आशीष दें, सुखों की परसादी,
छोटे-बड़े सभी कहें, लाई खुशी शादी.
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जन्मदिन - विनीत - 16
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दादू को बोला करे, उनका रिद्धू आज,
करते आप मजाक हो, रखते नरम मिजाज,
रखते नरम मजाक, डांट मुझ को खिलवाते,
रहते लखनऊ में, अकसर मुंबई आते,
गायब झप्पी मार, जैसे कर दिया जादू,
करते हम प्रार्थना, स्वस्थ हों मेरे दादू.
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बचपन अभी गया नहीं, दिल से करते प्यार, 
कमी लगे, उनकी हमें, याद करे परिवार,
याद करे परिवार, वीडियो पर मुस्काते, 
करें फोन पर बात, सबको साहस दिलाते, 
नाईं अवध नवाब, पूरे हुए अब पचपन,
रहे सदा मुस्कान, सदा रहे बना बचपन. 
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लगते युवक विनीत जी, जैसे बढ़ते साल, 
जवाँ दिली मौजूद है, आते जब ससुराल, 
आते जब ससुराल, बच्चों का प्यार पापा, 
रखें सभी का ख्याल, कभी न खोते आपा, 
करते हम कामना, रहें आगे ही बढ़ते, 
लूट कर दिल सबका, हमको भाते लगते.
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बहुत बधाई आपको, हुई खुशी हज़रात, 
होती रहे प्रगति सदा, खुश रहें दिन रात. 
प्रोमोशन भी हो गया, मिला खूब उपहार, 
जम कर मीठा खाइए, सुखी रहे परिवार. 
करें कामना ईश से, लें तबादला आप, 
माप दंड स्थापित करें, बढ़ता रहे प्रताप. 
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विनती करें विनीत से, घर आओ इस बार, 
तुमसे हम मिलते रहें, करते यही पुकार, 
करते यही पुकार, दर्शन करें जी भर कर,
उन्नति सहारा की, बताएं रस ले-ले कर, 
मृदुल, मधुर मुस्कान, हमारे मन में जमती, 
शुभ दिन की कामना, ईश से करते विनती. 
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जीजा का स्वागत करें, सालों को आराम, 
भाभी को कर नमस्कार, दीदी को प्रणाम, 
दीदी को प्रणाम, विनती सभी की करते, 
प्यार का तालमेल, आदर से गले मिलते, 
उन जैसा विनीत नहीं, मिला कोई दूजा, 
शुभकामना दें उन्हें, कहे कोई जीजा.
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विनती विनीत की करें, जय जय जी महाराज, 
जन्मदिन मंगल मनाने, घर आ जाओ आज,
घर आ जाओ आज, मिल कर सब जश्न मनाएँ,
अतीत की यादों को, फिर से ताज़ा कर जाएँ, 
शुभकामनाएँ देने वालों की, कठिन है गिनती,
हमारा भी एक नाम हो, उनमें है यही विनती.
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जन्मदिन - वंदना - 14
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पत्नी अच्छी दर्शिका, देती भली सलाह,
मान उसे मैं लूं सदा, होती उसकी चाह,
होती उसकी चाह, आया थोड़ा बुढ़ापा,
बिगड़ा मूड समझो, बस खो बैठती आपा,
हो भली, स्वस्थ सदा, प्रीशु की नानी अपनी,
कभी नाराज़ न हो, मेरी दुलारी पत्नी.
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जीवन वीणा बज रही, प्रिय पत्नी के संग,
देख - देख हिलोर उठे, फरकन लागे अंग, 
फरकन लागे अंग, सुंदर मधुरिम प्रिय हास,
दंत पंक्ति यूँ दिखे, कच्चा भुट्टा आभास,  
सारे सुर लग गए, अब बुढ़ापे की धड़कन,
सुखी साथ में रहे, अपना हो मधुर जीवन.
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नमन करूँ या वन्दना, चाहे करूँ सलाम, 
पत्नी है आराधना, मेरा उसे प्रणाम, 
मेरा उसे प्रणाम, करती हरदम कल्यान, 
सोते जागते हो, उसको मेरा ही ध्यान, 
दे कर सब अधिकार, करते हम उसका मनन,
इच्छा है ध्यान की, हर पल मैं करता नमन. 
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तेरा है, मेरा नहीं, आ जाता हर साल, बहुत सुखी है वंदना, करती खूब धमाल, 
करती खूब धमाल, मजे लें नातिन पोता, 
पूजा करती मिले, सुबह अंधेरा होता, 
जन्मदिवस मुबारक, मिले प्यार बहुतेरा, 
पति देता आशीश, खुश दिखे मुखड़ा तेरा.
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देते हम शुभकामना, तुमको बारंबार, अच्छे से पालन किए, तुम अपना घरबार,
तुम अपना घरबार, है अब बहू की बारी, 
पति, बच्चा संभाल, उठाए जिम्मेदारी,
पूजा में मन लगे, भाव यह मन में भरते,
रहें स्वस्थ, संपन्न, आशीष हम सब देते.
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जीवनसाथी का जन्मदिन, आप पर उपकार,
हर्षोत्सव का अवसर, व्यक्त करें आभार, 
व्यक्त करें आभार, चिढ़ाने का अवसर बढ़िया,
शौक से बोलें उसको, एक और साल पुरानी बुढ़िया,
उसके सुखद अनुभव, जीवन की अनमोल थाती,
जन्मदिन की शुभकामनाएँ, सुखी रहे जीवनसाथी.
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वन्दना की नित वन्दना, करते पूरे साल,
सुप्रभात के साथ में, निरखें रूप कमाल,
निरखें रूप कमाल, अनुपम मेरा जीवन साथी,
हर गतिविधि पर तीक्ष्ण नज़र, करें प्यार की बाती,
सच्ची शुभचिंतक, हर पल, करतीं प्रार्थना,
सदा कल्याण की वाँछा, दिल से करतीं  वन्दना.
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पत्नी नामक जीव का, करें सदा सम्मान ,
बेटी मेरी सास की, कुल का रखती मान ,
कुल का रखती मान, प्रसन्न सदा घर में रहती ,
बच्चों के हित साधन में, व्यस्त हमें भी रखती ,
सुख दुख में साथ निभाती, निराली बीवी अपनी ,
गर्व करो भाग्य पर अपने, जब मिले सुघड़ पत्नी.
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जन्मदिन - रिंकी - 11
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बहना रिंकी को मिला, आज का आशीश,
सदा सुखी वह रह सकें, कृपा करें जगदीश,
कृपा करें जगदीश, पति के संग मौज मने,
जल्दी खेले बाल, सभी देख रहे सपने,
बन प्यारी परिवार, लज्जा का बने गहना,
सबकी हो दुलारी, मिलन की रिंकी बहना.
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बेटा रिंकी ने कहा, प्यारा है परिवार,
दोनों ने मुझ से किया, दिल से ढेरों प्यार,
दिल से ढेरों प्यार, पति संग सजते सपने,
यश के सिवाय नहीं, लगे कोई भी अपने. 
करें कामना सभी, उसने सबको समेटा,
देते हम आशीश, सुखी हो रिंकी बेटा.
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सच्ची बात रिंकी कहे, कोई नहीं दुराव, 
उसके कहने का पड़े, सब पर गजब प्रभाव, 
सब पर गजब प्रभाव, पति को सामने पाती, 
आतुर मन कह सके, नाना भाँति की बाती, 
भोलेपन पर फिदा, लगती बिल्कुल बच्ची, 
करते हम कामना, शुभ जन्मदिन की सच्ची. 
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रिंकी बहना ने किया, कोरोना पर वार, 
पति के साथ धर्म निभा, हुई रिया स्वीकार, 
हुई रिया स्वीकार, आ बैठी वह ससुराल, 
दिल से सेवा करी, सबको कर दिया निहाल, 
सुखी परिवार बने, हो बिल्कुल स्वस्थ पिंकी,
करते हैं कामना, खुश रहे सदा रिंकी. 
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रिया बड़ी अब हो गई, बन गई सासदार,
सासू भी माँ सम लगे, करती खूब दुलार. 
करती खूब दुलार, यश के हाथ में नाड़ी, 
जीवन के दो चक्र, चले निर्विरोध गाड़ी,
देते हम आशीष, सुखी भोपाल की सिया, 
मजे करे सदा वह, पत्नी यश की प्रिय रिया.
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सरल, सहज, सुघड़, बालिका एक न्यारी,
माता पिता का जिगर, बिटिया सबकी प्यारी,
बिटिया सबकी प्यारी, सबको बाँटे नेह,
तैयारी पूरी कर रही, कब जाए पति गेह ?
पूर्ण पढ़ाई कर चुकी, आशीषें ले अविरल,
जन्मदिन पर रिंकी को, दें शुभकामनाएँ सरल.
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जन्मदिन - जाॅली - 4
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बेटा जॉली का गया, पढ़ने लाल विदेश,
माता चिंता कर रही, अवधि कटेगी शेष,
अवधि कटेगी शेष, लल्ला करेगा मस्ती,
रुपया पाउंड हो, लगती सब वस्तु सस्ती,
खुद तो पढ़ने गया, मिल रिषिका को लपेटा,
जन्मदिवस कामना, सुखी शेफाली बेटा.
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ऊर्जा का संचार हो, लो जब जॉली नाम,
आया फोन देख हमें, मिल जाता आराम,
मिल जाता आराम, मजे से मामा कहना,
सक्षम गया विदेश, माता का बने गहना,
मान बढ़ा सभी का, लो करो उसकी पूजा, 
जॉली ले बधाई, जन्मदिन देता ऊर्जा.
-------
शेफाली के नाम से, खूब छलकता प्यार, 
सुरभित पुष्प उपवन का, भरता अजब खुमार, 
भरता अजब खुमार, पुत्री से मिलते नयन, 
मूर्ति वातसल्य की, कर देती सजीव स्वपन, 
अपनी ससुराल में, जगह अलग ही बना ली, 
जन्मदिवस कामना, मुस्कुराती शेफाली. 
+++++ 
माताश्री को जानते, सारे रिश्तेदार,
अपनों ही में व्यस्त हैं, उसमें ही संसार, 
उसमें ही संसार, गुण, स्वभाव की अधिकारी, 
जाॅली उसको कहें, होती सबकी दुलारी, 
बात करे भले से, मिलना जुलना सुहाता,
खुश रहे वह सदा, कहें सक्षम की माता.


जन्मदिन - शैंकी - 4
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बच्चा शैंकी प्रिय रहा, कोई भी परिवार,
मैका या ससुराल हो, सबका मिले दुलार,
सबका मिले दुलार, भोजन की रीति न्यारी,
मस्ती से मौज हो, पूरी करे तैयारी,
अनुभव ले आप से, खाती नहीं वह गच्चा, 
वांछा जन्म दिन की, खुश रहे शैंकी बच्चा.
-----------
बिटिया सा हमको नहीं, दूजा मिल्या कोय,
शैंकी उसका नाम है, दिल से मिलना होय,
दिल से मिलना होय, पुत्र पर जान लुटाती,
वाहन से स्कूल को, उसको छोड़ने जाती, 
पति से करती प्यार, मस्तक सजती बिंदिया,
नई मालकिन बनी, घर को सजाती बिटिया.
------
सबके नामों में रहा, प्यारा शैंकी नाम, 
मोहित करने को दिखें, नए नवेले काम, 
नए नवेले काम, पक्की लगन है उसकी,
आया विचार जहाँ, हो गया मानो नक्की, 
खुश रहे वह सदा, दुःख नहीं कहीं फटके, 
निकली शुभकामना, अंतर्मन बसे सबके.
------
माता शैंकी के लिए, बेटा है पहचान, 
बेटे में अटकी रहे, उसकी सारी जान, 
उसकी सारी जान, दोस्त सास को बनाया, 
व्रत रख नवरात में, उनसे आशीष पाया,
पति की प्यारी रहे, एहसास भरा नाता, 
चूड़ी, बिंदी सजे, रूपसी शैंकी माता. 
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बेटी अब सुधर गई, छोड़ी अपनी चाल,
सदाचार से वह बनी, एक नवीन मिसाल.
ऐसी बेटी सबको मिले, पाए सबका प्यार,
आचरण से मोहित करे, वारी सौ-सौ बार.
माँ ममता-मूरत रही, हर पल करती त्याग,
लाल चैन से सो सके, रही रात भर जाग.
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बेटी से बहू बनी, आई जब ससुराल, 
बदले परिवार, संस्कार, बदल गई चाल,
बदल गई चाल, नया परिवेश अपनाया,
अपना लागन लगा, कल तक था जो पराया,
सुसज्जित शृंगार कर, सासू की गोद में लेटी,
बचपन पूरा वापस पाए, बन जाए फिर से बेटी.
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मुरादाबाद से आ गई , एक सुशिक्षित नार , 
हिल मिल कर उसने , जीत लिया परिवार ,
जीत लिया परिवार , बनाया अहम् स्थान ,
केंद्र बनी जगत की , लगा लगा कर ध्यान ,
शाँत , सरल स्वभाव से , घर होगा आबाद , 
दोनों कुल रोशन करे , जय मुरादाबाद .
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बेटी एक जब जाएगी , बसाने अपना संसार ,
दूजी साथ ही आएगी , भरा रहे परिवार ,
भरा रहे परिवार , रहेगा न कोई अभाव , 
सारे घर पर बना रहे , उस बच्ची का प्रभाव , 
स्वागत उसका करें , चखें , प्रेम पगी रोटी ,
सदा सर्वदा सुखी , स्वस्थ रहे , प्यारी बेटी .
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परिवार में जुड़ गया, एक विचित्र सा नाम,
बेटी बन कर आ गई, समझती घर के काम,
समझती घर के काम, पति पर पूरा ध्यान जमाती,
वाणी से दिल में सबके, घर वह कर जाती,
जन्मदिवस शुभकामना, आशीर्वाद और प्यार, 
उसकी खुशी में शामिल है, पूरा अपना परिवार.
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अक्तूबर 
+++++





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जन्मदिन - कोपल - 30
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कोपल सी कोमल दिखे, भीतर से है नर्म,
निर्णय हैं कठोर बड़े, समझें जीवन मर्म,
समझें जीवन मर्म, हॅंसी में टालती बात,
रही कठिन समस्या, सबका निदान पा जात,
देते हम आशीश, रखे सदा हृदय कोमल,
जन्मदिवस कामना, सुखी हो अपनी कोपल.
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कोपल बेटी नाम से, उठता उर में प्यार,
नहीं मिला कोई हमें, ले उस से प्रतिकार,
ले उस से प्रतिकार, निष्ठा से घर सजाया, 
बेटी आगे चले, उसे सभी गुण सिखाया,
देते सब आशीश, हर क्षेत्र में रहे सफल,
सुखी रहे वह सदा, अपनी दुलारी कोपल.
-------
कोपल की कोपल खिली, टहनी बनती आज, 
कल तक खुद कोपल रही, देखे सभी समाज, 
देखे सभी समाज, जाने कौशल, कलाएं, 
पारंगत गान में, हमें संगीत सिखाएं, 
बाँटें ज्ञान सदैव, बात कहने को बेकल, 
जन्मदिवस मुबारक, पाए सब खुशी कोपल. 
--------
परिवारी चाहें सभी, कोपल का कल्यान, 
सुख, समृद्धि छाई रहे, चमके नाम जहान, 
चमके नाम जहान, बनती सबकी दुलारी,
उसकी बेटी लगे, सबको बहुत ही प्यारी, 
जय से जोड़ी बना, वह हो गई संसारी, 
बाढ़ दिवस आशीष, देते सभी परिवारी. 
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कोपल बेटा ने किया, जय लाल का ख्याल, 
चिंकी ने पूरी करी, सारी कमी, मलाल, 
सारी कमी मलाल, खुश रहे सकल परिवार,
सदा सुखी, स्वस्थ हो, हमारी कोपल प्यारी, 
हर दिन हो प्रशस्त पथ, करे प्रगति हर पल, 
देते शुभकामना हम, हो मुबारक कोपल.
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जन्मदिन - मिलन -24
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लाल मिलन होने लगे, अभियंता के पास,
भाॅंति भाॅंति की नौकरी, रखतीं उनकी आस,
रखतीं उनकी आस, सेवा से कृतार्थ करें,
मिलें नए आयाम, सुप्त प्रतिभाएं निखरें,
जन्मदिवस कामना, हो विकसित बुद्धि मराल,
स्वस्थ, मंगल जीवन, पा जाएं मिल्लू लाल.
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मिलता सबसे प्यार से, मिलन बोलते नाम,
काबिल सा इंजीनियर, करे नहीं आराम,
करे नहीं आराम, लिखने की अदा डाली,
तर्क दे कमाल के, भक्ति हनुमत की पाली,
हों सफल सभी जगह, पूरे हों सारे सपन,
खुश रहे वह सदा, हम सबका प्यारा मिलन.
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मामू मिलन पढ़ते हैं, कंप्यूटर का सार, 
दूर भले माँ से रहे, पाते पूरा प्यार, 
पाते पूरा प्यार, घर बैठे हो पढ़ाई, 
फोन से हाल मिलें, याद जब दीदी आई, 
देते हैं आशीश, खुशियों की नहीं सामू,
रहें प्रसन्न, समृद्घ, दुलारे मिल्लू मामू. 
-------
बात निराली मिलन की, बनी अपेक्षा सार, 
जन्म दिवस उसका मने, प्यारा सा त्योहार.
होते वयस्क लग रहे, आशा के अंबार, 
पूरण होगी कामना, अशीष का उपहार. 
रुचि विशेष थी खेल में, क्रिकेट का अभ्यास,
बात विनम्रता से करें, खुद को हो आभास. 
-------
लला मिलन से लाल की, महिमा अपरम्पार, 
देखन में सीधे लगें, दिल से बहुत उदार. 

खेल-खेल में कर गए, कक्षा दस को पास, 
कड़ी परीक्षा अब रही, दे दी सबको आस. 

खेलें, कूदें, खुश रहें, करें जगत कल्यान, 
हम देते आशीष हैं, करें सभी सम्मान. 
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शैंकी, रिंकी, मिलन,
तीन तिलंगे,
विश्रुत उपहार.

प्रथम पढ़ाई,
दूजी क्रिकेट, 
मस्ती बाद परीक्षा. 

जीजी प्यार,
रिंकी तकरार,
जीजू का सत्कार.
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अरनव - जन्मदिन - 22
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बच्चा अरनव कह रहा, पाऊॅं अनुपम ज्ञान,
श्रेय पिता को दे रहा, उनका हो गुणगान,
उनका हो गुणगान, पढ़ने में प्रथम आता,
खेल कूद के पदक, तो अवश्य लपक लाता,
करे विनम्र बातें, हृदय का काफी सच्चा,
सदा रहे खुशहाल, सुखी हो अरनव बच्चा.
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नाती अरनव में बसे, सारे घर की जान,
देख कुशलता सब कहें, अरनव मेरी शान,
अरनव मेरी शान, खेलने में भी आगे,
हो पढ़ाई चर्चा, तो सभी पीछे भागें, 
हम देते आशीश, करे वह सबसे बाती,
सदा खुश, स्वस्थ रहे, दुलारा अरनव नाती.
-----
पारंगत हर बात में, रुचि रखते सब बात, 
पूरा जोश दिखा सकें, मानें गोलू मात, 
मानें गोलू मात, हों घर पर आॅनलाइन, 
हाल चाल पूछते, सभी रिश्तों में शाइन,
आगंतुक का अर्थ, मेहमानों का स्वागत,
बने हमारा लाल, हर बात में पारंगत. 
-------
शंखनाद भी कर सकें, अपना अरनव लाल, 
कहना माने मात का, बड़ा हुआ दस साल. 
सभी कला आतीं उसे, हो नियमित अभ्यास,
पढ़ने में आगे दिखे, करता सतत प्रयास. 
जोड़ी दोनों भ्रात की, ज्यों कान्हा बलराम, 
निरखे राधा श्याम को, मन मोहक अभिर
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गोलू का बेटा बड़ा, अरनव रक्खा नाम, 
समझदार सी बात कह, करता सबके काम. 
सुमित-तनय के ध्यान से, होता सुख आभास, 
पढ़-लिख कर आगे बढ़े, कर ले खूब विकास. 
जन्मदिवस शुभकामना, देते सारे मित्र, 
केक काट कर खुश रहें, खींचे नाना चित्र. 
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सगाई - मुग्धा -21
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मुग्धा बेटी का मेरी , अब बँट गया है प्यार , 
ममता मूरत को करें , स्नेह भरा नमस्कार ,
आज पराई हो रही, बेटी हम से अब दूर ,
सूना आँगन कर चली, हमरे घर का नूर ,
पर , प्रसन्न रहे सदा, रहे न उसको कोई दुविधा , 
सदा सुखी ख़ुशहाल रहे, हमारी प्यारी मुग्धा .
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शादी पक्की हो गई , आजीवन हरदम साथ ,
मुग्धा स्नेह से मिल रही , आज अंकित के हाथ , 
आज अंकित के हाथ , करे प्यार भरी बाती , 
सम्मानित कर परिवार , परम्पराएँ  सादर अपनाती ,
कुल मर्यादा अपनाने में , जीवन उसका हो आदी ,
तभी सफल कहाएगी , मुग्धा अंकित की शादी .
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स्वागत दिल से कर रहे , जोड़ के दोनों हाथ ,
मौन मन से मना रहे , बना रहे आपका साथ , 
बना रहे आपका साथ , करते रहें आभार , 
बड़ी दूर से आन कर , किया बड़ा उपकार ,
प्रेम भाव से करते रहें , यूँ ही आवभगत ,
नित नव प्रीति से , करें आपका स्वागत 
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जन्मदिन - ज्ञान - 21
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अपने प्रिय श्री ज्ञान जी, करते हैं गुणगान,  
भाषण मधुर मोहक है, रखें निराली शान,
रखें निराली शान, करते नम्र हो बातें,
रख गौरव शालीन, अति प्यार से मुस्काते, 
अचिंत की नौकरी, देखते सुंदर सपने,
सदा सुखी रहें वह, लक्ष्मी पति ज्ञान अपने.
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ज्ञान नाम महिमा सुनी, होता अपार हर्ष,
वरिष्ठ बने, छोड़ युवा, अब हुए साठ वर्ष.
अब हुए साठ वर्ष, ईश में ध्यान लगाते,
सुत की शिक्षा हुई, भावी स्वप्न सजाते,
दें हम शुभकामना, बढ़ता रहे सम्मान, 
श्रीवृद्धि हो आपकी, नमन स्वीकारें ज्ञान.
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विनती ज्ञान भाई की, करता है संसार, 
प्रसन्न रहें, सदा करें, प्रेम भरा व्यवहार, 
प्रेम भरा व्यवहार, जागरूक नौकरी में, 
रखते सबका ख्याल, आता है विचार हमेंं,  
उपकारों की है नहीं, याद हमको कुछ गिनती, 
सदा रहें वह सुखी, मालिक से करें विनती. 
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महिमा ज्ञान महान की, कैसे करूँ बयान, 
जितना सोचें, गहन हम, डूबे मन नादान,
डूबे मन नादान, बनते सजग कर्मवीर, 
देख कष्ट किसी के, हो जाते तुरत अधीर,
कोशिश करें प्रसन्न, बढ़ सके सभी की गरिमा, 
जन्मदिन पर वांछा, ज्ञान की बढ़ती महिमा. 
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सेवा में निष्ठा रही, रहा सत्य ईमान, 
गुरु में रख कर आस्था, करें ईश का ध्यान, 
करें ईश का ध्यान, प्यारा अपना परिवार,
सौम्य रही मुस्कान, मोहक उनका व्यवहार, 
जन्मदिवस शुभेच्छा, कृपा बरसाएं देवा, 
होवें स्वस्थ, समृद्ध, पाएं ज्ञान सेवा. 
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ज्ञान जी ने दिलवाया, हम सब को सम्मान, 
समझ-बूझ में आप की, एक अलग पहचान,
एक अलग पहचान, मसलों का समाधान, 
कर्मठ, शालीन बन, पहनें सुंदर परिधान,
गुरु में श्रद्धा रख करें, नव-काज आव्हान, 
जन्मदिन शुभेच्छा, लें अपने प्रिय ज्ञान.
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जन्मदिन - हृदयाँश - 19
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बड़ा चतुर अब बन गया, नन्हा लाल हृदाॅंश,
समझें सारी बात को, बोल रहा वाक्यांश,
बोल रहा वाक्यांश, तोतली भाषा प्यारी,
आ जाए रुदन पर, सभी पर पड़ता भारी,
मन माफिक हो नहीं, रहता अपनी पर अड़ा,
देते हम आशीश, जल्दी हो जाए बड़ा.
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छोटा सा हृदाँश कहे, मत पूछो कुछ हाल,
खेल कूद की उमर में, बस्ता लाद बवाल,
बस्ता लाद बवाल, रोज़ाना जाते स्कूल,
खूब शैतान बनूँ, समझो ना मुझको फ़ूल,
दिल का मैं साफ़ हूँ, मुझे क्यों कहते खोटा,
दुआ सभी दें उसे, अभी है बच्चा छोटा.
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छोटो सो हृदाँश लला, मोरे मन को मीत,
दोन बरस को है गयो, भलो लगै संगीत, 
भलो लगै संगीत, सम पर ताल दै जावै,
दादी दें संस्कार, घर में ठुमका लगावै, 
प्यारी दे मुस्कान, हँस कर खिचावै फोटो
दिल से आशीष दें, खुश रहे लल्ला छोटो.
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एक साल का हो गया, अपना नटवर लाल, 
खीस निपोरे कर रहा, सबसे एक सवाल. 
दादी-नानी से अधिक, करता कौन दुलार, 
माँ की ममता का सदा, हम पर रहा उधार. 
पकड़ूँ पापा के कदम, नई दिखाएँ राह, 
आप मुझे आशीश दें, पूरी हो मम चाह. 
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शादी की वर्षगाँठ - पुष्पेंद्र जी + किरन एकन्ना -14
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भाई जी ले लीजिए, श्रद्धा और प्रणाम, 
आप आज करते रहें, सारा दिन आराम, 
सारा दिन आराम, भाभी संग मुस्काएं,
बच्चे दें उपहार, खुशी से फूले जाएं,
बच्चे की हो रही, समझो पूरी पढ़ाई,
जीवन आनंद लें, हमारे प्यारे भाई.
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भाभी जी ने कर लिए, अपने कर में पुष्प, 
मिल कर उनके साथ में, दिखते खिलते पुष्प,
दिखते खिलते पुष्प, मजे में कटता जीवन,
स्वयं मुदित रह रखें, बनें सुख दुख के साधन,
पेचीदे मामले, घुमाएं ऐसी चाभी,
भाव सहित बधाई, मिल कर पुष्पेन्द्र, भाभी.
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भाई भाभी से मिले, पहले पैंतिस साल, 
जोड़ी ऐसी जम रही, दिखती खूब कमाल, 
दिखती खूब कमाल, नगमे प्यार के गाते, 
केवल तन है अलग, मन से सदा मिल जाते, 
मिलें सदा खुश रहें, नहीं मंजू़र जुदाई, 
शुभकामना शादी, कर लें स्वीकार भाई.
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पुष्पेन्द्र ने सोच कर, किया बड़ा उपकार, 
शादी होगी किरन से, आया नेक विचार, 
आया नेक विचार, जाए बरात बड़फरा,  
ले आएं वहाँ से, एक दुलारी अप्सरा, 
समधी दें बधाई, दिनेश और वीरेन्द्र, 
रहे मुबारक खुशी, मिलते किरन पुष्पेन्द्र.
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जीवन में सब मिल गया, इक दूजे के साथ, 
सुख-दुख के साथी बने, डाल हाथ में हाथ,
डाल हाथ में हाथ, संग की कसमें खाईं, 
ली सन छियासी में, अपनी माँ से बिदाई,
रहें स्वस्थ, संपन्न, महकता उनका उपवन,
बेटी भी सौंप दी, जी लें मजे का जीवन. 
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बेटी एक बिदा करे, बीता कुछ ही काल, 
अंश जिगर का दे दिया, भेजा जब ससुराल, 
भेजा जब ससुराल, रख कर नाना अरमान, 
नाना-नानी बने, आया नन्हा शैतान, 
बधाई का मौसम है, खुशी खूब समेटी, 
पुष्पेन्द्र बड़फरा जा, लाए किरन बेटी. 
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सदा मुस्कुराती ही रहे , पुष्पेन्द्र किरन की जोड़ी ,
सोच समझ के गढ़ीेे , रब ने अनुपम रचना बड़ी ,
अनुपम रचना बड़ी , करती नैनों में संवाद ,
ताल मेल के साथ में , सुलझाती सभी विवाद ,
अच्छी शिक्षा , संस्कार से , हो उनका भला सर्वदा ,
बढ़ता ही रहे , उन में सौहार्द्र सदा सदा .
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पुष्किरन के साथ में, प्यार भरे कुछ साल,
बीते ऐसी चाह में, पूछें इक दूजे का हाल,
पूछें इक दूजे का हाल, रखें खूब खयाल, 
नव निखार आता जाए, मिलती जाए लय, ताल, 
शादी की वर्षगाँठ, महकती रहे दिनों दिन,
पाए शुभकामनाएँ व प्रणाम, सदा हमारे पुष्किरन. 
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शादी की वर्षगाँठ - कोपल + जय - 12
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जय कोपल से मिल गए, पहले पंद्रह साल,
अब तो बारह बरस का, उनका अपना बाल,
उनका अपना बाल, आपस में दिल मिलाते,
रिश्ते कैसे निभें, सब को खुशी दिखलाते,
हम करते कामना, मिले सब जगह पर विजय,
सुखी परिवार रहे, मस्ती करें कोपल जय.
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जय कोपल के नाम से, छा जाता उत्साह,
दोनों को आशीश दें, जीवन सरित प्रवाह,
जीवन सरित प्रवाह, दिखे चिंकू मुस्काती,
खुशियाँ मिलें अपार, जय होते जब बराती,
विकास पंथ प्रशस्त, इसमें नहीं कुछ संशय,
सुखी रहें सर्वदा, प्रिय हमारे कोपल जय.
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कोपल करती ही रहे, जय की जय जयकार,
हाँ में हाँ सबकी रही, कहे हमारा प्यार, 
कहे हमारा प्यार, चिंकी से बढ़ता मान, भाव मिला जगत में, बच्चे हैं अपनी जान, 
बढ़ता रहे उनमें, अनुपम प्यार, हर क्षण पल, 
सदा समर्पण बने, बेटा जय और कोपल. 
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जय कोपल के मेल पर, करे दुआ परिवार,  
आशीशों की हो रही, हर तरफ बौछार, 
हर तरफ बौछार, साथ में चिंकी प्यारी, 
बड़े जतन से पली, लाडली लली हमारी, 
इक दूजे के बिना, होते वह दोनों विकल, 
सदा दिखें खुशहाल, जगत-प्यारे जय कोपल. 
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कोपल सी कोमल रही, जय का रखती ध्यान, 
घरवालों के साथ में, करती सबका मान, 
करती सबका मान, संग में चिंकी मतवाली, 
सीखे सब लगन से, भरती ज्ञान की प्याली, 
सुखी स्वस्थ संपन्न, बनें आपस में संबल, 
शादी की शुभेच्छा, रहें खुश जय-कोपल. 
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कोपल ने जय के गले, डार दई जयमाल,  
जय ने सहर्ष स्वीकारा, सादर प्रेम प्रवाल, 
सादर प्रेम प्रवाल, पाया चिंकी का उपहार, 
सर्व गुण संपन्न बना रहे, उसको दे कर प्यार,
प्रीत परस्पर बढ़ती रहे, हर दिन हर पल,
शादी की शुभकामनाएँ, आशीष पाएँ  जय कोपल. 
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जन्मदिन - विश्रुत - 10
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अपने बच्चे को हुए, पूरे सैंतिस साल,
उसका बच्चा कर रहा, सब जगह पर धमाल,
सब जगह पर धमाल, काम नहीं यह सुहाता, 
लगा कुछ और करें, अन्यत्र जोड़ें नाता,
जन्मदिवस कामना, पूरे हों सभी सपने,
सुखी, स्वस्थ, संपन्न, रहें परिवारी अपने.
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अपना घर खरीद लिया, ले सरकारी लोन,
बरसों की इच्छा रही, दबी हुई थी मौन,
दबी हुई थी मौन, अब पदोन्नति हो जाए,
हो ईश कृपा सदा, सुख संपन्नता छाए,
हो दिमाग में शाँति, लगे पूरा हर सपना,
जन्म दिवस कामना, खुश रहे लल्ला अपना.
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सदा थिरकते ही रहें, अपने लल्लू लाल, 
सेवारत जिपराॅक में, करते खूब धमाल, 
करते खूब धमाल, चार कदम आगे रिद्धू, 
कुछ भी समझे नहीं, बना देता वह बुद्धू. 
हो पूरी कामना, आए नहीं कुछ विपदा, 
दिखे प्रसन्न हरदम, रहे संपन्न वह सदा. 
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लल्ला विश्रुत ले रहा, हम सब की आशीश, 
दोनों कुल की लालसा, भली करें जगदीश, 
भली करें जगदीश, सुगम हों जीवन राहें, 
सब विधि हो कल्याण, भला किरदार निबाहें, 
चैन से रहें सभी, मचे ना कोई हल्ला, 
जन्म दिवस कामना, पाए हमारा लल्ला.
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बेटा भी जब बन गया, खुद बेटे का बाप, 
बता रहा समाज उसे, सबको कहिए आप, 
सबको कहिए आप, मान सभी को दीजिए, 
छोड़ लोभ, क्रोध को, काम लगन से कीजिए,
जन्मदिवस पर प्यार, पेट पर बेटा लेटा, 
रहे स्वस्थ, संपन्न, सदा सुखी रहो बेटा. 
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बच्चा पढ़ लिख कर, हुआ गबरू जवान, 
संस्कार के साथ समर्थ बन, किया कार्य  महान,
किया कार्य महान, व्यक्तित्व का किया विकास, 
विविध संस्थाओं का अनुभव, मंथन का प्रयास, 
विवाह कसौटी पर उतरे खरा, रहे न कहीं से कच्चा, 
जन्मदिवस की आशीष ले, अपना प्यारा बच्चा. 
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जन्मदिन - चुन्नी - 7
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बीना दीदी को मिले, सभी का चरण स्पर्श,
उनको सारे जानते, अपना ही आदर्श,
अपना ही आदर्श, बात पते की बतातीं,
सुघड़ गृहस्थी बना, नियम कायदे दिखाती,
ऐसा सुंदर मिला, हमें नायाब नगीना,
जन्मदिवस शुभेच्छा, स्वीकारें सुश्री बीना.
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चुन्नी दीदी के चरण, मन करता लूँ चूम,
मिले शाँति जो साथ में, आते दुनिया घूम,
आते दुनिया घूम, संकट में मुस्करातीं,
शिक्षा दे सभी को, अनुचित उचित समझातीं, 
देतीं हैं आशीश, सदा आगे हैं मुन्नी,
जन्म दिवस कामना, हँसती हैं सदा चुन्नी.
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बीना दीदी से मिले, अपनेपन का भान, 
सबसे हँस कर बोलतीं, रखतीं सबका मान, 
रखतीं सबका मान, पोते पर छिड़कें जान,
पति सेवा में व्यस्त, बन कर उनका अभिमान,  
बच्चों की तारीफ़, हो सुगम सबका जीना, 
जन्मदिन पर प्रणाम, ले सकें दीदी बीना.
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अपनी ममता बाँटती, सबको एक समान, 
मूरत दिखती त्याग की, नहीं तनिक अभिमान, 
नहीं तनिक अभिमान, सही सलाह सब पाएँ, 
उनके दीदार से, हम धनधन्य हो जाएँ, 
हम देते बधाई, नाम है उनका चुन्नी, 
एक अलग पहचान, बनाए रखतीं अपनी.
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चुन्नी दीदी का रहा, मुश्किल भरा अतीत,
स्वर्णिम दिन अब आ रहे, कल्पित सत्य 
प्रतीत, 
कल्पित सत्य प्रतीत, कदम बहू ने सजाए, 
फिक्र रहित हों शीघ्र, बेटी ससुराल जाए,
जन्म दिवस शु़भेच्छा, दें दुआओं की गिन्नी, 
रहें सदा अब स्वस्थ, भाव भरी, सरल, चुन्नी. 
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चुन चुन कर चुन्नी चुनी, रहे बड़े अरमान,
संघर्ष पूर्ण जीवन रहा, विधि का बड़ा विधान,
विधि का बड़ा विधान, संस्कार ऐसे पाए,
सद्भाव, प्यार से, सबके मन में धाक जमाए,
समाज, परिवार सामंजस्य में, रहीं अद्भुत निपुन, 
सोचो कोई गुन, न हो इनमें, वो शब्दकोष से चुन.
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सितंबर
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जन्मदिन - लक्ष (मून) - 28
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प्यारा सा बालक दिखे, बोलें उसको मून,
कभी कभी ही चीखता, वरना रहता मौन,
वरना रहता मौन, लगता अकल का पुतला,
बड़ा प्यारा लगता, थामे हाथ में बल्ला,
हम देवें आशीश, केक काटो का नारा,
तीन साल का हुआ, लक्ष कहो मून प्यारा.
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बेटा लक्कू लाल को, देते सब आशीश,
उनकी मस्ती देख कर, खुश होते जगदीश,
खुश होते जगदीश, ठुमक ठुमक कर वह चले,
उसकी भोली बात, सबकी गोद में खेले,
राँची से पुणे आ, पूर्ण परिवार समेटा,
सदा स्वस्थ सुखी हो, हमारे लक्कू बेटा.
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लक्ष नाम के लाल की, बड़ी निराली शान, 
एक साल के हो गए, हरदम मिलता मान,  
हरदम मिलता मान, रहे आँखों के तारे, 
राँची में सब कहें, हमारे राज दुलारे, 
बड़े बन नाम करें, हर काम में सफल, दक्ष, 
सब दें उसको दुआ, कर सकें तरक्की लक्ष. 
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जन्मदिन - बेबी - 27
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बेबी मौसी को नमन, करता सब परिवार,
खुले दाॅंत उनके दिखें, झलके पूरा प्यार,
झलके पूरा प्यार, सब पर दुआ बरसाती,
साहस की तारीफ, ना किसी से घबराती,
सीधी सच्ची बात, नहीं एक भी फरेबी,
नमन करें स्वीकार, लखो प्रिय मौसी बेबी.
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बेबी श्री की योग्यता, हम को दे विश्वास,
लोहा मानें हम सभी, जगती मन में आस, 
जगती मन में आस, नव सुर हरदम सजाती, 
पोते को दे ज्ञान, संगीतकार बनाती, 
रहें सदा ही स्वस्थ, यूँ ही पूजते देवी, 
जन्मदिवस कामना, मस्त हों अपनी बेबी.
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नानी थीं, दादी बनी, खूब लुटाएँ प्यार, 
ममता की मूरत रहीं, नमन करें शत बार, 
नमन करें शत बार, सुरों की महफ़िल सजती, 
निपुण नृत्य में रहीं, सुरीली पायल बजती, 
रहीं गुणों की खान, है नहीं उनका सानी, 
जन्मदिवस पर नमन, कह रहे दादी नानी. 
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बेबी मौसी की रही, बड़ी निराली शान, 
कला विरासत में मिली, भली राग पहचान, 
भली राग पहचान, सुर की सजाएं महफिल, 
मृदु गान से उनके, मोहित साथियों के दिल, 
पाए सीधे लोग, नहीं एक भी फरेबी,
जन्मदिवस कामना, खुश रहें मौसी बेबी. 
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बेबी मौसी ने किया, स्वर पर पूरा अधिकार, 
सा रे ग म के विस्तार में, रचा अनुपम संसार, 
रचा अनुपम संसार, प्रकृति प्रदत्त उपहार, 
सच्चे शिक्षक के रूप में, बाँटें ज्ञान भंडार,
विरले इस कला से संपन्न हैं, अद्भुत गुण  है दैवी,
जन्मदिन शुभकामनाएँ, स्वीकारें, जिनको कहते बेबी.
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शादी - श्वेता व रजत - 26
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श्वेता बोली रजत से, थामा तेरा हाथ,
रखिए कृपा जीवन भर, बना रहे यह साथ,
बना रहे यह साथ, चले प्यार भरी गाड़ी,
बने रहे संस्कार, अपना सकें परिवारी,
हो गुरु का सम्मान, दो कुल का जुड़ा नाता,
सुखी रहें सदा ही, अपने प्रिय रजत, श्वेता.
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जन्मदिन -  शोनी  - 16
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शोनी तो शोनी रही, सबको देती चैन,
आने से हों सब सुखी, जाने से बेचैन,
जाने से बेचैन, उपस्थिति उसकी भाती,
बातों से मोह मन, सबको खूब हॅंसाती,
जन्म दिवस पर करें, हम आशीश की बोनी,
सुखी रहे वह सदा, जिसको कहें हम शोनी.
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शोनी की चर्चा करो, होता हर्ष अपार,
सबके मन को मोह ले, उसका प्रिय व्यवहार,
उसका प्रिय व्यवहार, हौले से मुस्कराती,
घायल नज़रें करें, वह शरारत टपकाती,
हम देते आशीश, शीघ्र काम करे होनी,
यूँ ही हँसती रहे, अपनी अप्रतिम शोनी.
------
बच्चे को प्यारी लगे, शोनी श्री की गोद, 
माँ की ममता बाद में, पहले बुआ विनोद, 
पहले बुआ विनोद, मगन हो उसे खिलाती, 
संभव माँ से नहीं, वह बुआ उसे दिलाती, 
मौज रहे बुआ की, विचार बने अति अच्छे,
मिले बधाई बुआ को, बने रहें सदा बच्चे. 
--------
शोनी बेटी खुश रहे, पा पापा का प्यार, 
माँ की ममता मृदुल है, करती खूब दुलार, 
करती खूब दुलार, लाक डाउन टहलाए, 
इस तरह सेवा का, अवसर उसे मिल पाए, 
त्याग तपस्या मूर्ति, बिटिया बनती मोहिनी, 
जन्म दिवस शुभेच्छा, पाती हमारी शोनी.
--------
शोनी तो सोनी लगे, न्यारी उसकी शान, 
मिलने को उत्सुक रहे, अजब गजब मुस्कान, 
अजब गजब मुस्कान, बच्चों संग मिल जाती, 
रौब बड़ों पर मगर, अपना खूब दिखलाती, 
करती नियमित काम, अनहोनी बने होनी,
जन्म-दिवस कामना, मस्त रहे सदा शोनी. 
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मौसी श्री के लाड़ से, हो गई मैं निहाल, 
माता की ममता रही, बन कर मेरी ढाल, 
बन कर मेरी ढाल, अच्छे दिए संस्कार, 
सब तरह पढ़ा-लिखा, कर दिया बड़ा उपकार, 
जन्मदिन की शुभेच्छा, देते सब पडौ़सी,
भैया-भाभी साथ में, मिली मम्मी मौसी. 
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जन्मदिन - ऋषिका - 14
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छोटी बिटिया लाडली, पढ़ने चली विदेश,
बड़े चाव से जा रही, प्रथम बार परदेश.
प्रथम बार परदेश, दिखे सदा मुस्कुराती,
खाने की शौकीन, त्वरित भोजन अपनाती,
पतली दुबली दिखे, कभी नहीं रही मोटी,
आशीश रहे साथ, हमारी रिषिका छोटी.
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ऋषिका बिटिया नाम से, हिल जाता परिवार,
खुशियां सारे जहाँ की, उस पर होतीं वार,
उस पर होतीं वार, नाज सब लोग उठाते,
गुस्से के सामने, सभी जन शीश नवाते, 
प्रतिभा की है धनी, दीदी उसकी वर्तिका,
देते हम आशीश, सुखी रहे सुता ऋषिका.
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छोटी सी बिटिया चपल, मनती पूरी मौज, 
काम हाथ में जो रखे, पूरा करती रोज, 
कोरोना काल रहा, घर से चालू स्कूल, 
आगे पढ़ने चली, लक्ष्य छाँटना है मूल, 
खुशी सभी तरह की, चरणों में रहे लोटी, 
हँसी रहे सदा ही, दिखे दंतावलि छोटी.
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शौक निराले पालती, ऋषिका उसका नाम, 
हिंदी दिवस मना करे, अंग्रेजी में काम. 
बिटिया छोटी ही चपल, नहीं कभी गंभीर, 
प्रथम रहे खेल कर भी, हरती सबकी पीर. 
लाड़ लड़ा कर सिर चढ़ी, पापा करते प्यार, 
शोर मचा कर जिद करे, सभी मानते हार. 
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पढ़ने को जाने लगी, ऋषिका उसका नाम, 
फैशन में तन, मन लगे, रखे काम से काम.
बड़े अदब से पेश हो, पा अच्छे संस्कार, 
सुबह जाग, दिल से करे, गुरू को नमस्कार. 
पापा की वह लाडली, मम्मी करें दुलार, 
जन्म दिवस उसका मने, हम सब कहते प्यार.
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ऋषिका के जन्मदिन का, यह सुन्दर उपहार, 
मिलता रहे सदा उसे, सभी बड़ों का प्यार. 

अभी घूम कर आ गई, यादें रखीं सहेज, 
हम को भी आनंद हो, जल्दी फोटो भेज. 

हर फन मौला वह बने, सब में रौब जमाय, 
हँसती मुस्काती रहे, सभी पदक ले जाय. 
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अगस्त
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जन्मदिन - गोलू - 31
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गोलू को सब जानते, कहें शुभांगी नाम,
आगे बढ़ कर, कर रही, बड़े बड़े से काम,
बड़े बड़े से काम, महफ़िल अच्छी सजाती,
जोड़ परिवार रखा, गुण पति के कह जाती,
होवे मंगल सभी, सब से मिलूं, शुभ बोलूं.
देते हम आशीश, सुखी रहे सदा गोलू.
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गोलू इस संसार में, सभी सुखों का भंडार, 
रही कृपा भगवान की, सारे करें दुलार,
सारे करें दुलार, सुखी बजे नगाड़ा,
फिर आ कर हाल को, कोरोना ने बिगाड़ा,  
मिले स्वास्थ्य शीघ्र, नवजीवन पुनः चालू,
देते सब आशीश, सदा सुखी रहे गोलू.
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*गोलू* को *गोलू* कहें, आकर रिश्ते दार, 
*गोलू* आ कर बोलती, *गोलू* का आभार, 
*गोलू* का आभार, दोनों सुतों का दुलार,
*गोलू* पाती रहे, हरदम पतिदेव का प्यार, 
*गोलू* से खुश रहें, जिज्जी के *गोलू-मोलू*, 
*गोलू* को मुबारक, जन्मदिन वाली *गोलू*. 
------
प्यारी देखन में लगे, गोलू उसका नाम, 
कायल हम मुस्कान के, करती सबके काम, 
करती सबके काम, है हर हरकत पर नजर,
आॅफिस में काम कर, घर आकर जाती पसर, 
जन्म-दिवस शुभेच्छा, दूर हो सब बीमारी,
खुश रहे सदा-सदा, हमारी गोलू प्यारी.
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घर गृहस्थी में फँसी, इक नन्ही सी जान,
करतब उसके देख कर, दुनिया है हैरान,
दुनिया है हैरान, चलता प्रतिभा का सिक्का,
उसके गुण लख बोलें सब, उसे तुरुप का इक्का,
बसे सरस्वती वाणी में, ज्ञान का फूटे निर्झर, 
ऑफिस के साथ निभाए, बड़ी कुशलता से घर.
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गोलू श्री की ममता, करती रोज कमाल,
भागमभाग की जिंदगी, मचा जाती धमाल, 
मचा जाती धमाल, नेह से भरा परिवार, 
रख कर खुद पर संयम, भरती अतुल संस्कार, 
रोज करे वह पार्टी, प्रानिका की खालू,
जन्म दिवस शुभकामना, खुशी पाए गोलू.
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जन्मदिन - विनय - 19
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नमन विनय से विनय को, प्यार जगत विख्यात,
देखा चेहरा उन का, मन आनंद समात,
मन आनंद समात, सभी मदद को तैयार,
बेटी चली विदेश, उनके जिगर का दुलार,
देवें शुभकामना, रहते सदा प्रसन्न मन,
सुखी, मुदित मन रहे, विनय से विनय को नमन.
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कहें बधाई विनय को, सभी कन्हैया लाल, 
धीरे धीरे उमर भी, बढ़ जाती इक साल,
बढ़ जाती इक साल, नौकरी का अनुभव बढ़ता,
बेटी पढ़ती जाएं, परिवार का आनंद मिलता,
दें जन्मदिन बधाई, खूब मजे में वह सब रहें,
लगा अठावन साल, सतावन को बाय बाय कहें.
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अपना भैया जम रहा, सभी लोग खुशहाल, 
जन्म दिवस उसका मने, छप्पन पूरे साल, 
छप्पन पूरे साल, पाया चक नया निवास, 
बिना परीक्षा दिए, हो गई बेटियाँ पास, 
प्रमोशन भी हुआ, जिसका सजाया सपना, 
देते हैं आशीश, खुश रहे भैया अपना.
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लल्ला, बच्चा विनय का, करते सभी दुलार, 
ग्रुप संचालन का रहा, बाजू द्वय पर भार, 
बाजू द्वय पर भार, प्यार में सभी लपेटे,
तर्क प्रभावित करें, बना कर बंधन समेटे, 
मिलें जब यारों से, काटें गजब का हल्ला, 
दुआ जन्म दिवस की, मस्त हो अपना लल्ला. 
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प्यारा विनय चमक गया, दान, पुण्य, कल्यान, 
सोचे बिन करते रहे, अपनों का सम्मान, 
अपनों का सम्मान, है नौकरी का बंधन,
पालन परिवार का, करते साथ में मंथन, 
जन्मदिन की वाँछा, करता है दिल हमारा, 
रहें स्वस्थ, धनवान, प्रगति करे विनय प्यारा.
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दिल का भाई से अधिक, कौन जानता हाल, 
रख भरोसा भ्रात पर, कर दिखाता कमाल, 
कर दिखाता कमाल, तन-मन से है सरल,
भले करता शैतानी, भाव भरता विह्वल,
बांध रखा परिवार को, रहे सबसे हिल- मिल,
जन्म दिवस की बधाई, दे रहा आतुर दिल. 
------
सेवा में तत्पर रहें, पूरी निष्ठा के साथ, 
जग प्रसिद्ध हो गए, हमारे प्यारे भ्रात,
हमारे प्यारे भ्रात, सरल हृदय के स्वामी,
परोपकार में कष्ट उठाएँ, सर्व अन्तर्यामी,
कला, विधा में पारंगत, सब बहनों के देवा,
आशीष विनय लेते रहें, जन्मदिन पर करते सेवा.
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भले लगे बोलन में, अति मृदु शिष्टाचार, 
सत्संगति में परख लिए, कथनी, करनी और विचार, 
कथनी, करनी और विचार, सादगी की मूरत,
चमके तेज, प्रफुल्लित, दिव्य अनुपम सूरत, 
जीवन जीते शान से, शौक नए नित पाले,
जन्म दिवस पर लाग रहे, भाई अति भले.
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जन्मदिन मना रहे , आज मेरे भ्रात , 
दुआ खजाना लूटते , मुदित मन के साथ ,
मुदित मन के साथ , सोल्लास यह पर्व मनाएँ ,
करें तरक्की रात दिन , साथ में मस्ती लाएँ ,
आशीषें दें हम सब , स्वस्थ रहें दिन प्रति दिन , 
यादगार बन जाए , स्वर्ण जयंती का यह जन्मदिन.
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कल का बालक खेल कर, हुआ आज जवान,
जीवन में परिपक्व हुआ, अर्ध शतकीय ज्ञान,
अर्धशतकीय ज्ञान, निरखे भविष्य स्वर्णिम, 
दे सबको सम्मान, सब से पाए प्यार अप्रतिम,
न हो निराश आलोचना से, मत कर चित्त विकल, 
होगा सब विधि मंगल, और मुबारक आगामी कल.
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जन्मदिन - ऋतु - 16
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बच्चा छोटा रितु रहे, सुखी रहे परिवार,
उस को मिलता ही रहे, सभी जनों का प्यार,
सभी जनों का प्यार, अच्छे से घर चलाती,
सबका रखती ध्यान, हौले से मुस्कुराती
घर सॅंवार कर रखे, देखो तो लगे अच्छा,
मिले खुशी सदा ही, प्यार करे छोटा बच्चा.
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बेटा ऋतु को लग रहा, अब पचासवाँ साल, 
जीवन में खुशियाँ मिलें, घर हो मालामाल, 
घर हो मालामाल, दें संस्कार की शिक्षा, 
ऊँचा चरित्र बने, दी बालकों को दीक्षा. 
सब की शुभेच्छा हों, नहीं रहे कभी टोटा, 
सब खुशी उसे मिले, मस्ती करे ऋतु बेटा. 
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बेटा रितु पूरे करे, एक कीमती साल, 
उसने देखा साल में, कोरोना का हाल, 
कोरोना का हाल, देखी उसकी तबाही, 
संयम रख कर अधिक, सबके भले की चाही. 
भोजन नाना बना, हर तारीफ़ को लूटा,
मस्ती छलका रही, सदाबहार रितु बेटा.
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कहें सभी शुभकामना, अपने-अपने ढंग, 
बाँट रहे आशीष सब, नए निराले रंग, 
नए निराले रंग, रहे सदा खिलखिलाती, 
दिल से सब पर खूब, प्यार भरपूर लुटाती,
बाल संग मस्त ऋतु, पति के नाज सभी सहें,
भली करें भगवान, सारे संबंधी कहें. 
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मोहक सुरभि सुरभित कर, भर जीवन के रंग, 
ऋतु प्यार की आ गई, विनयपूर्वक संग, 
विनयपूर्वक संग, बच्चों को शिक्षा दे दी, 
संयम, अनुशासन का, उनको बनाया आदी, 
नवाचरण कर प्रिय बनी, कहते उसे शोधक, 
जन्मदिवस की बधाई, हो सदा ही मोहक.
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चमक दमक बनी रहे, चम चम रही चमकाय,
मनोयोग से चमका रही, धूल न रहने पाय,
धूल न रहने पाय, गृहस्थी की सजी सवारी,
बड़े प्यार से संवार रही, अपनी दुनिया न्यारी,
एक वर्ष का अनुभव, बढ़ गया एक दम अचानक,
शुभ जन्मदिन की ऋतु, बनी रहे चमक दमक.
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ऐसी रचना रच गई , ऋतु हमारी आज ,
धाक जमा कर आपनी , राखी सब की लाज ,
राखी सब की लाज , उसकी शान निराली ,
पूरे मन से गढ़ गई , कविता यह मतवाली ,
अचंभित हो गए , परिजन सभी , यह है कैसी ,
दिन प्रति दिन रचती रहे , वह रचनाएँ ऐसी .
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जन्मदिन - प्रतिमा - 10
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मुन्नी कैसे बढ़ गई, नहीं हमें कुछ भान, 
छोटा सा देखा उसे, वैसा अब तक मान, 
वैसा अब तक मान, दिख रही वही चपलता, 
दादी, नानी बनी, पा कर नाना सफलता, 
देखा घर परिवार, लाज की ओढ़े चुन्नी, 
हम देते आशीश, खुश रहे अपनी मुन्नी. 
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आज जन्मदिन मन रहा, मुन्नी अड़सठ साल,
बहुत खुशी छाई दिखे, उन्नत होता भाल,
उन्नत होता भाल, बेटी विदेश पधारी,
खुश हैं आगरा में, गरमी में भुनी बेचारी,
ऐ.सी. भी लग गया, जलता है सकल समाज,
ले लें वह आशीश, जन्मदिन बधाई आज.
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छोटी सी मुन्नी बनी, चपल चतुर इक नार, 
पूरे घर को मोहती, पाती सबका प्यार, 
पाती सबका प्यार, पति संग मौज मनाती, 
रहती खुद आगरा, पागल सबको बनाती, 
दिल की सीधी सरल, सोचे नहीं कुछ खोटी, 
वांछा जन्मदिन की, खुश रहे मुन्नी छोटी. 
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मुन्नी की महिमा महा, माया मंडित मान, 
सरल, सुघड़, सच्ची रही, सबसे सही समान, 
सबसे सही समान, हैं सफलता में सँभली,
कच्ची कोमल कली, कैसे किधर कहाँ चली, 
जन्मदिवस जज्बात, जवाबी जादू जूनी, 
मोहक मंगलमयी, माधुर्य मेरी मुन्नी.
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मुन्नी से है छलकता, अपनेपन का प्यार, 
उसी नाम से जानते, सारे रिश्तेदार, 
सारे रिश्तेदार, जिएं मस्ती का जीवन, 
पति संग स्नेह रचें, नित का नियम पालन, 
पैंसठ की हो गईं, काम करें चकरघिन्नी, 
जन्मदिवस आशीष, कहते हमारी मुन्नी. 
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रंगे प्यार के रंग में, दो दिल और एक जान,
चाहत में घुल मिल गए, सुंदर युगल सुजान,
सुंदर युगल सुजान, ताजमहल के नगर निवासें,
ज्ञान, भक्ति, समर्पण, सदा ही उनको रासे,
यद्यपि जीवन शैली के, ढंग हैं कुछ बेढंगे,
फिर भी हम दें आशीष, प्रेम में यूँ ही रहें रंगे.
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बहना पूरे कर रही, सुंदर चौंसठ साल, 
अच्छे पारी-खेल में, दिखला रही कमाल, 
दिखला रही कमाल, जीवन के लेती मजे,
पति-पत्नी संबंध, आपसी समझ से सजे,
प्रेममय आचरण है, मानव जनित गहना, 
जन्मदिन शुभेच्छा ले, हम-हमारी बहना.
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प्रतिमा बुआ की निखर रही, प्रतिभा, रातों रात ,
नव सुकोमल भावना , पनप रहीं दिन रात ,
पनप रहीं दिन रात , पुष्ट हो रहा प्यार ,
प्रिय रवीन्द्र ने ले लिया , एक नया अवतार ,
बड़े हो गए परिपक्व , बनी रहे गरिमा ,
हर दम प्यार लुटाए , हमारी अपनी प्रतिमा .
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प्रतिमा ने रवीन्द्र से , मिलाई प्रेम की जोत ,
जीवन में उत्साह रहा , खुशी से ओत प्रोत ,
खुशी से ओत प्रोत , मधुर मुसकाया माहौल , 
हर पल जीवंत रहा , दोनों करते हैं माखौल,
हम देते शुभकामना , बनी रहे जीवन हरीतिमा ,
सलामत रहे जोड़ी , प्रिय रवीन्द्र और प्रतिमा .
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जन्मदिन - जय - 3
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जय की जय जयकार हो, गुंजन चारो ओर,
जय से ही जीवन चले, जय नाम है भोर,
जय नाम है भोर, भेंट कर सब मुस्काते,
रहा विनम्र स्वभाव, बिगड़े काम बन जाते,
देते हैं आशीष, हों सफल, लें श्रेय, विजय,
सदा सुखी वह रहें, कोपल, चिंकी संग जय.
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करिए मिल सब साथियों, जय की जय जयकार, 
आज बधाई दे रहा, ग्रुप वाला परिवार, 
ग्रुप वाला परिवार, जय के सब गुण गिनाता, 
जब भी हो तारीफ़, मन हमारा हर्षाता,
छोटे बच्चे कहें, जय श्री से नहीं डरिए, 
इज्जत से नमन कर, खूब प्यार उन्हें करिए. 
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जय पाहुन से प्रार्थना, विनय और आभार, 
खुश रहें, सुखी रखें, कहे सकल परिवार, 
कहे सकल परिवार, सदैव शान्त ही दिखते,
मीठी मुस्कान से, सबके मनों को हरते,
मृदु भाषण से लगे, सबको सदा ही विस्मय,
जन्मदिवस शुभकामना, फलें फूलें अपने जय.
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रहा बोलने में स्पष्ट, सच्चा, सरल, स्वभाव, 
कायल उनकी बात के, रखते आदर भाव, 
रखते आदर भाव, विनम्र बोलते भाषा, 
रखते उनसे सभी, प्यारी सी एक आशा, प्रसन्न, समृद्ध, स्वस्थ, रहने का भाषण कहा, 
जन्मदिन की कामना, हाथ हमारा रहा. 
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बेटा जय का कहाँ तक, करते हम गुणगान, 
सब मानव स्वभाव में, खरे रहे श्रीमान, 
खरे रहे श्रीमान, प्रेम के बुनें धागे,
मदद करते सबकी, बढे़ं कदम सदा आगे,
परिवार सुखी संपन्न, हो न कोई टोटा,
जन्मदिन की शुभेच्छा, खुश रहो जय बेटा. 
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जुलाई 
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जन्मदिन - यश - 18
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यश का यश सब जानते, ऑफिस या परिवार, 
लोहा उसका मानते, करते सबको प्यार, 
करते सबको प्यार, इश्क रिया से लड़ाते, 
उस पर छिड़कें जान, परिवार के गुण गाते, 
करें तरक्की रोज़, फैले उसका विमल यश, 
देते हम आशीष, आएं सपने रिया यश.
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यश का यश भोपाल में, फैला चारों ओर,
झंडे फहरे कीर्ति के, मचा सब जगह शोर,
मचा सब जगह शोर, रिया ने उसे उठाया,
किया काम घर बैठ, शोहरत नाम कमाया,
रहा भला व्यवहार, गाएं सब उनका सुयश,
सुखी रहे वह सदा, सपरिवार विराजें यश.
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रिंकी यश के साथ में, पढ़ती मन की बात, 
बिना कहे ही समझ ले, मंद मंद मुस्कात, 
मंद मंद मुस्कात, संग में होती मस्ती,
धाक जमा कर रखी, बातें सब भली लगती,
बेटा यश कामना, बने रहो सदा चिंकी, 
करे दुआ ईश से, हमारी प्यारी रिंकी.
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बेटा यश मस्ती करे, पत्नी देती साथ, 
आपस में पूरक बने, डाल हाथ में हाथ, 
डाल हाथ में हाथ, उतरती नहीं खुमारी,
हर पल साथी रहें, हो खुशी या बीमारी, 
ध्यान परिवार धरे, प्रेम पाश में समेटा,
देते हम आशीश, फलें फूलें यश बेटा. 
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जन्मदिन - सक्षम - 13
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बेटा सक्षम चल दिए, पढ़ने को इंग्लैंड, 
मात पिता ने भेज कर, अलग बजाए बैंड, 
अलग बजाए बैंड, लाल है प्रतिभाशाली, 
करता रहे रचना, लबों पर छाई लाली,
सबको दे कर प्यार, अपने दिल में समेटा, 
देते हम आशीश, खुश रहो सक्षम बेटा. 
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छोटा अब लगता नहीं, बड़ा चतुर सुजान,
बच्चे से होता बड़ा, पढ़े खूब विज्ञान,
पढ़े खूब विज्ञान, अपना दिमाग लगाता,
नए प्रयोग करके, सब पर रुआब जमाता, 
देते हम आशीश, कब होएगा वह मोटा,
सक्षम श्री कह रहे, अब नहीं हूँ मैं छोटा.
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प्यारे हम सब के रहे, लाला सक्षम लाल, 
करतब करते नित नए, रखें विचित्र सवाल, 
रखें विचित्र सवाल, यू-ट्यूब संग सजाते, 
बहना सबसे खास, उसे लाड़ से मनाते, 
देते हम आशीश, रहते सबके दुलारे, 
दें मंगल कामना, खुश रहें सक्षम प्यारे.
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बेटा सक्षम कह रहा, सबको करिए प्यार, 
जितना संभव हो करें, भला और उपकार.
मम्मी पापा ने दिया, अच्छा-अच्छा ज्ञान, 
शाला जाकर सीखता, जीवन का अभिमान. 
हम करते शुभकामना, देते हैं आशीष, 
उन्नति हो हर क्षेत्र में, भली करें जगदीश. 
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लल्ली का लल्ला बड़ा, सक्षम उसका नाम, 
बड़ी कलाकारी करे, बड़े बड़े हैं काम. 
बड़े लाड़ से वह पला, रहे बड़े अरमान, 
आशा सबकी यह रहे, बढ़े जगत में मान. 
जन्म दिवस की शुभेच्छा, देते हैं सब लोग, 
अच्छे से पढ़-लिख सके, हो कर स्वस्थ, निरोग. 
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जन्मदिन - शोभा -11
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शोभा की शोभा बढ़ी, मिले साथ जयदीप,  
ऐसे गुण उनके रहे, मोती भीतर सीप, 
मोती भीतर सीप, सबसे व्यवहार प्यारा, 
करें मदद हमेशा, डालें सद्भाव चारा, 
उनका चमके नाम, हर पल निखरती आभा, 
देते सब आशीष, यश पाएं रोज़ शोभा. 
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लली लाडली जगत की, करे बरेली नाम,
सभी काम में कुशल थीं, अब जपती बस राम,
अब जपती बस राम, पूरे कर चारों धाम,
मिले सभी प्यार से, भजें राम आठों याम,
वैर किसी से नहीं, सबको होती खलबली,
जन्मदिवस कामना, खुश रहें शोभा लली. 
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चौंसठ भी पूरे हुए, ललित कला अवतार, 
शोभा श्री के साथ में, जुड़ा हुआ परिवार,
जुड़ा हुआ परिवार, सबका चाहें कल्यान, 
दे दें गर बस चले, सबके इच्छित वरदान. 
हम करते कामना, छोड़ें अपने सभी हठ, 
नया उल्लास भरे, उनमें वर्ष यह चौंसठ.
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*शोभा* की *शोभा* विरल, *शोभा* कही न जाय, 
*शोभा* देख *शोभा* की, *शोभा* स्वयं लजाय,
*शोभा* स्वयं लजाय, *शोभा* होती निराली, 
उसकी *शोभा* कहे, *शोभा* हुई मतवाली, 
जन्मदिन पर मिले, कतार बधाई *शोभा*,
हर दिन खिलती रहे, *शोभा* की बढ़ी *शोभा*.
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सच्चे दिल से दे रहीं, आशीषें दिन रात,
बड़े प्यार से सब करें, उनसे सीधे बात, 
उनसे सीधे बात, मिल जाती सही सलाह, 
बोलें संतुष्ट हो, खुशी में नाच कर वाह,
इज्जत से सब पेश हों, नगर के सब बच्चे,
जन्म दिवस की कामना, मन-भाव हों सच्चे.  
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शोभा के स्वभाव की, बड़ी अपूरब बात, 
जिससे जो कुछ भी कहें, तुरत ही मान जात, 
तुरत ही मान जात, रहतीं सबकी प्यारी,
भक्ति, कर्म से पूज, जगत आरती उतारी, 
जन्म दिवस आशीष से, चमके बहुत आभा, 
खिला, पिला कर मस्त हों, जयदीप की शोभा. 
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कल की इस शोभा को, अब क्या सिखलाऊँ,
जिससे बढ़ती सबकी शोभा, उसे कैसे मैं  पढ़ाऊँ,
उसे कैसे मैं पढ़ाऊँ, अनुभव में सठियाई,
जन्मदिन की शुभकामनाएँ, कैसे दें बधाई, 
प्रिय स्वभाव, स्नेह सिंचित, भरपूर चले अकल,
रहें स्वस्थ, प्रसन्न सदा, आने वाला हर कल.
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बचपन की वो बालिका, बन गईं दादी, नानी,
यादें उसके अतीत की, याद हैं हमें मुँह जुबानी,
याद हैं हमें मुँह जबानी, पर, स्मृति पट धुंधलाए,
उसके शैशव की शौर्य गाथाएँ, भूले नहीं भुलाए,
उत्साह, प्रेम से वह मनाए, हर बरस जन्मदिन, 
हम देते शुभकामना, अमर रहे उसका बचपन.
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जन्मदिन - सुमित - 8
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करी नौकरी सब जगह, आई कहीं न रास, 
होंगे सफल किसी तरह, इतना है विश्वास, 
इतना है विश्वास, अपना काम भी देखा,
बुद्धि रही अति तेज, रख सके सबका लेखा,
साथी मिल कर चले, कोरोना बाधा टरी,
आशीषें जन्मदिन, घर पर बैठ काम करी.
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गोलू पति सबसे बड़े, उन्हें कहें दामाद,
कैसी भी महफिल जमे, करें उसे आबाद,
करें उसे आबाद, लड़ कोविड से दो बार,
खाना हो स्वाद का, भर कर रखते भंडार,
मसले सभी हल हों, विचार नहीं दें चालू,
जन्मदिवस की दुआ, खुश हों सुमित पति गोलू.
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लाला सुमित महान हैं, कोटक की धन खान, 
निष्ठा अपने काम में, कैसे करें बखान,
कैसे करें बखान, नयनों में है परिवार,  
घर के सदस्य सभी, आपस में बेहद प्यार,
जन्मदिवस कामना, लाल हैं हर फन मौला, 
खुश रहें सदा-सदा, अपने दुलारे लाला.
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बेटा गोलू खुश रहे, पाहुन सुमित महान, 
बच्चे दोनों साथ में, देते स्नेह समान, 
देते स्नेह समान, हो कैसा भी माजरा, 
ढूँढें तुरत उपाय, सबको उनका आसरा, 
पूरे परिवार को, खुद बंधन में समेटा, 
जन्म दिवस बधाई, खुशी मिले सुमित बेटा.
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सारे गम देती भुला, उनकी मृदु मुस्कान, 
विनम्र स्वभाव जीत ले, जो भी हो हैरान, 
जो भी हो हैरान, अच्छे से वह समझाते, 
ठोस तर्क के साथ, अपनी बात मनवाते, उनके हिसाब से चलो, तो सब लगे प्यारे, 
दुआ सभी मंजूर हों, झंझट कटें सारे. 
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धनी, प्रतिभा संपन्न, मोहक, मृदुल, मान, 
सफल, सार्थक जीवन है, रखें पूरा ध्यान, 
रखें पूरा ध्यान, आइ.एस.बी. की शान,
अध्यक्ष कोटक बैंक, उदय कहें भाईजान,
अर्नव, अबीर के जनक, गोलू बोले हनी, 
सबका रख ध्यान सदा, सदाचार के धनी. 
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जन्मदिन - जिज्जी - 3
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अपनी जिज्जी के हुए, आज पिछत्तर साल,
मस्ती में ही कट गए, नहीं कोई सवाल,
नहीं कोई सवाल, प्यार से बातें करतीं, 
हैं उद्यत मदद को, समस्या को हल करतीं,
खा सकतीं सभी कुछ, अचार की भरी बरनी,
करते हम कामना, खुश रहें जिज्जी अपनी.
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जिज्जी बैठ विदेश में, सबको दें आशीश, 
तबियत उनकी ठीक हो, भला करें जगदीश, 
भला करें जगदीश, जल्द ही भारत आवें,
जीवनचर्या हमें, रस ले - ले कर सुनावें,
करें नमन आपको, मेक - अप में रहें सजी. 
जनम दिवस कामना, सदा स्वस्थ रहें जिज्जी.
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मीना जिनका नाम है, नमन है बारम्बार,
दिल से देती हैं दुआ, खूब लुटातीं प्यार, 
खूब लुटातीं प्यार, सब से रिश्ता निभाती,
बच्चे चाहें जिन्हें, थपकी देकर सुलाती,
तीन बहन से बड़ी, हैं उनके बाद बीना,
दें अशीश लें नमन, सर्वप्रिय दीदी मीना.
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महिमा जिज्जी की बड़ी, कितना करें बखान, 
बिना थके करते रहो, उनका मंगल गान,
उनका मंगल गान, प्यार से गले लगातीं, 
गलती हो बड़ी भी, शान्त रह कर समझातीं, 
करते हम कामना, बढ़ाएं अपनी गरिमा, 
इस दिन की अलग है, ऐतिहासिक महिमा.
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लेकर उनसे प्रेरणा, ढूँढें अपनी राह, 
सुख दुख लगते एक से, सदा भले की चाह, 
सदा भले की चाह, करती सब पर उपकार, 
सरल हृदय, उपकार, जन-जन माने आभार, 
एक नाद में कहें, गुणों की हैं रत्नाकर,
मृदुभाषिणी जिज्जी, जिएँ खूब मजे लेकर.
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जिज्जी का इस जगत में, सब करते सम्मान, 
प्रेम पूर्ण व्यवहार से, उनकी बढ़ती शान, 
उनकी बढ़ती शान, मोहे हँसमुख चेहरा, 
समझ विकट हालात, बतलाती ज्ञान गहरा, 
तन-मन से होती साफ, खा फल और सब्जी, 
जन्मदिन की शुभकामना, प्रसन्न रहें जिज्जी. 
------
जगत जिज्जी सभी कहें, जा सत्तरवें साल, 
जन्मदिन मना रहीं, बच्चे हैं खुशहाल, 
बच्चे हैं खुशहाल, पाएँ नानी का साथ, 
मिले आशीष सभी, हो सर पर उनका हाथ, 
हम तो बस माँगें दुआ, हों स्वस्थ, भूलें विगत, 
हँसती रहें, हो कर खुश, भाए उन्हें जगत. 
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जिज्जी से सम्मान है , जिज्जी ज्ञान की खान , 
जिज्जी को सुमिरन करो, जिज्जी नाम महान, 
जिज्जी नाम महान , जिज्जी की महिमा न्यारी ,
सब पर स्नेह लुटाती , जिज्जी जग की सारी ,
जीवनचर्या को समर्पित , दिखती सारे दिन बिज़्जी ,
मुबारक जन्मदिन आप को , ख़ुशियाँ पाएँ जिज्जी . 
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ममता भाव से भरी हुई, करुणा से भरपूर,
चाहे रहें विदेश में, पर न दिल से दूर.
पर न दिल से दूर, सबके प्रति आदर भाव, 
नहीं किसी से द्वेष रखें, बना रहीं सद्भाव.
मिल जाएँ जिस से, उसको दें प्रमुखता,
सदा सुखी, प्रसन्न रहें, जिज्जी लुटाएँ ममता.
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जून
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शादी की वर्षगाँठ - विनीत + सविता - 21
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बीता अरसा एक अब, हुए साल पच्चीस,
सविता मिली विनीत से, निपोरती है खीस,
निपोरती है खीस, गजब का प्यार दिखाते,
चले रूठने जहां, खुद ही तुरत मन जाते,
सोचो कैसे कौन, इक दूजे बिना जीता,
यूं जीवन खेलते, परिवार में ही बीता.
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सविता और विनीत में, कैसे होगा प्यार, 
दोनों छोटे मिल गए, बढ़ा लिया परिवार, 
बढ़ा लिया परिवार, बच्चे भी अब पढ़ गए,
मिली नौकरी अलग, शादी के सपने लिए, 
बरस चौबीस हुए, परिणय बंधन बंधता, 
देते हम आशीश, सुखी रहें विनीत सविता. 
-------
सविता और विनीत जी, करते रहे कमाल,
एक साथ दोनों मिले, पहले तेइस साल,
पहले तेइस साल, अनुपम जोड़ी जमाई,
देख देख ललचाय, खुदा ने जिसे बनाई,
स्वीकारें आशीष, अद्भुत मजबूत रिश्ता,
सुखी संपन्न रहें, हमेशा विनीत सविता.
-------
सविता देख विनीत को, हो जाती खुशहाल, 
दिल में लड्डू फूटते, मिलता उनका हाल, 
मिलता उनका हाल, मन के तार लें हिलोर, 
देख व्हाट्सैप को, हो जाती भाव विभोर,
जमा नहीं लखनऊ, घर की सताती चिंता, 
दें आशीश उनको, खुश रहें विनीत, सविता. 
--------
सविता मिली विनीत से, पहले इकीस साल, 
इस तिथि को इक्किस हुए, रहा अजीब कमाल, 
हुआ अजीब कमाल, सारा जग करे योगा,  
इनकी जिंदगी में, सब कुछ भला ही होगा, 
ले खुद से प्रेरणा, अच्छी सी रचें कविता,
साथ बधाई मिले, खुश रहें विनीत सविता. 
-------
बीस बरस पूरे हुए, चलते जीवन साथ, 
सदा निभा सहयोग से, डाल हाथ में हाथ, 
डाल हाथ में हाथ, मिला कंधे से कंधा, 
खतरे में नौकरी, शुरू हुआ अलग धंधा,
शादी की शुभकामना, देते हम आशीष,
सविता-विनीत खुश रहें, होती बरकत बीस. 
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जीवन रेल चला रहे, सविता और विनीत, 
हिल मिल कर दोनों रहें, ऐसी अद्भुत प्रीत,  
ऐसी अद्भुत प्रीत, रहा जरूर कुछ विशेष, 
खान पान का भेद, भी रख न सका कुछ द्वेष,
श्रेया, उत्कर्ष की ख्याति, बन गई मनभावन, 
शादी की शुभकामना, रहे अनुपम जीवन.
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तम प्रिय प्रियतम का तम, तमाम हर रही सविता, 
जीवन आनंद के उत्कर्ष का, श्रेय है हर पिता,
श्रेय है हर पिता, गतिविधि को दें गति अनवरत, 
संघर्षों से कुंदन बनें, कल कंचन हो, तो आज है रजत, 
वयस्क शादी के लिए, शुभेच्छाएँ गहनतम,
नित प्रति प्रीत की जोत जले, छटे निविड़तम तम.
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जीवन में मिसाल बना, पति-पत्नी विश्वास,
इन दोनों के बीच चले, गहन एक ही सांस, 
गहन एक ही सांस, खिले उनका मन उपवन, 
करें सार्थक नाम, हमदम रहें आजीवन,
शादी की आशीष दें, मिल कर हम सभी जन, 
खिलें गुल, महके बगिया, मंगल बने जीवन.
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रजत जयंती रजत की, हो जाती कुछ खास, 
अजय, प्रीति, आस्था संग, जीत लिया विश्वास. 
सी.ए. बेटे ने किया, ऊँचा कुल का नाम, 
कड़ी मेहनत बहुत की, अब कर लो आराम. 
दीवानी दादी हुईं, देतीं हैं आशीष, 
जन्मदिन की शुभेच्छाएँ, भली करें जगदीश. 
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शादी की वर्षगाँठ - देवेश मामा + पुष्पा मामी - 12
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आओ, उत्सव एक मनाएँ, 
आओ, उत्सव एक मनाएँ. 

मामा जी से आशिश पाएँ, 
मामी दिल से दुआ दे जाएँ, 
स्वर्ण जयंती सब को भाए,
आओ, उत्सव एक मनाएँ. 

बच्चे कुछ सपने सजोते, 
अरमानों को पूरा करते, 
छोटे बड़े सभी बुलाएँ, 
आओ, उत्सव एक मनाएँ.

पोते-पोती मजे दिखाएँ, 
अरमानों से उन्हें खिलाएँ, 
पढ़ा लिखा कर बड़ा बनाएँ, 
आओ, उत्सव एक मनाएँ.

हम सब अपने शीश नवाएँ, 
ईश्वर से यह दुआ मनाएँ, 
दम्पति सदा सुखी हो जाए, 
आओ, उत्सव एक मनाएँ.

उन्हें बधाई हम दे जाएँ, 
दर्शन की अब प्यास जगाएँ, 
छत्र-छाया हमें मिल जाए, 
आओ, उत्सव एक मनाएं.
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मामा, मामी जी कहें, हम सब को आशीष, 
हम सब करते कामना, भली करें जगदीश, 
भली करें जगदीश, रहें स्वस्थ और समृद्ध, 
वह दिखें सदा युवा, मन से नहीं कभी वृद्ध, 
बढ़े प्यार युगल में, साल पचास अभिरामी, 
करें नमन स्वीकार, हमारे मामा, मामी. 
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जन्मदिन - महेश जौहरी - 12
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नमन भाई साहब को, छू लूं हर दिन पैर,
प्यार सभी से कर रहे, रखे बिना कुछ बैर,
रखे बिना कुछ बैर, हौले से मुस्कुराते,
गहन ज्ञान इतिहास, शास्त्र सबको समझाते,
रहें खुश वह सदैव, जीवन में उनके अमन,
करते हम कामना, भाई को मेरा नमन.
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भाई साहब नम्र हैं, सबको है पहचान,
रखें ज्ञान हर विषय का, अतीत या विज्ञान, 
अतीत या विज्ञान, अकसर क्विज़ रचाते, 
चुन कर रोचक विषय, उनके उत्तर सुझाते, 
खोलें गूगल फाॅर्म, उसकी विधि समझ आई. 
जन्मदिवस कामना, प्रणाम संग लें भाई. 
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भाई जी की आदतें, मन को लेतीं मोह,
याद सताए जब कभी, लगता गहन विछोह,
लगता गहन विछोह, हौले से मुस्कराते,
धीमे करते बात, नहीं किसी पर बरसते, 
लोग उठाते लाभ, उनकी लगती सिधाई,
जन्मदिन कामना, स्वीकारें बड़े भाई.
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भाई जी की सरलता, होती नहीं बयान, गरिमा रख कर बोलते, बिना किसी अभिमान, 
बिना किसी अभिमान, साफ सफाई से कहें, 
बड़े कायदे से करे कहें, गलत किसी की ना सहें,
नमन करें मिल कर सभी, जन्म दिवस की बधाई,
आप सदा खुश रहें, दीदी के संग भाई.
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भाई, जीजा, जौहरी, कहते नाना लोग, 
पिता, श्वसुर, मौसा सहित, करते जीवन भोग, 
करते जीवन भोग, जताएँ सभी पर प्यार, 
करें चाव से बात, खोलें दिल सदाबहार, 
बेटे की शादी हुई, मिले सुघड़ जमाई, 
जन्मदिन की शुभकामना, लें हमारे भाई. 
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जन्मदिन - सोहम - 8
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सोहम बेटे को करें, हम सब मिलकर याद,
प्रगति रात दिन कर सके, देते आशीर्वाद,
देते आशीर्वाद, याद हम सब को करता,
आज्ञा दें पिता जब, तुरत पालन वह करता,
झगड़े दीदी कभी, आड़े आ जाता अहम,
सुख में पलता रहे, प्यारा सा लला सोहम.
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बेटा सोहम से कहें, हम करते हैं प्यार, 
सुखी रहो तुम सब सदा, पाओ सबका दुलार,
पाओ सबका दुलार, रुचि पढ़ाई में रखें, 
खेल कूद भी करें, स्वाद जिंदगी का चखें, 
मधुर व्यवहार दिखा, सभी परिवार समेटा,
हम देते आशीश, मजे करो सदा बेटा.
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My dear *SOHAM*, the little kid,
Has talent enough, as wonders did. 
Asking everyone, welfare, with love,
Understand language, silently, like a dove. 
Hindi not difficult, with hard work,
Wishes, blessing & greetings are his perks.

*Great Soham, long live with dignity*.
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छोटा सा सोहम लला, करता काम कमाल,
पूछे सबसे प्यार में, उनके दिल के हाल,
उनके दिल के हाल, हिंदी की गल समझता,
कठिन पढ़ाई करे, सरल शान्त सदा दिखता,
करते हैं हम दुआ, खाए, पिए हो मोटा,
हो मुबारक उसको, आज दिन सोहम छोटा.
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तारे आँखों के रहे, बेटा सोहम लाल, 
पढ़े, लिखे, संस्कार में, उनकी नहीं मिसाल, 
उनकी नहीं मिसाल, दीदी संग बतियाते, 
मात्र एक इशारा, पिता से घबरा जाते, 
रहिए सेहत मंद, नानी के हैं दुलारे, 
स्वस्थ रहें वह सदा, सभी नयनों के तारे.
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सोहम लाल विदेश में, करते ऊँचा नाम, 
भारत माँ को शान से, करवाते आराम. 
उसकी दीदी अंशिका, रखती पूरा ध्यान, 
बहन बड़ी तुमसे कहे, हो छोटे शक्तिमान.  
पता नहीं स्कूल में, क्या पढ़ते श्रीमान, 
गौरव भारत वर्ष पर, सदा करो अभिमान.
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ईश्वर का स्वरूप कहें, भारत माँ के लाल, 
बाहर सोहम बोलते, रहा ज्ञान का भाल. 
मात-पिता से पा गए, बहुत भले संस्कार, 
उसका भविष्य बन गया, एक नया आकार. 
जन्मदिन की शुभकामना, देते नातेदार, 
सदा सुखी, प्रसन्न रहें, खूब फले परिवार. 
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जन्मदिन - जयदीप - 6
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नाम लिया जयदीप का, हुआ तुरत कल्यान,
दर्शन जब साक्षात हों, बढ़ जाता सम्मान,
बढ़ जाता सम्मान, आधी व्यथा मिट जाती,
जो उनके घर गया, ढंग की खातिर होती,
आस्था धर्म में, कहते जय जय श्री राम,
स्वस्थ, संपन्न रहें, गुड्डू है जिनका नाम.
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दादा जी को हम करें, नमन और आशीश, 
भ्रात जयदीप पर रहे, सदा कृपा जगदीश, 
सदा कृपा जगदीश, चमकें हर दिन जयदीप,
खूब तरक्की करें, बरेली आकाशदीप,
सबकी मदद करते, सदा है उनका वादा,
जन्म दिवस कामना, कर रहे मिल कर दादा.
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नमन करें जयदीप को, पाते हम आशीश,
उन पर ऐसी हो कृपा, भली करें जगदीश,
भली करें जगदीश, सदा दिखें मुस्कुराते,
रोष नहीं मन में कहीं, प्यार से करते बातें,
हो प्रैक्टिस अनवरत, अभ्यास खिलाता सुमन,
जन्म दिवस शुभेच्छा, स्वीकारें श्री जी नमन.
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कोरोना से लड़ चुके, अपने रिश्तेदार,
बने विजेता आप से, सबके बरखुरदार, 
सबके बरखुरदार, रखें साथ दवा-गठरी,
खास इलाज से हो, सके दूर सभी पथरी. 
आशिश लें जयदीप, एक लगाओ ढिठोना, 
जन्मदिवस बधाई, क्या करेगा कोरोना.
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जयकारा है जगत में, नाम रहा जयदीप, 
उनके दर्शन जब हुए, दिखते वही समीप, 
दिखते वही समीप, पास में वह जब आते, 
हर लेते दर्द को, दबा नस को मुसकाते, 
मीठी सी लिख दवा, जीत लिया दिल हमारा, 
खुशी में कहें दुआ, दो जोर का जयकारा.
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जयकारा जयदीप का, गूँजे चारों ओर, 
नाम बड़ा उनका रहा, शाम हो या भोर, 
शाम हो या भोर, सदा मदद को तैयार, 
बने सभी पड़ोसी, ख़ैर ख़्वाह जिगरी यार, 
कुशल डाॅक्टर जगत में, बने सबका प्यारा, 
जन्मदिन की शुभकामना, गूँजता जयकारा.
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जन्मदिन - रिमशा उर्फ़ चिंकी - 5
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बेटी चिंकी हो गई, क्लास आठवीं पास,
रही निपुण हर काम में, होती नहीं उदास,
होती नहीं उदास, मन से सब काम करती,
आगे पढ़ाई में, नृत्य मनभावन करती,
जन्मदिवस कामना, खूब आशीश समेटी,
सुखी सदा वह रहे, दुलारी रिमशा बेटी.
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रिमशा बेटी चतुर है, पढ़ने में हुशिआर,
देखन में लागे भली, सबसे करती प्यार, 
सबसे करती प्यार, पढ़ने में रहती प्रथम, 
आगे है नृत्य में, बात - चीत कुशल, सक्षम, 
बोली बड़ी विनम्र, करती प्रणाम हमेशा,
देते हम आशीश, खुश रहे अपनी रिमशा. 
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चिंकी बिटिया प्रिय लगे, मोहक हैं अंदाज,
कुशल नृत्य करती सदा, सुर में सजते साज,
सुर में सजते साज, पढ़ने में प्रथम आती,
लज्जा की ओढ़नी, बोली धीमे सुनाती,
रहे सुखी, खुश सदा, स्वस्थ हो जैसे पिंकी,
पाए वह आशीश, रिमशा को कहें चिंकी,
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प्यारी चिंकी अलग ही, करे डांस में नाम, 
उसकी जब बातें सुनो, भूलो सारे काम, 
भूलो सारे काम, दिखता मोहक हर अदा, 
नियम धरम से करे, मन लगा कर काम सदा, 
जय कोपल साथ में, बनाते जग से न्यारी, 
आजन्मदिवस आशीश, दे रहे चिंकी प्यारी.
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छोटी सी चिंकी चपल, लब पर मृदु मुस्कान, 
बहुत अकल की बात कर, काटे सबके कान.
मम्मी की प्रिय बालिका, रखती सबका मान, 
पापा कहें दुलार से, पूरे कर अरमान.
उसको रिमशा भी कहें, दे कर नाना नाम, 
अव्वल पढ़ने में रहे, करती घर के काम.
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चिंकी की चितवन भली, कजरारे हैं नैन, 
बोली में चीनी घुली, प्यारे उसके बैन. 
जीवन में संगीत बसा, थिरकें सारे अंग,
चाहे फिर तबला रहे, या हो थाप मृदंग.
जन्मदिन की शुभकामना, देते सारे मीत, 
मंगलमय जीवन रहे, बढ़ती जाए प्रीत.
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जन्मदिन - सुहानी कमठान उर्फ़ टिया - 3
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लली सुहानी क्या करे, उठता बड़ा सवाल,
कठिन परिश्रम कर चुकी, मिहनत से बेहाल,
मिहनत से बेहाल, परिचित सब देते दुआ,
अच्छा हो परिणाम, कैसा अब भविष्य हुआ,
रही बेटी नज़र में, सबके लाड़ों में पली,
देते सब आशीष, सुखी हो सुहानी लली.
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आज बड़ी बिटिया हुई, नाम सुहानी पाय, 
बात अकल की कर रही, देती सबको राय, 
देती सबको राय, कभी मस्ती कर जाती,
चतुर पढ़ाई करे, स्कूल में अव्वल आती, 
ऊँचा करती नाम, ताली दे रहा समाज,
जनम दिवस बधाई, देते मिल हम सब आज.
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बेटी प्यारी लग रही, कहते उस को टिया,
ढूँढें ले दीपक सभी, कभी बुझे ना दिया,
कभी बुझे न दिया, नाना दिखे करामात,
होती सदा विजयी, सबको दे जाती मात,
देते हम आशीश, प्यारी लगे है चोटी,
जन्म दिवस मुबारक, सुखी रहे टिया बेटी.
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चतुर एक बिटिया रही, सबका रखती मान, 
होशियार पढ़ती सदा, बना रही वह शान, 
बना रही वह शान, मम्मी की है दुलारी, 
पापा उसको प्यार दें, तीनों लोक में न्यारी, 
जन्मदिन की वांछा, लगे बोल उसके मधुर, 
छोटी सी है टिया, खुश अपनी बिटिया चतुर.
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बेटी की बेटी करे, रोशन अपना नाम,
दाँत तले उंगली दबे, देखें उसके काम. 
चतुर नार सबसे अलग, करती काम विचित्र, 
सभी चाहते रख सकूँ, उसका कोई चित्र. 
करते हम शुभ कामना, देते हैं आशीश, 
उस पर कृपा बनी रहे, लक्ष्मीपति जगदीश. 
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जन्मदिन - किरन एकन्ना - 1
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भाभी जी के नैन से, मिलते भाई नैन, 
मुखमंडल निरखत भयो, योगी दिल बेचैन,
योगी दिल बेचैन, नैनन की ज्योति न्यारी,
तन मन की सुध गुमी, किरन जी की बलिहारी,
हर्षित मन मांगता, मस्त तन मन की चाभी,
सुखी परिवार रहे, दुआ मांग रहे भाभी.
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भाभी जी के नाम से, भर जाता उत्साह,
किरन दिखातीं रोशनी, ठंडी ठंडी छाँह, 
ठंडी ठंडी छाँह, बच्चे देख हुलसातीं, 
नाती नानी कहे, बलैंया वह ले जातीं, 
अपनी ही मनवाती, सबकी घुमा कर चाभी, 
हम भी देते दुआ, कह कर प्रणाम भाभी.
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नानी रिद्धू की कहें, सबको आशीर्वाद,
बड़े प्यार से वह सुनें, पप्पू के संवाद,
पप्पू के संवाद, सराहतीं अपना भाग्य,
ऐसी मुस्कान दें, सोते जन जाएं जाग,
बात पते की कहें, लग रही बड़ी सयानी,
नमन करें हम सभी, उन्हें रिद्धू की नानी.
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एक जून का खास दिन, रहता सबको याद, 
अति विशिष्ट घटना घटी, बिना किसी संवाद, 
बिना किसी संवाद, सबको देख मुसकातींं, 
हम सब होते फिदा, देख खिली दंत पाँती, 
जीवन जी लें सफल, गुण हैं सबसे नेक,
सबकी लें कामना, रखिए याद जून एक.
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कैसे उनको दूँ दुआ, कैसे दूँ आशीष, 
सदा कहूँ मैं तो यही, भली करें जगदीश, 
भली करें जगदीश, स्वास्थ्य वह अच्छा पाएँ, 
सेवा रहे मिसाल, प्रभु भक्ति में रम जाएँ,  
समाचार हों सुखद, चमकीली किरन जैसे, 
बैठे कोई जुगत, उनसे मिलें हम कैसे. 
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किरन, रश्मि की वंदना, करिए रोज जरूर, 
देवी इन जैसी नहीं, खोजो कहीं हजूर.
खोजो कहीं हुजूर, सभी हैं अच्छी मम्मी, 
जीवन में हैं सफल, लें संतान की चुम्मी, 
बच्चे करते प्यार, मोहक रही है चितवन,
सुखी रहें सर्वदा, वंदना की रश्मि किरन.
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बोलें बंधन प्यार का, कहते शादी नाम,
समझ सके दिल ही उसे, अनुभव आता काम, 
अनुभव आता काम, आए मिलन की खुशबू, 
परिचित हों अजनबी, भाँपते दिल के कब्बू, 
पुष्किरन अपनी गाँठें, मन मिला कर खोलें,
जन्मदिन की शुभकामना, सभी मिल कर बोलें.
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जीवन में अनुभव का, बढ़ गया और एक वर्ष, 
सीख मिली संसार की, छाया अद्भुत हर्ष, 
छाया अद्भुत हर्ष, सहज, सुचारु जीवन शैली, 
ख्याति रूप, स्वभाव की, सारे जगत में फैली,
पूरी हों मनोकामना, छाए सर्वत्र अमन,
स्वर्ण जयंती की शुभकामनाएँ, स्वीकारें किरन.
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मई
++++




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ज्योति पथ आलोकित हुआ, पहले बरस पचीस, 
सारे संबंधी दे रहे, मुक्त हस्त आसीस,
मुक्त हस्त आसीस, चेतना उनसे जागी, 
अति प्रसन्न दादी रहीं, खुद समझ बड़भागी, 
ढेरों खुशियाँ मिलें, धन धान्य, हीरा, मोती, 
रजत जयंती बधाई, पाएँ आलोक व ज्योति.
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शादी की वर्षगाँठ - शोभा व जयदीप -24
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भैया गुड्डू रख रहे, शोभा जी का ख्याल,
इक दूजे में खो गए, दुनिया लगे बवाल,
दुनिया लगे बवाल, पूजन भजन में खोते,
मिले अतिथि सत्कार, गोल गप्पे के गोते,
क्षमा सबके गुनाह, जगत में चलती नैया,
देते हम आशीश, हों सुखी शोभा, भैया.
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शोभा ने जयदीप से, आज रचाया ब्याह,
जो भी देखे कह पड़े, क्या जोड़ी है वाह, 
क्या जोड़ी है वाह, दुआएं सारे देते, 
सबका आदर करें, प्रेम मग्न गले मिलते, 
हम देते आशीष, खिलती रहे यह आभा, 
सदा सुखी खुश रहें, श्री जयदीप औ शोभा.
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शोभा की शोभा गजब, मिलें साथ जयदीप,
जोड़ी ऐसी जम रही, अगणित मोती दीप,
अगणित मोती दीप, होती ज्योति की चर्चा,
देती जब आशीश, खूब दिल का हो खर्चा,
तारीफें नाम की, जय बरेली की आभा,
दोनों लें बधाई, खुश हों जयदीप शोभा.
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शोभा ने जयदीप से, ले कर फेरे सात, 
रजत जयंती मना कर, करें प्रेम से बात, 
करें प्रेम से बात, इक दूजे को मनाते, 
रूठे भी एक तो, बेचैन वह हो जाते, 
रजत जयंती मने, दमकती जय की आभा,
दम्पति को बधाई, खुश हों, जयदीप शोभा. 
-------
मिलन रहा जयदीप का, शोभा दी के साथ, 
कृपा करो जगदीश अब, हे नाथों के नाथ.
उनकी शादी को लगा, अब पचीसवाँ साल, 
तैयारी हो आज से, खूब पकाओ माल. 
सब मिल कर आशीश दें, रहें सुखी हर रोज, 
रहें सफल हर क्षेत्र में, मुख पर दमके ओज. 
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घटना एक घट चुकी, पहले चौबिस साल, 
याद करें हम आज भी, इस दिन हुआ धमाल, 
इस दिन हुआ धमाल, साथ संबंधी आए, 
खातिरदारी देख, बराती सब हरषाए,
दुआ हमारी रहे, लली - गुड्डू का रहना,
प्यार हो दोनों में, अमर बन जाए घटना. 
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साथ रहे तेइस बरस, शोभापति जयदीप, 
सुमन खिले कुछ प्रेम के, आए बहुत समीप, 
आए बहुत समीप, दौड़ कर मिलने धाए, 
जो भी पास आए, उनको गले चिपटाए, 
शोभा संग मौज करें, डाल हाथ में हाथ,
बरसों बरस बना रहे, उन दोनों का साथ.
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एक और एक ग्यारह हों, मिल जाएँ जब साथ, 
शोभा, जयदीप दोनों, डाल हाथ में हाथ, 
डाल हाथ में हाथ, करते पूरे बाईस,
प्रात प्रार्थना करें, जोड़ें कर जगदीश, 
शादी की शुभकामना, देते सभी अनेक,
भले ही तन हों दो, पर, मन तो हों सदा एक.
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शोभा शुभ शुभ बोलती, जय जय करें जयदीप, 
दोनों मिल जुल कर रहें, सजाएँ प्रेम के दीप,
सजाएँ प्रेम के दीप, हित सब का चाहें,  
मिल कर अपनत्व जगाएँ, डाल गले में बाहें,
बलिहारी जाएँ, इक दूजे पर, चमके आभा,
सुखी रहें चिरंजीव, प्रिय जयदीप और शोभा.
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जन्मदिन - संगीता - 23
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संगीता है संगिनी, बस विवेक के साथ, 
सब को दे सम्मान अब, आगंतुक सिर माथ. 
आगंतुक सिर माथ, परिवार में रखा मेल,
बड़े मजे में कटी, जीवन यापन की रेल, 
बेटे को तालीम दे, सुख के मजे लेता,
जन्मदिन की शुभकामना, खुश रहे संगीता. 
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शिवम + विधि  - 21
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विधि विधि से शादी करे, शिवम करे स्वीकार, 
याद आज का दिन रहे, बढ़ सकता परिवार, 
बढ़ सकता परिवार, भरे खुशी से संसार,
मिल जुल कर वह रहें, मिले प्यार का उपहार,
लब पर मुस्कान हो, सबसे महान बने निधि,
हम देते आशीष, सदा सुखी हों शिवम विधि.
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जन्मदिन - अबीर - 21
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लाल बड़े के साथ में, आगे बढ़े अबीर,
जोड़ी उनकी यूं लगे, लखन साथ रघुबीर,
लखन साथ रघुबीर, अनुपम यह जोड़ी जमे,
छोटा भी कम नहीं, खेल, पढ़ाई में रमे,
सर्वांगीण विकास, लिखा दिखा उसके भाल,
जनम दिवस कामना, सुखी सदा अपना लाल.
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प्यारे लाल अबीर हैं, सबसे मिला दुलार,
भोली सी सूरत रही, तुतलाता सा प्यार, 
तुतलाता सा प्यार, स्मार्ट बन शाला जाता, 
भाई से प्यार में, मौका देख लड़ पाता,
दादी से लाड़ में, कह रहा मुझे सुधारे,
खुशी, मस्ती पा ले, मुबारक अबीर प्यारे. 
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गोलू ने दो सुत जने, अरनव और अबीर,
बड़ा भ्रात अरनव रहा, छोटा हरता पीर,
छोटा हरता पीर, देखिए सूरत प्यारी,
बातें बड़ी करता, अकल दुनिया से न्यारी,
मिले भले संस्कार, विनम्र, संयमी, भोलू,
हैं संतुष्ट उनसे, विलक्षण सुमीत गोलू.
-------
आज खुशी का दिन रहा, आए लाल अबीर, 
अरनव को छोटू मिला, नानी खाती खीर, 
नानी खाती खीर, ख्वाब में रोज डूबती, 
चतुर बाल वह हुआ, उसे विजेता मनाती, 
सरल हृदय से कहे, अपने घर के सब राज, 
देते हैं आशीष, खुशी मिले हर पल आज. 
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देखत ही प्यारा लगे, उसका नाम अबीर,
मेमोरी में याद बन, पक्की एक लकीर. 
नटखट लगता शक्ल से, पढ़ने में गंभीर, 
खेलकूद में भी रहे, सुंदर, सुघड़, सुधीर.
जीवन में आगे बढ़े, पाँच बरस का लाल,  
उसको दें आशीष हम, ऊँचा होने भाल.  
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अबीर भी अब हो गए, पढ़ने को तैयार, 
चर्चा करने से लगे, धारदार तलवार.
माँ की गोदी से अधिक, दादी करतीं प्यार, 
हर हरकत पर आपकी, लें बलैयाँ हजा़र
नानी बैठी दूर देश, भेजें निज आशीष, 
हम भी पूना से कहें, भला करें जगदीश. 
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अबीर ने गत एक साल में, हल किए कई सवाल,
गतिविधियों के जाल में , बनी नई मिसाल ,
बनी नई मिसाल , भाई का साथ निभाया ,
राम लखन की जोड़ी बन , सबको हर्षाया , 
मेधावी बालक का भविष्य , बने स्वर्णिम लकीर ,
देते आशीष सब , स्वस्थ प्रसन्न रहे अबीर .
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जन्मदिन - रितेश माथुर - जाॅली पति -14
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भाई ने कमाल किया, बतला रहे रितेश,
पढ़ने को लल्ला गया, अंग्रेजों के देश,
अंग्रेजों के देश, अधिक बढ़ेगी योग्यता,
चमकाएगा नाम, पिता की राह पकड़ता,
जन्मदिन हो मंगल, मंगलमय घड़ी आई,
करते हैं कामना, सुखी हो मेरे भाई.
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आज लिया अवतार तो, रहा खुशी परिवार, 
आई मुस्कान मुख पर, झलका सबका प्यार, 
झलका सबका प्यार, प्यारी हमसफर पाली, 
सक्षम सक्षम हुआ, विदेश में अर्जी डाली, 
उन्नति हर दिन करें, सदा सुखी रहा समाज, 
देते हम आशीश, रितेश रहे सुखी आज. 
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सभी जनों के लाडले, अपने युवा रितेश,
पढ़ने में आगे रहे, काटें सभी कलेश,
काटें सभी कलेश, परिवार को बांध रखें,
एकता मूल मंत्र, आनंद का स्वाद चखें, 
पक्के हैं लगन के, चढ़े जुनून, करें अभी,
देते हम आशीश, वह खुश रहें सदा सभी.
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दिल से आभारी रहें, करते सबसे प्यार,
जिनका नाम रितेश है, देते सभी दुलार, 
देते सभी दुलार, मान दिलाती संतान, 
ऊँचा होता नाम, है नहीं तनिक अभिमान, 
सबसे मिल कर खुशी, मुख पर मुसकी बिहसे, 
जन्मदिवस कामना, देते हैं सभी दिल से. 
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प्यारे जीवें, हित करें, अपने सदा रिरतेश,
रहें दूर परिवार से, शीघ्र वापसी देश,
शीघ्र वापसी देश, जतन ऐसा कर पाएं, 
मिले ख्याति जगत में, वह अमर नाम कमाएं, 
हम देते आशीष, प्रिय रहें स्वस्थ दुलारे, 
श्रम करें, अविजित हों, रितेश हमारे प्यारे. 
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सक्षम कहे पापा सक्षम, रितेश जिनका नाम, 
गुण से अधिक प्रसिद्ध हैं, उनके नाना काम, 
उनके नाना काम, बातचीत में अति भले, 
सौम्य, सरल, विनम्र, खूब संस्कार में ढले, 
जन्मदिन की शुभकामना, कब मिलें, करें करम, 
सभी रहें सकुशल, स्वस्थ, मम्मी, पापा, सक्षम. 
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शादी की वर्षगाँठ - रोहित व ऐबी - 12
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ऐबी बच्चे ने लिया, रोहित का कर थाम,
दिल से चाहे प्यार को, भली करेंगे राम,
भली करेंगे राम, प्यार से बोले लल्ला,
संवर जाय भविष्य, ध्यान दो वरना हल्ला,
पढ़ लिख कर हो सुखी, बढ़े अब प्यारा बेबी,
करते हम कामना, मुदित हों रोहित ऐबी.
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ऐबी से रोहित कहे, तुम हो मेरी जान,
तुम में हैं अटके हुए, मेरे नाजुक प्रान,
मेरे नाजुक प्रान, तुम्हें लख महका जीवन,
शैतानी चतुर की, लक्ष से सजता उपवन,
मिली इक नई दिशा, स्वागत है नन्हा बेबी,
दोनों मिल खुश रहें, हमारे रोहित ऐबी.
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मम्मी, पापा नए हैं, पूछो दिल के हाल,
बेटे ने जीवन किया, मस्ती से खुशहाल,
मस्ती से खुशहाल, राँची में पहली बार, 
दादू ने मिल किया, उत्सव सब के अनुसार, 
ऐबी रोहित मिले, खुशी में झूमे टम्मी,
करते हैं कामना, लक्ष के पापा मम्मी. 
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ऐबी रोहित को मिली, खिला प्यार का फूल, 
कर विकास संभावना, हटे राह के शूल,
हटे राह के शूल, अरब सऊदी में नौकरी, 
सब देते आशीश, महके जीवन टोकरी, 
इच्छा हमारी है, शीघ्र घर आए बेबी, 
सदा सुखी रहें वह, रोहित और प्रिय ऐबी. 
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ऐबी रोहित को मिले, बीत चला है साल,
विदेश से हो वापसी, करके खूब धमाल, 
कशरके खूब धमाल, अच्छा रहा ताल-मेल, 
अरब देश में पली, प्रेम की अनूठी बेल, 
रहे कृपा भगवान की, पाएँ एक बेबी, 
शादी की शुभ कामना, सुखी रोहित ऐबी.
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शादी की वर्षगाँठ - प्रतिमा व रवीन्द्र - 9
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प्रतिमा व रवीन्द्र मिले, इक दूजे के साथ,
बाद रिटायर घूम रहे, डाल हाथ में हाथ,
डाल हाथ में हाथ, चलती अनवरत मस्ती,
मजे मिलें जगत के, कहते मुहब्बत सस्ती,
अपने दायित्व लें, बनाते सबमें गरिमा,
सुखी सदा वह रहें, रवीन्द्र भाई व प्रतिमा.
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प्रतिमा और रवींद्र की, शादी हुई जवान,
उनका प्यार देख हुए, सभी लोग कुरबान,
सभी लोग कुरबान, आपस में रखते ख्याल,
रहें सलामत युगल, तन, मन से सालों साल,
प्यार बराबर बढ़े, बनी रहे सदा गरिमा,
देते हम आशीश, सुखी हों रवीन्द्र प्रतिमा.
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शोभा तक आईं नहीं, ऐसा उनका ब्याह,
घर बैठे ही कह दिया, सुखी रहें यह चाह,
सुखी रहें यह चाह, मंदिर में हुई शादी,
रस्में सारी हुईं, अब बनी नानी, दादी,
देते हैं आशीश, बढ़े मुख मंडल आभा,
प्यार हो आपस में, प्रतिमा रवी की शोभा.
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प्रतिमा से भाई मिले, पूछें दिल का हाल,  
परिणय बंधन मधुर था, पहले बीसों साल,  
पहले बीसों साल, सुखमय जीवन बीता, 
चले मिला परिवार, सबके साथ परिणीता, 
छाई थी सब जगह, अनुपम आप की गरिमा, 
देते हैं आशीश, रहें खुश रवीन्द्र प्रतिमा.
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प्रतिमा ने शादी रची, बसा लिया संसार, 
रवींद्र को भी मिल गया, प्यारा सा उपहार, 
प्यारा सा उपहार, मजे में जीवन कटता, 
बना रहे सद्भाव, यारों का साथ मिलता, 
खुद भी मस्ती करें, औरों की बढे़ महिमा,
शादी की कामना, सुखी हों रविन्द्र प्रतिमा. 
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आहिस्ते से कट गया, एक साथ कुछ काल, 
मस्ती करी, पता नहीं, कैसे निकले साल, 
कैसे निकले साल, प्रतिमा रवीन्द्र विवाह,
मस्ती मजे में गा, इक दूजे को कह वाह,
हम सब भी आशीष दें, उस युगल को हँसते, 
करें कभी न रोष, क्रोध, लजा कर आहिस्ते. 
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प्रतिमा ने रवीन्द्र से , मिलाई प्रेम की जोत ,
जीवन में उत्साह रहा , खुशी से ओत प्रोत ,
खुशी से ओत प्रोत , मधुर मुसकाया माहौल , 
हर पल जीवंत रहा , दोनों करते हैं माखौल,
हम देते शुभकामना , बनी रहे जीवन हरीतिमा ,
सलामत रहे जोड़ी , प्रिय रवीन्द्र और प्रतिमा .
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शादी की वर्षगाँठ - अजय व प्रीति - 6
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मिली अजय को जिंदगी, लगी प्रीति से प्रीत, 
शादी के फेरे लगे, निभी जगत की रीत, 
निभी जगत की रीत, कैसे गए तीस बरस, 
दो बच्चों के साथ, बीत रहा जीवन सरस, 
जीवन चलता खुशी से, जब नौकरी निकली, 
मौसी की सोहबत में, सीखें अमूल्य मिलीं. 
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परस्पर प्रीति पनप रही, अजय श्री के साथ, 
चिर काल से डोल रहे, डाल हाथ में हाथ,
डाल हाथ में हाथ, जीवन के रंग में रंग जाते,
अरमानों का आनंद उठा, चितवन से हरषाते,
मेक अप नहीं जरूरी, दिल का एहसास अक्सर, 
आशीर्वाद इस युगल को, रखें ख़्याल परस्पर. 
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हीरा पन्ना ना मिले, ना ही मिला प्रवाल,
डूबा मेरे प्यार में, सासू माँ का लाल,
सासू माँ का लाल, दिखाई अपनी सूरत,
बसा  लिया दिल में, मानों भगवान की मूरत,
अर्पण तन - मन किया,  मिट गई सारी पीरा,
देव बना इन्सान, मेरा पति मेरा हीरा.
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रजत जयंती मना रहे, अजय प्रीति के साथ,
पचीस बरस से घूमते, लिए हाथ में हाथ, 
लिए हाथ में हाथ, अनूठा स्नेह दिखाया,
जीवन-यापन किया शान से, समृद्धि, वैभव पाया, 
'वन्देश' दें आशीष उन्हें, जोड़ी रहे अक्षत, 
गर कंचन है 'आस्था', तो सँस्कार बने 'रजत'.
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जन्मदिन - विवेक कमठान - स्वीटी पति - 3
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लल्ला श्री विवेक रहे, पढ़ने में गंभीर,
सैनिक अनुशासन मिला, वाणी है अति धीर,
वाणी है अति धीर, प्यार से लली पढ़ाते,
पूरा दें सम्मान, सबके मन में समाते,
करें काम शांति से, नहीं कोई हो हल्ला,
जन्मदिवस बधाई, सुखी हों विवेक लल्ला.
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देते हम शुभकामना, होवें मुदित विवेक, 
पत्नी उनके साथ हो, खुशियाँ मिलें अनेक,
खुशियाँ मिलें अनेक, स्वर्णिम सजाते सपने,
मिल सकें, बात करें, जीतें दिल, बनें अपने,
पहुँच लें बंगलौर, खोल जी, बातें करते,
करते उन्नति सदा, हम यह दुआएं देते.
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मिले दुआ विवेक लला, सबको करें प्रणाम,
बड़े प्यार से मिल गले, हम भी करें सलाम,
हम भी करें सलाम, दिल से देते बधाई,
मने जन्मदिन साथ, व्हाट्सएप विधि सुझाई,
सदा सुखी वह रहें, मौज करें, जीवन चले,
यूँ ही मुस्कुराएं, खुशियां सभी उन्हें मिले.
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बातें करते प्यार से, उनका नाम विवेक, 
बिना किसी से वैर के, करते कर्म अनेक, 
करते कर्म अनेक, सेनानी के संस्कार, 
अनुशासन में बंधे, करते सब का सत्कार, 
करते हम कामना, हम बधाई दे पाते, 
कोरोना में करें, बस दूर से ही बातें.
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दुनिया में जाने गए, जिनका नाम विवेक, 
फौजी सी सेवा करी, पाए पदक अनेक, 
पाए पदक अनेक, फूल सी प्यारी बिटिया, 
हर खुशी उन्हें मिले, किया काम जो भी दिया,
हो अच्छा सब काम, सबको लगे अति बढ़िया
हम देते आशीष, बने खुश उनकी दुनिया.
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नाविक हैं परिवार के, सैनिक कहें अनेक, 
पापा बिटिया टिया के, कहें उन्हें विवेक, 
कहें उन्हें विवेक, वाणी, सुमधुर, मनोहर, 
विनम्र, मृदुल, स्वभाव, चिंतन-मनन अति सुंदर, 
फूलें-फलें, दिन दूने, सदा बहार माफिक, 
देते नित आशीष हम, खुश रहे यह नाविक. 
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जन्मदिन - निखिल और हिमांशी - 1
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मिली हिमांशी निखिल से, एक मई के रोज़,
रहा करिश्मा प्रकृति का, देते अच्छे पोज़,
देते अच्छे पोज़, प्यार की बातें करते,
मिलते जब अतिथि से, उनकी स्मृति में बसते,
कुदरत का करिश्मा, उसी दिवस जन्मी लली,
खूब खुश रहें सदा, आशीशें सब से मिली.
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एक मई को ले लिए, दोनों जन अवतार,
पति पत्नी के रूप में, करें मधुर व्यवहार,
करें मधुर व्यवहार, चैन की बजती बंसी,
सासू माँ साथ में, मुखड़े पर हरदम हँसी,
आशीशें युगल को, मिलें सुख, खुशियाँ अनेक,
हो सुखद जन्मदिवस, मिल कर दोनों हों एक.
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कहूँ बधाई एक को, गलत रहेगी बात,
पति पत्नी एक दिन में, नहीं दिमाग समात,
नहीं दिमाग समात, सात साल गए ऐसे,
सदा सुखी युगल हो, एक दूजे में जैसे,
जीवन हो प्रेममय, बड़े प्यार से सब सहूँ,
अच्छी जोड़ी रहे, दिल से सभी बात कहूँ.
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एक साथ दोनों बढ़े, निखिल हिमांशी साथ, 
सारा जीवन प्यार में, गोते लें जगन्नाथ, 
गोते लें जगन्नाथ, मंथन में रत्न हृदाँश, 
करते हम कामना, रहें प्रेम में एकाँश, 
प्रसन्न जीवन बने, मिले सदा खुशी अनेक, 
ध्यान कर्म मे लगे, तन-मन से बनते एक.
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निखिल-हिमाँशी ने कहा, मने जन्मदिन आज, 
सारी खुशियाँ दें हमें, बेटा कर ले राज, 
बेटा कर ले राज, उसकी सुनें किलकारी, 
कुछ भी हरकत करे, जाते सभी बलिहारी, 
सुख, संपत्ति, समृद्धि, मिलती रहें अविनाशी, 
जन्मदिवस कामना, हमारे निखिल हिमाँशी. 
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एक तिथि को जन्म लिए, है जनम जनम का साथ, 
जनक, जननी सौंप दिए, इक दूजे के हाथ, 
इक दूजे के साथ, बढ़ाएँ प्रेम की पींगें,
परस्पर श्रद्धा, शुभकामना, विश्वास से भीगें, 
जन्मदिन की शुभकामना, आशीर्वाद अनेक,
पनपे न कोई दुर्भावना, सदा विचार हों एक.
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अप्रैल 
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शादी की वर्षगाँठ -रिंकी व यश - 22
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रिंकी कहे श्री यश से, चलूं तुम्हारे साथ,
अपनी शादी को हुए, थाम लिया अब हाथ,
थाम लिया अब हाथ, तो बढ़ जाए परिवार,
रही कृपा ईश की, सुख का पारावार,
मिले दुआ आपको, ना नजर लगे किसी की,
सदा सुखी रहो सकें, अपने प्रिय यश रिंकी.
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रिंकी यश को छाँटती, लड़कों का अम्बार,
उसका साथी वह बने, जो गुण का भंडार, 
जो गुण का भंडार, देख लो सभी कुछ उसमें,
जोड़ी अनुपम बनी, कमी कहीं ना किसी में,
देते हम आशीश, बना रहे स्वास्थ्य पिंकी,
सदा सुखी वह रहें, प्यारा युगल यश, रिंकी.
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यश रिंकी मेल हुआ, याद के तीन साल,
उनसे मिलने को रहे, दोनों दिल बेहाल,
दोनों दिल बेहाल, जोड़ी आपस में मिले, जमे घुटे मजे में, वह कदम मिला कर चले,
देते हैं आशीश, स्नेह, प्रेम में हम विवश,
सुखी, स्वस्थ वह रहें, चमके भाग्य रिंकी यश.
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अंतर दोनों में दिखा, आया अनुभव काम, 
प्यार निभा दो साल में, नयन भजें सब राम, 
नयन भजें सब राम, घर से काम हो जाता, 
रिंकी यश साथ में, मिल कर जोड़ते नाता, 
चलते ले आशीश, मिलता सात जन्मांतर,
समझें मन के भाव, रहे ना दिल में अंतर. 
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रिंकी यश से मिल गई, बीत गया इक साल, 
बेटी से बीवी बनी, मिली भली ससुराल, 
मिली भली ससुराल, रही पूरी आज़ादी, 
बस यह उनकी चाह, बनें कब दादा दादी, 
शादी की आशीष, नहीं कोई नौटंकी, 
सदा मस्त, स्वस्थ हों, प्यारे यश और रिंकी.
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बेटी को रुख़सत किया, सबको है धन्यवाद,
अपने घर को चलें, भला मुरादाबाद. 
बेटी तो सुख में रहे, हर्षित हो परिवार, 
चिंता न रहे दूर तक, खुशी भरा संसार. 
रिंकी, यश के साथ में, रहे सदा खुशहाल,
नव-जीवन सोपान में, सब हों मालामाल. 
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बेटी की शादी रची, बने नए संबंध, 
दो परिवारों का मिलन, जीवन का अनुबंध. 
रिंकी को यश मिल गया, बसा जगत संसार. 
मन से मन हुलस उठा, दे दूँ अपना प्यार.
रिंकी से जब यश मिला, रिया बना नव नाम, 
सात जन्म बंधन मिले, होवें पूरे काम. 
परिवारी भी सुखी रहें, करें मौज आनंद, 
आए हैं भोपाल में, दूर दूर के वृंद. 
जीवन महके खुशी से, मिला नया परिवार, 
नए मिले माता पिता, भले रहे भरतार. 
अनुभव के सोपान में, जुड़ा एक अध्याय, 
संस्कार की सीख ने, दिया चरित्र बनाय. 
पाए मौसी, बुआ ने, चाची, मामी नाम, 
छोड़ पुराना मायका, नए घर को प्रणाम. 
लड़के वालों ने नहीं, माँगा तनिक दहेज, 
हँसी-खुशी वह सब मिला, जो करते परहेज. 
रही बड़ाई इसी में, मांगें नहीं हज़ूर,
ऊपर वाला जो लिखा, मिल कर रहे जरूर.
खाला की बारात में, आए सब मेहमान,
खालू सुन घबरा रहे, खाला के फरमान. 
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शादी की वर्षगाँठ - अनुभव व प्रियाश्री -21
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बैचलर से मास्टर बने, लाला अनुभव नाथ,
इस पुण्य कार्य में मिला, प्रिया श्री का साथ, 
प्रिया श्री का साथ, साथ जीने की कसमें खाईं, 
बटाएँ सुख-दु:ख में साथ, तन-मन-धन हो सुखदाई, 
एक जुट हो परिवार, बना रहे प्यार प्रखर, 
लेवें इन से प्रेरणा, परिचित सभी बैचलर  .
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अनुभव आकृति से बढ़ा, प्रिया श्री का साथ, 
आज की शाम स्वागत करें, आप – हम मिल साथ, 
आप - हम मिल साथ, आ कर के भोपाल, 
सब कुछ अच्छा ही रहे, भली करें गोपाल, 
वृद्धि हो समृद्धि की, साथ में हो प्यार प्रणव, 
याद गार बन जाए, आज का यह अनुभव .
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'अनुभव', 'आकृति' से बढ़ा, 'प्रिया श्री' का साथ,
आज की शाम स्वागत करें, आप–हम मिल साथ,
आप-हम मिल साथ, आ कर के भोपाल,
सब कुछ अच्छा ही रहे, भली करें गोपाल,
वृद्धि हो समृद्धि की, साथ में हो प्यार प्रणव,
याद गार बन जाए, आज का यह 'अनुभव ' .
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जन्मदिन - मुग्धा - 11
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मुखमंडल छाई हॅंसी, मन से करें प्रणाम,
बरबस ही आशीश से, दिल पाता विश्राम,
दिल पाता विश्राम, बच्चे को आती हॅंसी,
नहीं झूठ कह सके, प्रयास करने पर फंसी,
कर दें दम नाक में, चमकता आभामंडल,
जन्मदिवस कामना, रहे पुलकित मुखमंडल.
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माता फिर मुग्धा बनी, हर्षित है परिवार,
दादा, नाना लाल के, खूब मने त्योहार,
खूब मने त्योहार, बेटे पर लुटाती ममता,
बड़ी बेटी से नहीं, भेद भाव, पर पूरी समता,
मिलता पति का प्रेम, सब से परिवार में नाता,
सारी खुशियां मिलें, सुखी रहे प्रिय मुग्धा माता.
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बेटा जैसी बालिका, करें हरकतें भिन्न, 
मौज मनाए हर समय, रहती सदा प्रसन्न,
रहती सदा प्रसन्न, बिना बात खिलखिलाती,
अपनी मस्ती करे, औरों को भी हँसाती, 
घर बैठे काम को, अपने वश में समेटा,
वाँछा हर पल करें, हो सुखी मुग्धा बेटा.
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बत्तिस के बत्तिस दिखे, झलकें बाहर ओर, 
भीतर भी बत्तीस हैं, दिखती उनकी कोर. 
बत्तिस की बेटी हुई, लगे नहीं बत्तीस,  
बत्तिस की खिलवाड़ में, चमक रहे बत्तीस. 
बने बत्तीस तीन दो, बनी उमर बत्तीस,
लगे नहीं बत्तीस की, बाहर हैं बत्तीस.
-------
मुग्धा को बिल्ली कहें, प्यार भरा यह नाम, 
अब ऐसी बढ़ने लगी, खूब करेगी काम, 
खूब करेगी काम, उसकी भी हुई बिल्ली, 
करती बहुत धमाल, हर समय करती खिल्ली, 
घर से करके काम, होती दूर सब दुविधा, 
जन्मदिवस की दुआ, पाए हमारी मुग्धा. 
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बेटी से पत्नी से बनी, पत्नी बनती मात, 
काल चक्र जब घूमता, बन जाते हालात, 
बन जाते हालात, बेटी की आई बेटी, 
पकड़े बेलन हाथ, खिलाती सबको रोटी, 
मुग्धा होती मुग्ध, पडो़स में प्रीशु लेटी,
खुश हो जन्मदिन पर, हमारी मुग्धा बेटी.
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मम्मी भले बड़ी हुई, रही पुरानी शान, 
बेटी से उसका बढ़ा, घर आफ़िस में मान,
घर आफिस में मान, प्रयोग करे नित नवीन, 
अनुभव सारे लिए, सभी तरह कुशल, प्रवीन, 
रहे सुखी, समृद्ध, स्वस्थ, फूले नहीं टम्मी, 
जन्मदिन की शुभकामना, प्रानिका की मम्मी. 
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मुग्धा अंकित की प्रेम पींग, फल पाने के आसार, 
अल्प काल में बन गए, इक दूजे के आधार, 
इक दूजे के आधार, विश्वास की नींव गहरी,
पूरी खबर हर पल रखें, बने सजग प्रहरी,
परिणय की परिणति सुखद, हो न कोई दुविधा,  
शादी की आशीष दें, सदा सुखी रहें अंकित मुग्धा.
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मुग्धा को अंकित से मिला , आजीवन प्रेम , विश्वास .
एक दूजे के लिए बने , एक दूजे की श्वास ,
एक दूजे की श्वास , प्यार से साथ निभाएँ ,
जन्मदिन की शुभकामनाएँ , हम सब दे जाएँ .
सुखद भविष्य की कामना , मन रहे , प्यार में बँधा ,
खनकती हँसी महकाती रहे , सदा हमारी मुग्धा .    
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मुग्धा माता बन गई, प्रानिका प्रान का प्यार, 
मोह में उसके फँस के, भूल गई घर बार, 
भूल गई घर बार, देखे वो दिन में सपने, 
कैसे उसे सजाए, सभी उसे लगते अपने, 
मिल कर सब के साथ, जुटाए सारी सुविधा, 
जन्मदिन की शुभकामनाएँ, पाए प्यारी मुग्धा. 
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सरल सजग 
सहज सौम्य 
सदा समर्पित साथ 

कजरारे नयन
श्यामल केश
उज्ज्वल भावी कल्पना 

भोला बचपन
करे किल्लोल 
मोहक मादक मुग्धा 
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या मुग्धा सर्वभूतेषु , या देवी संस्थिता , 
या मुग्धा सर्वभूतेषु , या देवी संस्थिता , 
नमस्तस्यै , नमस्तस्यै , नमस्तस्यै नमो नम: 
या मुग्धा सर्वभूतेषु , या देवी कॉलेज टॉपिता ,
नमस्तस्यै , नमस्तस्यै , नमस्तस्यै नमो नम: .
या मुग्धा सर्वभूतेषु , या देवी नृत्य पारंगता , 
नमस्तस्यै , नमस्तस्यै , नमस्तस्यै नमो नम: .
या मुग्धा सर्वभूतेषु , या देवी नाटक प्रशिक्षिता , 
नमस्तस्यै , नमस्तस्यै , नमस्तस्यै नमो नम: .
या मुग्धा सर्वभूतेषु , या देवी तुरत्  बुद्धय : , 
नमस्तस्यै , नमस्तस्यै , नमस्तस्यै नमो नम: .
या मुग्धा सर्वभूतेषु , या देवी योग साधित : , 
नमस्तस्यै , नमस्तस्यै , नमस्तस्यै नमो नम: .
या मुग्धा सर्वभूतेषु , या देवी ऐरोबिक्स अभ्यस्तिता , 
नमस्तस्यै , नमस्तस्यै , नमस्तस्यै नमो नम: .
या मुग्धा सर्वभूतेषु , या देवी अंकित रक्षिता ,
नमस्तस्यै , नमस्तस्यै , नमस्तस्यै नमो नम: .
या मुग्धा सर्वभूतेषु , या देवी सास प्रिया ,
नमस्तस्यै , नमस्तस्यै , नमस्तस्यै नमो नम: .
सा माम् मुग्धा भगवती , नि:शेष जाड्यापहाम् .
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देवी मुग्धा ले आई, समृद्धि शाँति के वरदान,
अर्जन अपने साथ करे, अद्भुत मान सम्मान, 
अद्भुत मान सम्मान, अट्ठाईस वर्ष का चक्र,
कन्या से महिला बनी, उपलब्धियों पर फख्र,
अच्छी शिक्षा, संस्कार से, करे साधना भावी,
पति, परिवार के विकास में रत, है मुग्धा देवी.
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जन्मदिन - बिनय प्रसाद - 8
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भाई आज इस दिन का, कर रहे इंतजार,
जीवन के इस मोड़ पर, बिखराते हैं प्यार,
बिखराते हैं प्यार, हैरत की मुस्कान,
पोता, पोती करें, हरकतों से परेशान, 
जन्मदिवस कामना, सभी कोनों से आई,
आशीष दें सब को, करिए उपकार भाई.
-------
गोलू और सुमित करें, इक दूजे से प्यार,
पर इस तक सीमित नहीं, एक अलग संसार,
एक अलग संसार, संभालें दोनों मात,
बच्चों की पढ़ाई, पर करें किसी से बात,
प्यार बढ़े दिन रात, उनकी बलैंया ले लूँ,
दोनों को बधाई, स्वीकारें सुमित गोलू.
---------
भाई जी कर के कृपा, कहते दिल का हाल, 
अच्छा मूड रखें सदा, मुस्की मालामाल,
मुस्की मालामाल, प्यार से गले लगाते,
सुन उनकी आवाज, धन्य हम सब हो जाते,
राँची में व्यवहार, प्रेम की रीत बनाई,
दें हम शुभकामना, रहें खुश मेरे भाई.
-------
भाई से जब हम मिले, लब पर थी मुस्कान, 
उनके परिचय से बढ़ा, हम सब का सम्मान, 
हम सब का सम्मान, राँची में धाक जमाते, 
रहे दुलारे सदा, प्यार से गले लगाते, 
रहे सुखी वह सदा, भाभी हमारी आई, 
जन्मदिन की वांछा, खुश रहें मेरे भाई. 
------
भाई साहब ने दिया, हम सब को आशीष, 
बातें उनसे कर सकें, धरें ध्यान से शीश, 
धरें ध्यान से शीश, सहज मुस्कान सुहाती, 
मोहक सी अदाएँ, दिल भीतर बैठ जाती,
अपनापन यूँ लगे, नहीं कभी हो विदाई, 
सदा सुखी रहें वह, अपने बिनयश्री भाई. 
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दादा की पोती करे, जग में अपना नाम, 
इसके पीछे लग रहा, दादा जी का काम, 
दादा जी का काम, अच्छे से रखा ख्याल, 
एक सूत्र में बांध, सबमें बनते गोपाल, 
जन्मदिन की शुभकामना, यह हमारा वादा,
प्रसन्न, स्वस्थ बने रहें, प्यारे प्रीशु-दादा. 
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विनय बिनय से करत हैं , शीष नवा कर बात ,
सविनय प्रेम स्वीकार करें , विनय विनय का आधार ,
विनय विनय का आधार , विनय से बात बन जाए ,
म्लानि न मन में कहीं , दूर तलक कोई रह जाए ,
देते हैं शुभकामना , सादर करते अनुनय ,
बिनय सुनें विनय की , करें प्रार्थना विनय .
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दादा बहुत प्रसन्न हैं, पा पोती उपहार, 
तन मन न्योछावर है, दें भरपूर प्यार, 
दें भरपूर प्यार, सभी हसरतें निकालें, 
खुशी के अंबार में, खुद त्योहार मना लें,
हम भी आनंदित हो, बधाई का दें वादा,
जन्मदिन शुभकामना दें, सदा पाएँ यह दादा. 
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वर्षगाँठ साठवें जन्मदिन की , बाद प्रतीक्षा के आई .
अर्जित शुभकामना ही , जीवन भर की कमाई .
बेदाग सेवानिवृत्ति , बड़े भाग्य वालों ने पाई .
सप्रेम , शुभेच्छाएँ देने की , आज मन में आई .
रहें निरोग , संपन्न , हम सब की मति में समाई .
करें जन कल्याण , इसी में सब की भलाई .
ऊपर वाला रक्षा करे , वो ही सबका साईं .
हो मुबारक जन्मदिन , श्री बिनय जी को मेरे भाई .
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शादी की वर्षगांठ गोलू + सुमित -7
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गोलू और सुमित मिले, पहले सोलह साल,
चाहें एक दूजे को, जीवन हो खुशहाल,
जीवन हो खुशहाल, खुशी में गाड़ी चलती, 
बच्चे बनते स्वस्थ, सभी की इज्जत बढ़ती,
आएंगे कब सुमित, जब घर का द्वार खोलूं,
करूं बहुत मैं प्यार, हर समय कहती गोलू.
---------
गोलू और सुमित करें, इक दूजे से प्यार,
पर इस तक सीमित नहीं, एक अलग संसार,
एक अलग संसार, संभालें दोनों मात,
बच्चों की पढ़ाई, पर करें किसी से बात,
प्यार बढ़े दिन रात, उनकी बलैंया ले लूँ,
दोनों को बधाई, स्वीकारें सुमित गोलू.
-------
सुमित मिले शुभांगी को, हम सब को है नाज़,
नम्र भाव से सब मिलें, ऊँची नहीं आवाज़,
ऊँची नहीं आवाज़, कोरोना ने छकाया,
काठी हलकी हुई, जल्दी जान ना पाया, 
बदला हुलिया ठाठ, दिखी उनकी छबि अमित,
कर अशीश, कामना, सुखी रहें गोलू सुमित.
---------
एक सूत्र में बांध कर, किया सफल यह जन्म, 
गोलू परिणय सुमित से, बंधन है आजन्म, 
बंधन है आजन्म, डोर भावों की कसती, 
ख्याल रखें जीवन मीत, दिलों से प्रीत बरसती,
सद्व्यवहार रचता, उत्साह, साहस, विवेक,
दोनों को आशीश, हो प्यारी जोड़ी एक. 
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सुमित शुभांगी साथ थे, पहले बारह साल, 
परिचय से शादी हुई, कैसे बीता काल, 
कैसे बीता काल, सुत अरनव और अबीर, 
दोनों की नौकरी, चमकी उनकी तकदीर, 
दें हम सब आशीश, सुखमय जीवन अपरमित, 
सुखी रहे परिवार, जिज्जी के गोलू सुमित. 
-----
सुमित और गोलू मिले, बीत गए दस साल, 
कंधे से कंधा मिला, कैसे निकला काल, 
कैसे निकला काल, लगे परिवार में लाल. 
सबकी चर्चा कम है, बनते हर बार मिसाल, 
शादी की आशीष दें, होंवें सदा अविजित,
सुखी, स्वस्थ, संपन्न हों, परिवार और सुमित. 
------
यूँ ही नहीं बन जाता, किसी अजनबी का साथ, 
मन जिस से मिल जाए, वह पा जाता है हाथ, 
वह पा जाता है हाथ, परंपरा और संस्कार, 
अच्छे जीवनसाथी की, रहती सबको दरकार, 
एक दशक से बनी जोड़ी, सुमित शुभांगी की सही, 
शुभकामना देते नहीं, हम फालतू में यूँही. 
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मम्मी अरनव को मिली, अबीर को पापा का साथ,
कई बरस पहले थामा, सुमित ने गोलू का साथ,
सुमित ने गोलू का साथ, पाया जनमों जनम, 
बना रहे सौहार्द भला, रहे न कोई भरम, 
स्वस्थ सजग सुंदर रहें, पालें न कोई टम्मी,
अच्छे फ़िगर में दिखते रहें, बच्चों के पापा मम्मी.
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जन्मदिन - अंशिका - 2
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लली अंशिका कह रही, धर लो कोई वेष,
मैं तो प्यारी ही लगूं, रहूं किसी भी देश,
रहूं किसी भी देश, पढ़ने में मन लगाती,
लगे परिवार भला, सब समस्या सुलझाती,
भाई से प्यार हो, बड़े संस्कार में पली,
सदा सुखी रहे वह, जन्मदिवस वाली लली.
-------
प्यारी छोटी अंशिका, करती है सम्मान,
कितनी तारीफ़ दें उसे, करें कहाँ गुणगान,
करे कहाँ गुणगान, सबके मन में समाती,
रह कर शांत स्वभाव, खुद समस्या सुलझाती,
धीरे धीरे बढ़े, बन कर सबकी दुलारी,
खुशी मिले हमेशा, अपनी अंशिका प्यारी.
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मार्च
++++++

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जन्मदिन - वर्तिका - 26
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दीदी ने दिखला दिया, बाहर भी घर द्वार,
ले कर उससे प्रेरणा, कर लें देश प्रचार, 
कर लें देश प्रचार, अपना महत्व बताएं,
कमी किसी से नहीं, हीन भाव न मन लाएं,
कहते अपनी बात, पुख्ता प्रमाण के आदी,
जन्मदिवस मुबारक, प्यारी वर्तिका दीदी.
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सरल वर्तिका पढ़ गई, ले तकनीकी काम,
कोविड चलते हो गया, उसका पूरा नाम,
उसका पूरा नाम, घर बैठे की पढ़ाई,
सौम्य, सहज, स्वभाव, सबके हृदय में छाई,
रहे दुआ हमारी, हो खुश, निश्चय में अटल,
बनी रहे बालिका, पूरी मस्ती से सरल.
-------
घर बैठे ही हो गई, आधी पढ़ाई साफ,
बिना गए कालेज ने, नहीं फीस की माफ़,
नहीं फीस की माफ़, ऑनलाइन कक्षा जारी,
लैपटॉप पर हुई, उसकी सारी तैयारी,
करते हम कामना, उस को मिले इच्छित वर,
सुधर जाएगा वही, वह जाएगी जिसके घर.
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सुता वर्तिका सी मिले, धन्य पिता के भाग, 
आए संकट टाल कर, किस्मत जाती जाग, 
किस्मत जाती जाग, आई मुसीबत टाले,
पार लगाती नाव, स्वयं पतवार बना ले, 
मृदुल मधुर मुस्कान, लख कर सब घर हंसता, 
रहे खुशी सदा ही, अधरों पर वर्तू सुता.
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साल अठारह हो गए, देखा जग संसार, 
लालन पालन था भला, उपजे नए विचार. 
वाहन चालन कर सके, मिला बड़ा उपहार, 
बालिग है मतदान को, पाएगी अधिकार. 
आज हमारी वर्तिका, पाए सबका प्यार, 
भला जन्मदिन मन सके, करें ईश आभार. 
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गुणी बहुत है वर्तिका, रखिए उसको याद, 
सीधी बात कहे सदा, रखती नहीं विवाद. 
रखती नहीं विवाद, विनम्रता से मुख खोले, 
हल्की सी मुस्कान, संतुलित बोली बोले, 
जन्मदिन की शुभकामना, करती हमको ऋणी,
आशीष देते हम सब, बनी रहे वह गुणी. 
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वर्तिका अति प्रसन्न है, दे कर के एक्ज़ाम, 
बहुत पढ़ाई कर चुकी, अब होगा आराम, 
अब होगा आराम, कोचिंग, कॉलेज नहीं तनाव, 
खा पी कर स्वास्थ्य बनाए, डाले सब पर प्रभाव, 
अच्छे अच्छे नंबर आएँ, जाँची जो उत्तर पुस्तिका, 
जन्मदिन की शुभकामना, लेती जा प्यारी वर्तिका. 
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प्रिय सौम्य शालीन
वर्तिका का
मृदुल हास्य 

अध्ययनरत सुकुमारी
सबकी दुलारी
सर्वगुण सम्पन्न वर्तिका 

अपारंपरिक सहानुभूति
हृदयंगम उद्गार 
वात्सल्य दर्शाती वर्तिका
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बड़ी लालसा से रही प्रतीक्षा , छा गया उल्लास ,
हुलस हुलस कर बाट जोहती , राखी पूरी आस ,
राखी पूरी आस , कब जन्मदिन मेरा आए ?
मिलें दुआएँ , ख़ुशी , उपहार साथ में पाएँ ,
बने वीडियो , कोलॉज , आशीषों की लगी झड़ी ,
बेटी वर्तिका बस हो गई , अब एक और साल बड़ी .
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जन्मदिन - श्रेया - 18
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बिटिया श्रेया नाम की, करती सबसे प्यार,
उसको भी सारे करें, दिल से अधिक दुलार,
दिल से अधिक दुलार, करे समय से नौकरी,
अवसर देख घर की, बजा रही वह चाकरी,
देख भाल अनुज की, निकाले सब में तिगियां, 
जाती रहे विदेश, चहेती श्रेया बिटिया.
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श्रेया बिटिया के हुए, पूरे तेइस साल,
घर के भीतर ही नहीं, बाहर करे धमाल,
बाहर करे धमाल, अकल के झंडे गाड़े,
करे मुसीबत दूर, कहीं भी आए आड़े,
धीरे से बात हो, बसे अलग कहीं दुनिया,
खुश रहे सदा ही वह, बधाई बेटा श्रेया.
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बिटिया ने बी.ई. करी, किए बिना कुछ क्लास,
इतना उसको ज्ञान था, हो जाएगी पास,
हो जाएगी पास, दे भाई को प्रेरणा,
साहस परिवार को, सब संकट से सामना,
आगे हर क्षेत्र में, जल्दी बसाए दुनिया,
दे दें शुभकामना, सबकी दुलारी बिटिया.
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पढ़ लिख कर शिक्षा मिली, कुछ पाए संस्कार,  
मूर्ति विनम्रता की बनी, पाया सबका प्यार. 
मुश्किल से धीमी सुनें, हल्की सी आवाज़, 
तुरत नौकरी से करे, करियर का आगाज. 
श्रेया सी बेटी मिली, कर लो उसको प्यार, 
महकी उसकी चेतना, गए जाग संस्कार.
गए जाग संस्कार, अच्छे से की पढ़ाई, 
साथ निभाती मात, भाई से हो लड़ाई, 
नहीं द्वेष भ्रात से, कह उसे छोटा भैया, 
जन्मदिन की कामना, सदैव खुश रहे श्रेया. 
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बड़ी बहन के रूप में, श्रेया ले अवतार, 
भाई भी दीदी कहे, उसको करती प्यार. 
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बीस बरस की बालिका, पढ़ने में हुशियार, 
डिगरी पूरी हो रही, सेवा का आधार. 
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कैसे दें आशीष हम, कैसे हो गुणगान, 
जन्म दिवस शुभकामना, बढ़े हमारी शान. 
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कन्या से बाला बनी, कल की सुंदर नार, 
पढ़-लिख कर आगे बढ़े, सबसे करती प्यार,
सबसे करती प्यार, सुमधुर बोलती वाणी, 
विनम्र निवेदन करे, जानते सारे प्राणी, 00
उस जैसी दूजी गुणी, कोई नहीं अन्या, 
जन्मदिन की शुभकामना, सदा श्रेया कन्या. 
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साल अट्ठारह की हुई, अट्ठारह को अट्ठारहवें साल, 
वयस्क बालिका वह हुई, चमका उसका उन्नत भाल, 
चमका उसका उन्नत भाल, पढ़ाई में रहती सबसे आगे, 
किशोरावस्था में रहे सतर्क, लड़के उसके पीछे भागे, 
जन्मदिन पर हो बधाई, श्रेया बन जाय बेमिसाल, 
ले आनंद, मनाए मौज, खुश रहे वह सारे साल. 
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श्रेया लेती श्रेय, पा अपनों का आशीष, 
सत् चरित्र औ कर्म से, सब को नावै शीश,
सबको नावै शीश, मृदु वाणी सबसे बोले,
बस छुट भैया के आगे, न वह मुँह खोले,
तन मन से स्वस्थ रहे, लगे न कोई हैया,
जन्मदिन की शुभकामनाएँ, पाती अपनी श्रेया.
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जन्मदिन - सुरभी - 16
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सुरभी बच्चा देख कर, मन में उमड़ा दुलार,
लाल विवांश लख सदा, करती यही विचार,
करती यही विचार, बेटा हो सदा आगे,
मैं पीछे दौड़ती, सुत मेरो जबर भागे,
मिलती हूॅं प्यार से, मेरे घर आओ सभी,
देता मैं आशीश, सुखी रहो सदा सुरभी.
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बेटा सुरभी बोलती, बच्चा मेरी जान,
मैं बालक दो साल का, मम्मी अपनी मान,
मम्मी अपनी मान, भली भाँति घर चलाती,
प्यार भरी बात कर, सबके मन लुभा जाती,
पति के दिल में बसी, घर बार लिए समेटा,
सुखी रहे सदा ही, हमारी सुरभी बेटा.
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मम्मी बड़ी विवाँश की, चारु, चपल, चितचोर,
पतिव्रता को नमन है, प्रियतम रहे विभोर,
प्रियतम रहे विभोर, बाँध कर रखा परिवार,
सब का कर सम्मान, दिल से सबको कर प्यार,
देते हम आशीश, बिन पढ़ाई की गरमी,
रहे सदा खुशहाल, विवू की सुरभी मम्मी.
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सुरभी जब मम्मी बनी, पाया ढेरों प्यार, 
बरकत छोटे लाल की, सबका मिला दुलार, 
सबका मिला दुलार, दिल से देते दुआएँ, 
उसके व्यवहार से, सब आशीश दे जाएँ, 
करें प्रेम साथ में, आपस में मिलते सभी, 
करते हैं कामना, सुखी रहे सदा सुरभी.
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सुरभी की सुरभि महकी, बही हवा हर ओर, 
मिला साथ पति का सहज, कहते उसे विभोर, 
कहते उसे विभोर, नाम की जपती माला, 
चाहत जिसकी करे, हरदम उसे मतवाला,
दें बधाई उसको, हम सब आज और अभी, 
सुखी रहे सदा ही, अपनी दुलारी सुरभी. 
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शादी की वर्षगाँठ - बिनय प्रसाद व रश्मि - 12
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भाभी से भाई मिले, होते नैना चार,
नैनों से ही कह दिया, करते हैं हम प्यार,
करते हैं हम प्यार, सातों जन्म मिल पाएं,  
खो कर आगोश में, सारा जग भूल जाएं,
लक्कू, रिग्गू रखें, हाथ में अपने चाभी,
सदा सुखी, सुख मिले, बिनय और रश्मि भाभी.
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बिनय रश्मि जी से मिले, करें परस्पर प्यार, 
इक दूजे में खो गए, बसा लिया संसार,
बसा लिया संसार, खेलते पोता पोती,
उनमें ऐसे रमे, भूल नहीं कभी होती,
करते हम कामना, रहे सदा उनकी विजय,
करते पूरा प्यार, हँसते सदा रश्मि विनय.
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साल एक अनुभव बढ़ा, ईश्वर का वरदान,
जीने की शैली सुखद, जीवन है आसान, 
जीवन है आसान, उसे हँस कर जी पाते,
रमे भक्ति में सदा, शिक्षा भली दे जाते,
लगे नौकरी जल्द ही, आने वाला है माल,
भाई जी को मिले, बधाइयां सालों साल.
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भाई, भाभी मिल गए, दिन था बारह मार्च,
शादी कर होते सुखी, मिली रोशनी टार्च,
मिली रोशनी टार्च, चखें प्यार के गुलगुले,
अंकित रोहित भले, दोनों गुल उनके खिले,
ऐबी, मुग्धा मिली, बड़ी गृहस्थी बसाई,
लक्ष्य, प्रीशु का रहा, खुश रहें भाभी, भाई.
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पूनम मिलतीं बिनय से, धरा हृदय में प्यार, 
मांग लिया भगवान से, रहे सुखी संसार, 
रहे सुखी संसार, मिली हर संभव खुशियाँ, 
वर्षगाँठ शुभकामना, मिल कर साथ बधाइयाँ, 
रहता उनके बीच, सदा तालमेल अनुपम, 
जीवें मिल प्यार से, श्री बिनय भाभी पूनम.
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भाई भाभी में दिखा, गजब का तालमेल, 
सदा बोलते दिल मिला, चले प्यार की रेल, 
चले प्यार की रेल, मिले कई साल पहले, 
बाहर थी नौकरी, भाभी घर में अकेले.
आपस के प्यार में, बरती खूब सच्चाई, 
रही यही कामना, खुश रहें भाभी भाई. 
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पोती का जन्मदिन मना, बेटा गया विदेश, 
अच्छा लगा चंद दिवस, अब यादें हैं शेष, 
अब यादें हैं शेष, पोती की अदा न्यारी, 
उसकी हरकतों से, महकी बगिया हमारी, 
कुछ समय के बाद, साथ, पत्नी ही निभाती, 
शादी की शुभकामना, दादा संग पोती. 
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प्रसाद बिनय को मिल गया, हरि कृपा के साथ, 
जीवन सफल हो गया, रश्मि जी के साथ, 
रश्मि जी के साथ, मिल गईं खुशियाँ सारी, 
लक्ष्मी रूप धर आईं, घर में साक्षात नारी, 
बने भविष्य उज्ज्वल, रहे न कोई अवसाद, 
शादी की शुभकामनाएँ, पाएँ रश्मि बिनय प्रसाद. 
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जन्मदिन - एकन्ना जी - 07
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एकन्ना के नाम से, मुदित हुआ संसार,
उन्हें बधाई दे रहे, भेंट करें उपहार,
भेंट करें उपहार, छाई मुख पर मुस्कान, 
मिले गले सभी से, नहीं तनिक भी अभिमान,
उन सा दूजा नहीं, खोजिए हीरा पन्ना,
सदा मुदित ही दिखें, अपने यार एकन्ना.
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साल एक अनुभव बढ़ा, ईश्वर का वरदान,
जीने की शैली सुखद, जीवन है आसान, 
जीवन है आसान, उसे हँस कर जी पाते,
रमे भक्ति में सदा, शिक्षा भली दे जाते,
लगे नौकरी जल्द ही, आने वाला है माल,
भाई जी को मिले, बधाइयां सालों साल.
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भाई ने पूरे किए, अपने सारे काम,
अंदर घर के बैठ कर, भजें राम का नाम,
भजें राम का नाम, बस थोड़ी परेशानी,
बाकी सब ठीक है, कमर से है हैरानी,
करें बात फोन पर, सब घटनाएं बताई,
वांछा जन्मदिन की, आपको दिल से भाई.
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भाई छोटा ही सही, खूब करेगा प्यार, 
चुटकी भी यदि ले सके, होगा भला हमार, 
होगा भला हमार, बदन से मस्ती झलके, 
कहता दिल का हाल, प्यार में भीगी पलकें, 
आज बधाई हेतु, दिल में यादें समाई, 
वर्षगाँठ कामना, करिए स्वीकार भाई.
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भाई से मिलने चलो, सभी मुरादाबाद, 
खातिरदारी खूब हो, घर होगा आबाद, 
घर होगा आबाद, मजे से गप्पें मारो, 
हो पूरा परिवार, सब का भविष्य सुधारो, 
जन्म-दिवस बधाई, सच्चाई की कमाई, 
रहे सदा ही स्वस्थ, मेरे दुलारे भाई.
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साठ साल के नाना हो गए, नब्बे के हैं  नाती,
अंतर केवल इकाई का, सबकी अपनी बाती,
सबकी अपनी बाती, कोई दिन, तो कोई साल,
अंतर से उमड़ा प्यार, रिसते दोनों नैन विशाल,
जन्मदिन की शुभेच्छा, दें पल हर, याम आठ, 
स्वस्थ तन मन रहे, मौज करें और साल साठ.
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अट्ठावन में जन्म लिया , हुए अट्ठावन के आज ,
स्वर्णिम भविष्य का , हो मधुर आगाज ,
हो मधुर आगाज , खुशियों की नेमत बरसे , 
रहे बना संपर्क सभी से , हों न नाराज किसी से ,
देते हम शुभकामना , खिला रहे जीवन उपवन ,
यादें दिल में बसी रहें , सारे साल सन् अट्ठावन .
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जन्मदिन - अजीत - 06
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भाई अजब अजीत हैं, करते सबसे प्यार,
उनको देखत ही गए, सुंदर मुख पर वार,
सुंदर मुख पर वार, अद्भुत साहस समाया,
शिक्षा दे बाल को, भला परचम लहराया,
प्यार करे देश से, सब को बात बतलाई,
जन्मदिवस बधाई, दे रहे अजीत भाई.
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बेटे को आशीष दें, कहते उन्हें अजीत,
ऊर्जावान बने रहें, मन को लेते जीत,
मन को लेते जीत, मुँह पर नम्रता दिखती,
मोहक मधुर वाणी, व्यक्तित्व संगत लगती,
कुशल व्यवहार लगे, पूरे रिश्ते समेटे,
जुग जुग जियो प्यारे, है दुआ अजीत बेटे.
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बेटा अजीत की करें, मिल कर सब तारीफ,
उनको ऐसे ही मिले, दुनिया बड़ी शरीफ,
दुनिया बड़ी शरीफ, करें कायदे से काम,
शाँति से वह रहें, भजते रहें राम नाम,
बोलें सब प्यार से, एकसूत्र में समेटा,
सब दें सद्भावना, हों सुखी अजीत बेटा.
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अजित नाम से जग गया, अद्भुत सा विश्वास, 
सीधा, सच्चा दिल रहा, करता पूरी आस, 
करता पूरी आस, हैं सात समंदर पार, 
आत्मा भारत में, रहे विदेश से दुलार, 
जन्मदिन की कामना, रहते सदा ही अविजित, 
सुखी स्वस्थ, संपन्न, मृदु भाषी पाहुन अजित. 
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भोले सरल स्वभाव के, उनका नाम अजीत, 
मृदुभाषी, संयमी रह, करते हरदम प्रीत, 
करते हरदम प्रीत, लाड़ सभी से लड़ाते, 
होते भी नाराज, नहीं कुछ रोष दिखाते, 
काम से पा छुट्टी, लौट कर गले लगा ले,  
सदा सलामत रहें, सबके चहेते भोले. 
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शुभकामना हम दे रहे, खुले दिल से मीत, 
स्वजनों के अनन्य प्रेम को, स्वीकारते अजीत, 
स्वीकारते अजीत, दिल के अति साफ़, 
न रखें द्वेष किसी से, सब को कर दें माफ़, 
प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें, हम सब की उपासना, 
अंतर्मन से पा रहे अजीत, अनेकानेक शुभकामना. 
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फरवरी 
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शादी वर्षगाँठ - विनय व ऋतु - 28
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रितु के परिणय से हुआ, सुखी मुदित परिवार,
न्योछावर उस पर किया, अपने दिल से प्यार,
अपने दिल से प्यार, विनय मन लड्डू फूटे,
देख समर्पण कहें, दांत तले जिह्वा कूटे,
करते हम कामना, प्रेम का बंधता सेतु,
वह दोनों हों सुखी, मिलें प्यार से विनय रितु.
--------
मिले जहाँ रितु से विनय, भरे खुशी भंडार,
तालमेल अच्छी रही, बढ़ता प्यार अपार,
बढ़ता प्यार अपार, लगा जतन घर सजाती,
बेटी को पढ़ाया, दूजी के शौक बढ़ाती,
बना रहे परिवार, दोनों पर जान निकले,
है सबकी कामना, प्रेम से विनय रितु मिले.
---------
साथ विनय के ऋतु करे, मौज इक्कीस साल, 
हँसी खुशी में बीतते, नहीं कोई मलाल,
नहीं कोई मलाल, अच्छे से पुत्री पढ़ती,
हरफन मौला लगें, वह करते रहें उन्नति,
यूँ ही कटता समय, चल डाल हाथ में हाथ,
हम देते आशीश, दोनों रहें एक साथ.
-------
बीस बरस पूरे हुए, मिले विनय ऋतु साथ,
बड़े प्यार से थामते, इक दूजे के हाथ, 
इक दूजे के हाथ, वादे, कसमें निभाई, 
आ पहुँचे मुंबई, चाल काल ने दिखाई,
मान सभी का किया, पाए नाना आसीस, 
आज दिवस कामना, बने रहें सब पर बीस. 
-------
भाई को पत्नी मिली, पाया ऋतु का नाम,
साथ निभाया भले से, करती हर पल काम, 
करती हर पल काम, संजोती खुद घरबार,
बच्चों की परवरिश, पति पाए पूरा प्यार,
एक समर्पित क्रिया, दिनचर्या में समाई, 
हम देते आशीष, शादी मुबारक भाई. 
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बालिग शादी हो रही, भाई की ऋतु संग, 
समझ आपसी बन गई, चढ़े प्रेम के रंग, 
चढ़े प्रेम के रंग, पा कुदरत के उपहार,
रही कृपा ईश की, बढ़ा जगत में व्यवहार, 
शादी की शुभकामना, हों समय से फारिग, 
हो विकास परिवार का, वर्तिका भी बालिग. 
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खेल खेल में निकल गए, कीमती सत्रह साल, 
प्यार छुपाने में विफल हुए, दोनों जन बेहाल, 
दोनों जन बेहाल, अब बच्चों की चिंता छाई, 
स्वर्णिम भविष्य के स्वप्नों ने, रातों की नींद चुराई, 
विनय ऋतु के प्रणय पथ में, रहे सदा ही मेल, 
हम सब से आशीष पा, खेलो जीवन खेल. 
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विनय ऋतु से मिल लिए, पहले, सोलह साल,
बातों ही बातों में कह गए, अंतर्मन के हाल,
अंतर्मन के हाल, बढ़ाया प्रेम विश्वास, 
इक दूजे को समर्पित, जीवन की हर साँस,
हर्षित हम आशीष दें, हो सफल परिणय, 
रहें सदा सर्वदा प्रसन्न, हमारे ऋतु विनय.
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शादी वर्षगाँठ - शिल्पी + अजीत -24
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शीनू संग अजीत की, बढ़ती जाती शान,
रही प्रीत उर में बसी, इक दूजे का ध्यान,
इक दूजे का ध्यान, हम को यादें सताती,
बच्चे अच्छे बनें, भले संस्कार दिलाती,
उत्सुक हैं मिलन को, शादी के बने जुगनू,
हम सब दें बधाई, खुश, मुदित अजीत शीनू.
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शीनू प्यार अजीत से, करती है लगातार,
इक दूजे के हो गए, बना जगत व्यवहार,
बना जगत व्यवहार, बाल विदेश में पाले,
मिल कर सहयोग से, आप संबंध बना लें,
खुद की मेहनत से, हुए व्यवहार प्रवीनू,
मिले बधाई दुआ, दुलारे अजीत, शीनू.
-------
मजे कनाडा में करें, शीनू और अजीत,
साथ रहे परिवार भी, सबके मन के मीत,
सबके मन के मीत, घर भी नया ले डाला,
जिज्जी अच्छी रहीं, मजे में साल निकाला,
बच्चे संस्कार से, रहे सदा पूरे सजे,
देते हैं आशीष, वह दोनों कर लें मजे.
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शीनू संग अजीत ने, खूब रचाया ब्याह, 
देखे जो इस युग्म को, मुख से निकले वाह, 
मुख से निकले वाह, प्रेम की पींग बढ़ाई, 
सोहम अंशिका की, जोड़ी सभी को भाई, 
देते हम आशीश, यादें पुरानी बीनू़ँ,
रहे स्वस्थ परिवार, युग्म अजीत, शीनू.
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शीनू संग अजीत का, आजीवन संबंध, 
याद दिलाता है हमें, यह अनुपम प्रतिबंध, 
यह अनुपम प्रतिबंध, सात जनम का हो साथ, 
सप्तपदी मर्यादा, पकड़े दोनों के हाथ,
बढ़े परस्पर प्रीत, ज्यों कमला संग विश्नू, 
देते हम आशीष, हों सुखी अजीत शीनू. 
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अजीत को न जीत सकै, जीत सकै तो जीत, 
शीनू केवल जीत सकी, दे कर दिल से प्रीत, 
दे कर दिल से प्रीत, सारे जहान से अच्छा उपहार, 
मिल जाएँ सारी खुशियों, करें इक दूजे को प्यार, 
पति, पत्नी से बढ़ कर, और न कोई मीत, 
सदा सुखी, प्रसन्न रहें, शीनू और अजीत. 
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अरसा काफी हो गया, लिया जगत को जीत,
तन मन से दोनों मिले, शिल्पी और अजीत, 
शिल्पी और अजीत, उनको भाया कनाडा, 
दुनिया में बज रहा, काम-नाम का नगाड़ा, 
है कुदरत मेहरबान, खुशी की हो वर्षा, 
शादी का उत्सव रहे, सदा-सदा अरसा. 
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शादी की वर्षगाँठ - लक्ष्मी और ज्ञान - 22
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ज्ञान और लक्ष्मी मिले, कुल अष्टविंश साल,
दोनों रहते प्यार से, दिल से मालामाल,
दिल से मालामाल, वैसी शिक्षा दें लाल, 
निष्ठा उनकी रहे, बन समर्पण की मिसाल,
सेवा बड़ों की करें, बिना किसी भी अभिमान,
मिले बधाई उन्हें, खुश रहें लक्ष्मी व ज्ञान.
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लक्ष्मी पाई ज्ञान ने, मिलीं खुशियां अपार,
जीवन सुरभित हो गया, सुखी हुआ संसार,
सुखी हुआ संसार, साम्य जमाया परिवार,
अपना कौशल दिखा, बांटा सुख, दुख औ प्यार,
जमे लाल की जॉब, जिसमें बसती जान,
लें बधाई सब की, रहें मस्त लक्ष्मी ज्ञान.
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साथ ज्ञान लक्ष्मी रहें, हम सब की आशीष,
प्रेम वृक्ष फूले सदा, कृपा करें जगदीश,
कृपा करें जगदीश, साथ रहे परिवार,
सुख संपदा आए, मालिक का आभार,
करते हैं कामना, डाल कर हाथ में हाथ,
साथ में अचिंत भी, घर भर का साथ.
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रजत जयंती मन रही, आया हमको ध्यान, 
कैसे बीता काल कब, फोन करें जब ज्ञान,
फोन करें जब ज्ञान, लक्ष्मी से दिल मिलाया,  
इक दूजे के साथ, समय मजे में बिताया, 
रहे हमारी दुआ, रहें सभी खुश अनवरत,
मन से मुबारक दें, शादी वर्षगाँठ रजत.
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ज्ञान लक्ष्मी से मिले, पहले चौबिस साल, 
इतने अरसे में लिया, इक दूजे का हाल,
इक दूजे का हाल, बने सुख-दुख के राही, 
संभाला परिवार, जीवन जी रहे शाही.
शादी की कामना, करें सभी का सम्मान, 
स्वस्थ, संपन्न रहें, हमारे लक्ष्मी व ज्ञान. 
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जन्मदिन - विभोर - 22
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भाई की तारीफ क्या, सब करते गुणगान,
बेटे ने उसके लिया, बना अलग ही स्थान,
बना अलग ही स्थान, सभी पर उनकी चलती, 
पत्नी सीधी मिली, सदा ही हॅंसती रहती,
सबसे मिल कर चले, भली रीतियां निभाई,
देते हम बधाई, हों सुखी विभोर भाई.
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बेटा विभोर कह रहा, कैसे हो सब आप,
चाहे वो सबका भला, सहता सबके ताप,
सहता सबके ताप, सच्चा हित सबका करे,
सुत को ले कर गोद, दिल को ममता से भरे,
सुरभी को प्यार से, अंक में समा समेटा,
जन्मदिन आकांक्षा, सदा खुश हो विभु बेटा.
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लल्ला, बच्चा साथ में, मिले अनेकों नाम,
पापा जब खुद बन गए, घर से करते काम,
घर से करते काम, बेटा नखरे दिखाता,
गोद में दादी की, आते ही मुस्कराता,  
विभु श्री मान को दें, आशीषों भरा पल्ला,
सदा सुखी ही रहें, हमारे प्यारे लल्ला.
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विभु भाई की हो रही, सभी जगह जयकार,  
पापा मम्मी का मिला, उसको सारा प्यार, 
उसको सारा प्यार, सुरभी से दिल लगाया, 
रही कृपा काल की, अनूठा फल है पाया, 
मस्ती छाई रहे, उन सबको खुश करें प्रभु, 
हो हमारी वांछा, जन्मदिवस मुबारक विभु. 
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देखा हमने शान से, दिल ले रहा हिलोर, 
मन मयूर मोहित हुआ, जब भी दिखा विभोर,
जब भी दिखा विभोर, रोम रोम हुआ पुलकित, 
रखता हृदय विशाल, नहीं जरा भी संकुचित, 
कर पूरा विश्वास, आदर को सदा परखा, 
देते हम आशीष, जब सुरभी संग देखा.
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शादी वर्षगाँठ - विश्रुत - शैंकी - 22
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शैंकी और विश्रुत से, है निवास गुलजार,
दोनों को आशीष दें, करते खूब दुलार,
करते खूब दुलार, हॅंसी रिद्धू को भाती,
मूड देखकर ऑफ़, उस को रुलाई आती, 
रील, चित्र प्रेम से, बनती उनकी प्रैंकी,
मिले बधाई उन्हें, सुखी रहें विश्रुत शैंकी.
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खास दिवस है आज का, विशु शैंकी जब एक,
पालन सातों वचन का, देखें लोग अनेक,
देखें लोग अनेक, रिद्धू गड़बड़ी करते,
उस कारण रार हो, मजे में लल्ला हँसते,
एकसाथ वह रहें, मिल जुल कर बैठें पास,
लें दोनों आशीश, बने आज दिन कुछ खास.
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शैंकी ने आ कर यहाँ, विश्रुत लिया संभाल,
आपस में साथ रहे, लगे भले छह साल.
लगे भले छह साल, पुत्र चार के बताते,
करती प्रेम शैंकी, लला झगड़े सुलझाते,
रहे सलामत युगल, मजे करे स्वस्थ शैंकी,
जीवन में कामना, लें विशु और शैंकी.
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शैंकी विशु के साथ में, लेती फेरे चार, 
कामोठे में आ गई, बन ललाट शृंगार, 
बन ललाट शृंगार, सबकी प्यारी चहेती, 
मोहक व्यवहार से, वश में हमें कर लेती,
ईश्वर ने दिया उन्हें, रिद्धू सा एक मंकी, 
करते हम कामना, खुश हों सदा विशु शैंकी. 
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देखा शैंकी ने हमें, निभा उचित सम्मान, 
साथ मिला विशु का उसे, आई उसकी जान, 
आई उसकी जान, रिद्धू कर रहा लीला, 
गुस्से में वह करे, आँसू से बदन गीला, 
रहे सलामत युगल, प्यार का बनता लेखा,
हम देते आशीष, शैंकी संग विशु देखा. 
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बच्चे के दिल मिल गए, छाया मधुरिम हास, 
जीवन महका खुशी से, भर आया उल्लास, 
भर आया उल्लास, बदले नज़र नज़रिया,
एक अलग लग रही, उनकी प्यारी दुनिया, 
बाद तीन साल शादी, आपस में ही सच्चे, 
दोनों को दें आशीष, खुश हमारे बच्चे.
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दो दिल मिल गए, एक के दो, दूजे के बाईस,
दोनों जोड़ों को दिल से, देते हम आशीष,
देते हम आशीष, लुटाएं सारा प्यार, 
धीरे धीरे बढ़ गया, अपनों का संसार, 
शादी की वर्षगाँठ पर, दोनों जोड़ों को बधाई दो. 
एक ने पूरे बाईस किए, तो दूजे के हुए केवल दो.
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जीवन में मिसाल बना, पति-पत्नी विश्वास,
इन दोनों के बीच चले, गहन एक ही सांस, 
गहन एक ही सांस, खिले उनका मन उपवन, 
करें सार्थक नाम, हमदम रहें आजीवन,
शादी की आशीष दें, मिल कर हम सभी जन, 
खिलें गुल, महके बगिया, मंगल बने जीवन.
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भाव पुष्प पल्लवित हुए, निकला पूरा एक साल,
सोच परस्पर बढ़ रही, मिला मिला कर ताल,
मिला मिला कर ताल, हो विकसित जीवन परिचय, 
विश्वास बने अवलंब, सत्य का हो निश्चय, 
जीवन में न आए कभी, आपसी दुर्भाव,
आशीष देते परिवारजन, बना रहे सद्भाव.
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जन्मदिन प्रानिका - 21
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बेटा प्रीशु मस्ती में, झूमे भाई साथ,
बड़ा मज़ा आता उसे, आगे दो दो हाथ,
आगे वह स्कूल में, हो क्रीड़ा या संगीत,
कहे खूब कहानी, या त्योहारों की रीत,
सब कुछ वह कर सके, बात में हमें लपेटा,
रहे मुदित वह सदा, देते बधाई बेटा.
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छोटी सी बिटिया बड़ी, हुई बहुत शैतान,
रौब जमाए भ्रात पर, खींचे उसके कान,
खींचे उसके कान, सीने से वह लगाती,
रियान स्कूल में ही, घर का काम निपटाती,
देते सब आशीश, बड़ा हो खींचे चोटी,
प्यारी सबकी रहे, यह बिटिया प्रीशु छोटी.
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छोटी बिटिया हो गई, जबरदस्त शैतान,
सारे घर में घूमती, सबको कर हैरान, 
सबको कर हैरान, नए गुल रोज खिलाती,
खेल खेल में मजे, ले नई बात बनाती,
आम हँस कर खाए, नाज से खाती रोटी,
देते हैं आशीष, प्रीशु बने सदा छोटी.
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अदा प्रीशु पर मर मिटे, देखो इसके हाल, 
है तो छोटी छोकरी, करती खूब धमाल. 
होंठों पर हलकी हँसी, मीठी सी मुस्कान, 
रहे शरारत झाँकती, मस्ती भरी जुबान. 
मस्ती की बातें करे, हँसती है दिल खोल. 
तुतला कर बोले कभी, प्यारे उसके बोल. 
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तीस मास की प्रानिका, हुई बड़ी शैतान, 
दादा दादी छिड़कते, उस पर अपनी जान. 
सीख गई वह बोलना, काटे सबके कान,
चतुराई से बात कर, अकल दिखाती शान.
अपना संबोधन कहे, खुद से करे पुकार, 
छुटकी, गुड़िया, प्रीशु से, पूरा घर गुलज़ार. 
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छोटी सी बिटिया सरल, दिखती है शैतान, 
करतब उसके देख कर, आ जाती मुस्कान. 
बातें सबकी समझ ले, कहे नहीं कुछ बात,
हमें इशारे वह करे, दे अनुपम सौगात. 
उसकी मुस्की देख कर, हर्षित सारे मीत, 
सुखी रहे, आगे बढ़े, निभे जगत की रीत. 
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छोटी सी प्रिय बालिका, काटे सबके कान, 
करामात उसकी लखे, हर कोई हैरान. 
अपने मन में समझ ले, खुद की बातें चार, 
मन चाहे तो बोलती, सुनो तोतला प्यार.
डेढ़ साल की प्रानिका, हो जाती है आज, 
छोटी कब बड़ी हो गई, बूझे सकल समाज. 
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जीवन में ऊपर उठी, पाए नए मुकाम,
मिले आज प्रानिका को, मुश्किल नाना काम, 
उठना, चलना, बैठना, करती सुबहो-शाम, 
धीरे-धीरे बोलती, पापा, दादा, माॅम. 
तेल लगा, मालिश करा, टब में करे हमाम, 
चावल, रोटी खा करे, बस थोड़ा आराम.
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छोटी सी बेटी विकट, चलती अपनी चाल, 
खेल रही बरतनों से, छुए नहीं वह बाॅल, 
छुए नहीं वह बाॅल, शुरू हो पैदल चलना, 
रो कर दूध पीती, बड़ी अनुपम यह ललना, 
हम देते शुभ आशीष, पाए खुशी बेटी, 
मिले बधाई सभी से, बढती लली छोटी. 
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होती बच्ची प्रानिका, जीवन का नव मास,
सदा बढे़ हर रोज वह, होती है बदमास.
शैतानी पर हैं फिदा, माता, दादा, तात, 
दादी की मत पूछिए, पुलकित सारा गात.
चाचा, मामा ने दिए, शादी के उपहार, 
चाची, मामी से मिला, उसको हर दम प्यार. 
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मम्मी पापा के साथ, आ ली घर में आज,
मुँह जुट्ठी देवी करे, खाए खूब अनाज. 
खाए खूब अनाज, फिर हो जाए बलवान, 
विद्या, बुद्धि में भी, पाए प्रथम स्थान,
बाबा बड़े प्यार से, देते उसे चुम्मी,
प्रसन्न रहे प्रनिका, और पापा मम्मी.
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पाँच माह की प्रानिका, बैठन लागी यार, 
दादी, बाबा को कहूँ, बता दो समाचार,
बता दो समाचार, मालिश करें हैं दादी, 
सुबह शाम दे रहीं, मुझ को आशीरवादी,
मेरी सूरत लख कहें, तनिक न आए आँच, 
आनंद मना कर मिले, पूरे अमृत पाँच. 
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चार माह की प्रानिका, भरे खूब हुँकार, 
माँ जी ममता वारती, पापा करें दुलार.
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प्रानिका जीवन क्रीड़ा, करे, बहुत खुश आज, 
प्रमुदित मन आशीष दें, हमको उस पर नाज, 
हमको उस पर नाज, नित नव गुल खिलाती, 
दो माह से यही अदा, सबके दिल समाती, 
हरकतों से उसकी, किस्मत सितारा चमका, 
सदा प्रगति करती रहे, नन्हीं बच्ची प्रानिका. 
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पचास दिन की हो गई, प्रानिका बच्ची आज,
मजा, प्यार सभी का ले, बढ़ गए उसके नाज,
बढ़ गए उसके नाज, डकार गई डकार,
हफ्ते में पॉटी करे, केवल एक ही बार, 
आशीष सारे देते, रहे सदा उल्लास, 
स्वर्ण दिवस की कामना, ऐसे कई पचास.
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प्रानिका की प्रतीक्षा, प्रति पक्ष, प्रति माह, 
प्रीशा दर्शन की प्रगति, प्रस्तुत होती चाह. 
प्रस्तुत होती चाह, प्रमाणित हो प्रमान, 
प्रति पल प्रगति परस्पर, प्रेम का प्रतिमान, 
प्रादुर्भाव प्रीत का पले, प्रबुद्ध प्रमाण प्रेमिका, 
प्रफुल्लित प्रदर्शन रहे, प्रसन्न प्रांगण में प्रानिका. 
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नातिन आई, नानू लाई, नानी लाई, 
खुशियाँ आईं, दादू पाई, दादी पाई, 
खूब मुस्काई, मामी भाईं, चाची भाईं, 
सूसू आई, पाॅटी आई, 
मम्मी से साफ कराई, 
डक्कू आई, छींकू आई, 
पापा से लाड़ लड़ाई. 
लल्ली आई, प्रानिका माई, 
सबकी प्यारी, छुटकी ताई. 
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आज दो देवी दर्शन दे गईं, पावन पर्व पुनीत, 
मिल गईं साक्षात लक्ष्मी, स्थापित नव प्रीत, 
स्थापित नव प्रीत, खुशियों से भरा जीवन, 
किलकारी दे वह हँसें, मुस्काए अपना प्रांगन, 
महकें सब परिवार, फूले फले समग्र समाज, 
इतिहास में जुड़ गया, यह अनुपम पर्व आज. 
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जन्मदिन रूपाली स्वीटी - 19
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रूपाली बेटी रहे, सदा सुखी संपन्न,
बेटी उसकी हो नहीं, कभी नाराज़ खिन्न,
कभी नाराज़ खिन्न, रहे सदा मुस्कराती,
चलती ऐसी चाल, ठुमकती इठलाती, 
पढ़ लिख लायक बनी, बेटी खुद सी बनाली,
सदा रहे खुशहाल, अपनी प्यारी रूपाली.
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रूपाली ने दे दिया, पूरे घर को प्यार, 
सब जन कहें समाज में, बिटिया बड़ी उदार,
बिटिया बड़ी उदार, कर लेती सीधी बात,
बेटी की पढ़ाई, करवाती वह हर रात,
परिवार में उसने, सबकी इज्ज़त बनाली,
खुश रहे प्रगति करे, अपनी लली रूपाली.
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रूपाली को दे रहे, मिल कर हम आशीश,
कृपा परिवार पर रहे, भली करें जगदीश,
भली करें जगदीश, जा कर बसें बंगलोर,
हँस कर बातें करे, दिल से है पूरी प्योर,
जन्मदिन की वाँछा, छाई रहे खुशहाली,
सदा मुस्काती है, अपनी खास रूपाली.
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रूपाली बेटा सुखी, खुश रहो लगातार, 
खुशियों से झोली भरे, कृपा करें करतार, 
कृपा करें करतार, हों पूरे सभी सपने,
महके खुद परिवार, सारे जन बने अपने, 
जन्मदिवस कामना, सुखों की भरती प्याली, 
बेटी पति साथ में, हँसे सदा ही रूपाली. 
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रूपाली बिटिया रही, सहज, सरल, गुणवान, 
रूप देख, मोहित हुए, श्री विवेक कमठान, 
श्री विवेक कमठान, बनी अति सुंदर जोड़ी, 
उनका बने भविष्य, अपनी नौकरी छोड़ी,
रही योग्यता प्रमुख, भली जगह संभाली.
जन्म दिवस मुबारक, रहे प्रसन्न रूपाली.
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शादी की वर्षगाँठ - ईषा व सिद्धार्थ - 18
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ईषा का सिद्धार्थ से, परिचय पिछले साल, 
साझा पति पत्नी करें, इक दूजे के हाल, 
इक दूजे के हाल, साथ रहे मिल परिवार, 
दोनों की नौकरी, दिन प्रति दिन बढ़ता प्यार, 
निष्ठा भंडार की, भरी रहती मंजूषा,
दुआ हमारी रहे, प्रसन्न सिद्धार्थ ईषा.  
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जन्मदिन - विवाँश - विभु की संतान - 8
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बड़े लाल विवांश हुए, किए तीन अब साल,
करते हैं हम सब दुआ, भली है देखभाल,
भली है देखभाल, बिल्कुल पिता सा लगता,
पुतला है अकल का, ध्यान से बातें सुनता,
कह दे सब बात को, मानो नहीं, खूब लड़े, 
हम देते आशीश, सदा सुखी हों लाल बड़े.
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साल उसे दो हो गए, नन्हा सा शैतान,
मोहक लीला वह करे, उसमें सबकी जान, 
उसमें सबकी जान, बातें कर रहा प्यारी,
कोशिश रहे उसकी, जम सके सबसे यारी,
दादा जी के साथ, करता वह खूब धमाल,
यूँ ही बढ़ता रहे, वह बालक सालों साल.
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एक बटा दो हो गया, अपना लल्ला आज, 
सभी बधाई दे रहे, छोड़े सारे काज.
सदा हमारा प्रिय रहे, लाला राम विवाँश,
भाई बड़े जिसके हुए, छोटे से हृदयाँश.
टाई बो में जम रहे, अपने प्यारे लाल, 
सूरत से शैतान है, सबके दीन दयाल. 
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बना जनक हर्षित किया, होते मुदित विभोर,
सुरभी की थी लालसा, पाए चाँद चकोर. 
आठ फरवरी को मना, घर में उत्सव खास, 
देखा जब नवजात को, बढ़ा हृदय उल्लास. 
आतुर दादा जी हुए, कब लें उसको गोद, 
चूसना, मुठिया दें उसे, मन में मानें मोद. 
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शादी की वर्षगाँठ - चुन्नी दीदी - जौहरी साहब - 7 
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बीना दीदी ने किया, भाई का उद्धार,
सींचा अपने प्रेम से, जीवन का आधार,
जीवन का आधार, प्यार से घर संभाला,  
तप कर उनके संग, स्वर्ण को कुंदन ढाला,
कठिन परिश्रम किया, दोनों जन हैं नगीना,
मिले बधाई उन्हें, भाई व दीदी बीना.
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दीदी तो चुन्नी बनीं, जीजा बने महेश,
साल तितालिस हो गए, चलते साथ विशेष,
चलते साथ विशेष, नहीं अहंकार बाकी,
एकाकी हो गए, घूमती जीवन चाकी,
चरण स्पर्श कर रहे, जिसके हम हुए आदी,
सारे दें बधाई, हों सुखी जीजा दीदी. 
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भाई, दीदी को नमन, दिल से करें प्रणाम, 
आज मिले दो दिल कहीं, नयनों को आराम, 
नयनों को आराम, लगी भली सी ज़िंदगी, 
दोनों ने मिल करी, इक दूजे की बंदगी, 
थी प्रयागराज में, जीवन सौगंध खाई. 
करते हैं कामना, हों सुखी दीदी भाई.  
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जनवरी 
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जन्मदिन उत्कर्ष मन्नू - 26
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देते ढेरों बधाई, कहें जिसे उत्कर्ष,
मिल कर सभी से लगता, मानो सबको हर्ष,
मानो सबको हर्ष, पढ़ाई में आगे,
इंजीनियर आधा, हो गया, नौकरी माँगे,
खुशी मिलें सदा ही, रहें वह आगे बढ़ते,
पा आशीश सबसे, हम सब दुआएं देते.
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भांजा तो अब बनेगा, पा कर नया प्रवेश, 
अभियंता बन कर चला, यू. एस. के विदेश,  
यू. एस. के विदेश, डी.जे.एस. के छात्र,
ऊँचा करके नाम, बने मान के पात्र,
है हरदम कामना, ले जीवन का हर मजा,
उन्नति हो हर जगह, बढ़ता ही रहे भांजा.
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आई मन्नू नाम से, होठों पर मुस्कान,
बड़े-बड़े करते नमन, गजब निराली शान. 
धीमी बोली बोलते, करके सबसे प्यार, 
लाते रोष नहीं तनिक, रखते उच्च विचार. 
पढ़ने में आगे रहें, खेलें नाना खेल, 
दें सब आशीष उन्हें, बढ़ती जीवन रेल. 
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मंथर गति से डोलते, शाँत, धीर, गंभीर, 
धीमे सुर में बोलते, अपने मामू वीर. 
पढ़ने में अव्वल रहें, आगे बढ़ते खेल, 
माता का अभिमान वह, रखे पिता से मेल.
बहना के भाई लगें, सारों के हैं मीत,
देते हम आशीष हैं, खूब निभाते प्रीत.
------------
मन मुदित हो रहा, हम झूम रहे सहर्ष,
दोनों अवसर बन गए, इक संविधान, दूजा *उत्कर्ष*, 
इक संविधान, दूजा उत्कर्ष, करे विकास चँहु ओर,
आशा किरन खिल उठी, पा अरुणिम विभोर,
देते हैं शुभकामना, हम हर पल, हर छन,
हो उदार दृष्टिकोण, स्वस्थ रहे तन, मन.
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जय जय मन्नू महाराज .
कृपा करो , हम दीन बंधु पर , हम करते  तुम पर नाज़ . जय जय मन्नू महाराज ,
श्रेया के तुम भैया होकर , दिल पर करते राज . जय जय मन्नू महाराज .
विशु की शादी में , डाँस किया , तो लग गई सब की वाट . जय जय मन्नू महाराज .
खेल कूद में सबसे आगे , सभी मान गए हार . जय जय मन्नू महाराज . 
मीठी बोली , मृदु मुस्कान पर , कौन न जाए वार . जय जय मन्नू महाराज .
रामू काका बन के , तुमने किया बहन उद्धार . जय जय मन्नू महाराज . 
नया अध्याय जोड़ लिया , मिले जब भी हर बार . जय जय मन्नू महाराज . 
इससे पहले मुग्धा दीदी के , दिल पर करते राज . जय जय मन्नू महाराज .
पढ़ने लिखने में , आगे रहते , चिंता है बेकार , जय जय मन्नू महाराज .
अब भाभी का प्यारा देवर बन के, कभी न खोले उनके राज, जय जय मन्नू महाराज .
हम सबके दिलों पर करते राज . प्रणाम लो महाराज . जय जय मन्नू महाराज .
वीडियो गेम में पारंगत, जीजा को भेंट करे हैं मात . जय जय मन्नू महाराज .
प्यारी सी मुस्कान वाले हैं हमारे मन्नू महाराज . जय जय मन्नू महाराज .
बोलो , मन्नू महाराज की जय.
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जन्मदिन ऐबी - 23 
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बिटिया एबी उमर में, बढ़ जाती इक साल,
उसका लल्ला साथ हो, करता खूब धमाल,
करता खूब धमाल, एबी उसको पढ़ाती,
ध्यान पूरा रखती, काम में हाथ बटाती,
देते हम आशीश, पकड़े कभी ना खटिया,
जन्मदिवस कामना, खुश रहे एबी बिटिया.
-----
बेटा ऐबी आ गया, छोड़ पुराना देश,
प्यार उसे इतना मिला, उत्सव रहा विशेष,
उत्सव रहा विशेष, राँची में काम देखा, 
पति बेटे के साथ, नेह ससुराल विशेषा, 
खुशी मिले सदा ही, दिल में राँची समेटा,
करते हैं कामना, लें दुआ ऐबी बेटा.
------
बेटे की मम्मी बनी, ऐबी लक्ष के हाथ, 
रोहित भी पापा हुए, अब बच्चे के साथ. 
अब बच्चे के साथ, प्यार से घर संवारा,
रहे विदेश में पर, भारत देश न बिसारा, 
घर बाहर भी काम, साथ समय के समेटे, 
देते हैं आशीष, सुखी हो ऐबी बेटे.
---------
ऐबी का अनुभव बढ़ा, दिन पर दिन हर साल, 
जीवन रोहित संग में, दौड़े सरपट चाल. 
ऐबी रहती हर समय, सेवा को तैयार, 
साझा दोनों ही करें, मिल कर यकीन,  प्यार.  
जन्म-दिवस की कामना, दें हम बारंबार, 
खुशी खुशी उनका बसे, सुखमय यह संसार.
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रोहित संग ऐबी है, सुखी जान परिवार,
सरल उसकी मुस्कान है, करती सबको प्यार, 
करती सबको प्यार, बसा लिया दिल में यार, 
मोहक उसकी अदा, करती खुशी संचार, 
जन्मदिन की शुभकामना, हो हर तरह से हित, 
मंगलमय जीवन रहे, फलें ऐबी-रोहित.
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जन्मदिन अंकित - 21 
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लल्ला अंकित हँस रहे, स्वागत को तैयार,
मुग्धा कहती साथ में, आओ मेरे यार,
आओ मेरे यार, उमड़ता दिल से दुलार,
सब से लें बधाई, करके उनका आभार,
हम देते आशीश, अंकित का लगा बिल्ला,
सीढ़ी चढ़ प्रगति की, दिखें प्रिय अंकित लल्ला.
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देखा ऑफिस को नहीं, निकला पूरा साल,
कोरोना ने कर दिया, गड़बड़ खूब धमाल,
गड़बड़ खूब धमाल, घर से करते सब काम,
रातों में भी लगे, करा नहीं कुछ आराम, 
रहे दुआ हमारी, भला करमों का लेखा,
अंकित परिवार हो, सुखी जिसने भी देखा.
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अंकित जी आशीष लो, पूज्य श्री मेहमान, 
स्वस्थ रहें, आनंद लें, मौज करें श्रीमान, 
मौज करें श्रीमान, प्रीशु को गोद खिलाते, 
अनुभव से लाभ ले, जीवन सार्थक बनाते,  
ब्लाॅग लिखते अपना, करें नव रचना संचित, 
जन्मदिन मुबारक, खुशियाँ मनाते अंकित. 
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अंकित रखें शौक नए, करें नहीं विश्राम, 
मिले सफलता हर जगह, जीवन के आयाम, 
जीवन के आयाम, क्रिकेट शौक बरकरार, 
फूलें बिटिया देख, करते प्यार बेशुमार,
करते हम कामना, कष्ट रहे नहीं किंचित,
बढ़ते आगे रहें, हमारे प्यारे अंकित. 
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मोहक छवि धारण करें, सौम्य मृदुल व्यवहार, 
आशीष बड़ों से लेते रहें, छोटों को देते प्यार,
छोटों को देते प्यार, संस्कार से चरित्र निखारें,
निष्ठा से करके काम, दायित्व को दिल में धारें,  
स्वस्थ, प्रसन्न रहें सदा, चरम नम्रता के साधक,
जन्मदिन की शुभकामनाएँ, पाएँ अंकित श्री मोहक.
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जन्मदिन अंकित का हुआ, कई तरह से खास, 
उस दिन आई प्रानिका, भरने मधुर मिठास. 
भरने मधुर मिठास, पाए खुशियाँ भरपूर, 
पूरा हुआ विकास, मिली पदोन्नति जरूर, 
शुभेच्छाएँ देते हम, रहें वह खुश हर दिन,
हो मुबारक अंकित को, खास उसका जन्मदिन. 
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बेटा अंकित पा गए, तीस बरस का ज्ञान, 
मुग्धा के संग रच लिए, जीवन के अरमान,
जीवन के अरमान, अनुभव का नया आयाम, 
हों स्वप्न साकार, सफलता करे प्रणाम,
हों सुखी सम्पन्न सर्वदा, रहे न कोई टोटा,
बिन माँगे पाएँ आशीष, खुश रहे अंकित बेटा
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खिला खिला अंकित रहे , मृदुल मधुर मुस्कान ,
मन प्रफुल्लित रहे सदा , बनी रहे पहचान , 
बनी रहे पहचान , मन में हमरे बस जावें ,
करते रहें सम्मान , जब भी वो घर पर आवें ,
दिल से दें शुभकामना , दूर रहे हर बला , 
मुग्धा संग मस्त रहे , हर पल खिला खिला .
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शादी की वर्षगाँठ राधा (नीलू) व सौरभ - 18
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राधा मिली सौरभ से, ठीक एक ही साल,
फिर भी कैसा हो गया, उनके दिल का हाल, 
उनके दिल का हाल, देखे बिन कठिन रहना,
ऐसा प्यार छाया, दिल का परस्पर मिलना, 
हम करते कामना, हो नहीं कोई बाधा, 
मुस्काएँ वह सदा, सुखी हों सौरभ राधा.
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शादी की वर्षगाँठ स्वीटी और रूपाली कमठान + विवेक -15
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स्वीटी और विवेक का, मिलन हुआ था आज,
सभी आशीश दे रहे, गीत गाता समाज,
गीत गाता समाज, टिया है प्यारी बिटिया,
गुण, कौशल संपन्न, परिवार संभाल लिया,
हम करते कामना, सुख की मलाई चाटी,
मुस्कुराते रहते, मिलें जब विवेक स्वीटी.
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रूपाली को बिदा कर, पापा थे कुछ खिन्न, 
कहते अपनों से यही, बेटी रहे प्रसन्न,
बेटी रहे प्रसन्न, विवेक संग मौज करे,
लली सुहानी साथ, खुशियाँ जीवन में भरे, 
रही बंगलोर में, शैली सैनिक बना ली,
सदा सुखी वह रहें, मिलें विवेक रूपाली.
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शादी रूपाली की हुई, विवेक श्री के साथ, 
बेटी थामे प्यार से, प्राण नाथ का हाथ,  
प्राण नाथ का हाथ, रही समर्पण भावना, 
निस्स्वार्थ सेवा ही, उसकी रहती कामना, 
निपटा घर के काम, होती हर तरह आदी, 
देते हैं आशीष, मुबारक उनकी शादी. 
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शादी रूपाली की हुई, विवेक श्री के साथ, 
बेटी थामे प्यार से, प्राण नाथ का हाथ,  
प्राण नाथ का हाथ, रही समर्पण भावना, 
निस्स्वार्थ सेवा ही, उसकी रहती कामना, 
निपटा घर के काम, होती हर तरह आदी, 
देते हैं आशीष, मुबारक उनकी शादी. 
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पूरे ग्रुप की ओर से, प्रतिमा से अनुरोध, 
स्वीटी और विवेक में, रहे नहीं अवरोध. 
आज दिवस पर कामना, करते गुरु आशीस, 
सुखी और समृद्ध हों, दिल से रहें रईस.
बिटिया उनकी हो सदा, हँसमुख और प्रसन्न, 
पढ़े-लिखे आगे बढ़े, रहे कदापि विपन्न.
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ऋग्वेद - 7
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घटना ऐसी कुछ घटी, गए साल की बात,
अस्पताल को जा रहे, मार पेट में लात, 
मार पेट में लात, आने की जल्दी रही,
देखूं मैं संसार, पीर प्रसव की मात सही,
सुखी हुआ परिवार, भाई पा गईं बहना,
देते हम आशीश, रिग्वेद की हर घटना.
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सिहरा वेदू नाम से, पूरा ही परिवार,
आया है शैतान अब, उलट पलट घर बार,
उलट पलट घर बार, प्रीशु को आंख दिखाता,
बदमाशी दिल बसे, उसकी डाट लगवाता,
दादू घोड़ा बनो, मेरा रहेगा पहरा,
चलो जल्दी आओ, नहीं तो सब घर सिहरा.11.

दाॅंत दिखाता मैं चलूं, घूमूं फ्लैट तमाम,
मजा आप को आ रहा, वेदू मेरा नाम,
वेदू मेरा नाम, बस, चंद दिनों में बोलूं,
बात तोतली करूं, कानों में अमृत घोलूं,
जल्दी दे दो दूध, भूख से निकलती ऑंत,
मुझको दो आशीश, वरना देखो दो दाॅंत.10.

चलने की कोशिश करूॅं, मेरा रहे प्रयास,
आप देखते ही रहो, ऐसा है विश्वास,
ऐसा है विश्वास, सबके काट सकूॅं कान,
जब वाणी मुखर हो, रखूं सदा सबका मान,
मिले आशीश मुझे, देख कर सुंदर सपने, 
टा-टा बाय मेरी, मैं चला, घर पर चलने. 9.
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एक माह में बढ़ गई, मेरी नटखट रीत,
सुनने को तैयार हो, गाऊॅं सुंदर गीत,
गाऊॅं सुंदर गीत, रखो दाॅंत में उंगली,
मैं काटूॅं प्यार से, सब में मचती खलबली,
नज़र मारते मुझे, कहें जड़ो चपत अनेक,
काफी हूॅं अकेला, मात्र रिग्वेद ही एक. 8.
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अभी रेंगता दिख रहा, कल को जाऊॅं भाग,
आगे आगे देखना, क्या गाऊॅं मैं राग,
क्या गाऊॅं मैं राग, सबको रोना सुनाऊं,
खाने से पेट भर, दौड़ तेज से लगाऊॅं,
कैसे कैसे चलूॅं, हैरत से देखो सभी,
वेदू हूॅं सात का, दें आशीश आप अभी. 7.
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नाम बदल कर आ गए, वेदू जी श्रीमान,
उनकी हरकत बढ़ रही, छोटे से शैतान, 
छोटे से शैतान, हौले से मुस्की मारे,
पूरे छः माह में, खाएं फल खीर प्यारे,
अभी बैठ भी सकूँ, करता आप को प्रणाम, 
कहो आशीष मुझे, वेदू है मेरा नाम. 6.
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रिग्गू आ कर मजा ले, नाना नानी साथ, 
किलकारी हो जोर की, करता सबसे बात, 
करता सबसे बात, भरे जोर का हुँकारा,
करे खूब आवाज, आँखें करती इशारा, 
मुझे बधाई मिले, कब खाना चखूँ  चुग्गू, 
मैं खुश हूँ हमेशा, आपका प्यारा रिग्गू. 5.
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आया मजा जीवन का, होते मेरे चार,
सीखा मैं ने बहुत कुछ, पाया सबका प्यार, 
पाया सबका प्यार, अब मैं करवटें लेता, 
हाथ पैर हिलाता, नजरें भी घुमा लेता, 
खाऊँ अगले माह, स्वाद आपने चखाया,
आप बुलाओ मुझे, मैं मुस्की मार आया. 4.
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नानी के घर आ गया, प्यारा सा शैतान,
सारे उसको चूमते, वह है सबकी जान,
वह है सबकी जान, हौले से मुस्की मारे,
शांत मन से लेटा, गालों के गड्ढे प्यारे,
निर्भर है दूध पर, नहीं कभी पिया पानी,
धाड़ मार कर रुदन, करके बोलता नानी. 3.
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बच्चा छोटा जान कर, भरो प्यार के रंग,
मेरी हरकत देख कर, रह जाओगे दंग,
रह जाओगे दंग, जल्दी हो जाऊँ बड़ा,
सीख जगत व्यवहार, आदर्शों पर मैं अड़ा,
होली पर लग गले, कहूँ मैं सबसे सच्चा,
मेरा लगे गुलाल, मैं हूँ आपका बच्चा. 2.
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एक माह के हो गए, प्यारे से रिग्वेद,
उसे मनाते ही रहे, निकले सबका स्वेद,
निकले सबका स्वेद, छोटा सा अपना लाल,
खोल नयन देखता, दादू का पूरा माल, 
सबसे आगे बढ़े, सीख ले विद्या अनेक,
उस समान ना दिखे, खास रहे केवल एक. 1.
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जन्मदिन सविता - 5
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मिले बधाई आप की, सविता खुश हो जाय,
साथ रहे यदि पति वहाँ, मन ही मन मुसकाय,
मन ही मन मुसकाय, आवाज से हर्षाते,
बच्चे भाग वाले, उसे मम्मी कह पाते,
पाए आशीश वह, मुख हमेशा ही कह ले,
सदा सुखी वह रहे, सबकी दुआ वह पा ले.
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सत्तर में पैदा हुई, खुद के सत्तर साल,
अंतर अपने जन्म में, केवल सत्रह साल,
केवल सत्रह साल, बड़ों सी बातें करती,
घर को संभाल कर, राज भी घर पर करती,
अनुभव से जम गईं, महकीं सुगंधित  इत्तर,
मिलें उन्हें नव खुशी, हो अनुपम वर्ष  सत्तर.
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पड़ती शब्दों की कमी, करना हो तारीफ़, 
दिखे नहीं कोई कमी, सविता बड़ी शरीफ़, 
सविता बड़ी शरीफ़, प्यार से गले लगाती,
दिए संस्कार सभी, गलतियों पर हड़काती, 
जन्मदिन की कामना, हो हर क्षेत्र में बढ़ती, 
सविता आशीष ले, उसे कमी नहीं पड़ती.
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जन्मदिन दिनेश - 4
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पापा जी को जन्मदिन की पूर्व संध्या पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
सन् तिरपन में जन्म हुआ, बीसलपुर के लाल|
नाम रखा दिनेश लल्ला, सूरज जैसे उजाल |
सबसे बड़े इस बाल ने, पाया भाई बहनों का प्यार ।
मम्मी पापा के लाल, पढ़ाई में होशियार |
नौ बजे के बाद, कभी ना करी पढ़ाई।
चुनौती स्वीकारी लोगों की, अपनी फतेह लहराई |
फिजिक्स और मैथ्स के गोल्ड मेडल संग, ONGC में नौकरी पाई।
वन्दना से कर विवाह, विश्रुत और मुग्धा आयी |
देहरादून से बंबई via बड़ौदा जोरहाट कराईकल, अपनी धाक जमायी|
राजभाषा का कर प्रचार, अलग पहचान बनाई|
सन् दो हज़ार तेरह में, सफ़ल सेवा निवृत्ति पाई |
कर विवाह बच्चों का, अंकित व शैंकी आएं|
लिखकर कविता और दोहे, whatsapp पर छा जाएं |
दादू नानू बनकर खूब खुशियां मनाए | 
देश विदेश का कर भ्रमण, ख्वाब पूरे करते जाएं|
मिलता रहे आशीर्वाद सदा, यही हमारी मनोकामना |
हम देते पापाजी को जन्मदिन की शुभकामना |
हैप्पी बर्थडे आपू | 
सप्रेम भेंट - शैंकी
अन्तिम लाइन क्रेडिट - विश्रुत‌
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आप हमें दें कामना, गुरुजन दें वरदान,
कृपा हमें मिलती रहे, छू सकें आसमान,
छू सकें आसमान, कर पाएं जग कल्यान,
कोई नहीं विकार, स्वयं कर सकें सम्मान
स्वस्थ रहे हम सदा, करें नहीं कोई पाप,
साथ मिले, खुश रहें, बातें करते हम आप.
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जन्मदिन की शुभकामनाएँ, देती हर्ष अपार,
आपकी सहृदय आशीष ने, भर दिए भंडार, 
भर दिए भंडार, गया ग्लानि, द्वेष का दानव,
प्रार्थना करते ईश से, बना रहूँ सरल मानव,
छल कपट से दूर, आप हम जुड़े रहें अभिन्न,
स्वीकारें आपका उपहार, मनाएँ अपना जन्मदिन.  
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पालन करना बाल का, कर्तव्य बहुत पुनीत, 
काल सुधारे आज का, पीछे रहा अतीत. 
पीछे रहा अतीत, कल के सपने सुनहरे,
पति, बच्चों के साथ, रोल के अलग चेहरे, 
रहे संपन्न, प्रसन्न, कर में नहीं बेलन,
हो मुबारक जन्मदिन, भले से करे पालन.
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जन्मदिन मौसी - 1
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मौसी मूरत मात की, लुटाए ममता, जान,
देवे असीम प्यार, स्नेह, आशीषों की खान,
आशीषों की खान, कहते कुछ उसको खाला,
बच्चों की खातिर, पी जाए जग की हाला,
सदा करो सम्मान, विश्वास से बनाओ पड़ौसी, 
सदा कृपा करती रहें, स्नेह बनाएँ अपनी मौसी.
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